Durga Puja Special Beguni Recipe: दुर्गा पूजा में प्रसाद के लिए जरूर बनाएं बेगुनी, इसके बिना अधूरी मानी जाती है पूजा
Durga Puja Special Beguni Recipe: दुर्गा पूजा के विशेष अवसर पर बंगाल में प्रसाद की एक अलग थाली तैयार की जाती है। इस थाली में जितनी भी चीजें परोसी जाती है, वो सभी बंगाली परंपरा से जुड़ी होती हैं। इस थाली का एक हिस्सा है बेगुनी, इस भोग को खिचुरी के साथ परोसा जाता है। इस कुरकुरी बेगुनी का स्वाद हर किसी को भाता है, इसे बनाना भी काफी आसान है। दुर्गा पूजा जिसे दुर्गोत्सव भी कहा जाता है, ये बंगालियों का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दौरान माता को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के पारंपरिक भोग बनाए जाते हैं। इस लेख में इन्हीं पारंपरिक भोग में से एक बेगुनी की आसान रेसिपी जान लेते हैं।
Durga Puja Special Beguni Recipe: दुर्गा पूजा में ऐसे बनाएं कुरकुरी बेगुनी

सामग्री
- बैंगन- 1 पतले टुकड़ों में कटे हुए
- बेसन- 1 कप
- चावल का आटा- ½ कप
- लाल मिर्च पाउडर- 1 चम्मच
- हल्दी पाउडर- 1 छोटा चम्मच
- धनिया पाउडर- 1 छोटा चम्मच
- गरम मसाला- चुटकी भर
- नमक- स्वादानुसार
- तेल- 2 बड़े चम्मच
- हल्दी पाउडर- 1 चम्मच
- अजवाइन- 1 चम्मच
विधि
- बेगुनी बनाने के लिए सबसे पहले बैटर तैयार करते हैं, इसके लिए बेसन और चावल के आटे को साथ में मिलाकर नमक, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और गरम मसाला मिलाएं।
- इसके बाद बैंगन को अच्छे से धोकर, लंबे-लंबे टुकड़ों में काट लें।
- एक कढ़ाई में हल्की आंच पर तेल गर्म करें।
- अब कटे हुए बैंगन के टुकड़ों को बेसन के घोल में अच्छे से डुबोकर, तेल में तलने के लिए डालें।
- बेगुनी को दोनों तरफ से उलट-पलटकर कुरकुरा होने तक पकाएं।
- जब ये अच्छे से पक जाएं, तो तेल से निकालकर एक पेपर पर रख दें।
- इसके बाद इसको गरमा-गरम परोसें।
ये भी पढ़ें: Navratri 2025 Kanya Pujan: 30 सितंबर या 1 अक्टूबर, कब करें कन्या पूजन? जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त
Navratri 2025 Kanya Pujan: हिन्दू धर्म में नवरात्रि की अष्टमी और नवमी का विशेष महत्व है, मान्यता है कि इन दोनों दिन कन्याओं को भोजन कराया जाता है और पूजा-पाठ की जाती है। इस दिन छोटी-छोटी कन्याओं को देवी का रूप मानकर आमंत्रित किया जाता है और श्रद्धापूर्वक भोजन करवाकर विदा किया जाता है। महाष्टमी और महानवमी पर कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं।
इस विशेष दिन माता रानी की विधि-विधान से पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। नवरात्रि का समापन भी नजदीक है, इस साल 22 सितंबर से नवरात्रि शुरू हुए थे। इस बार कुछ लोग नवरात्रि का समापन 30 सितंबर को और कुछ लोग 1 अक्टूबर को कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं की कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजन-विधि क्या है।
कब है महाष्टमी?
अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन मास की अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 सितंबर को शाम 4:31 बजे से हो रही है और समापन अगले दिन 30 सितंबर को शाम 6:06 बजे होगा। उदयातिथि के अनुसार, अष्टमी 30 सितंबर को मनाई जाएगी।
महाष्टमी शुभ मुहूर्त
30 सितंबर को महाष्टमी मनाई जाएगी। इसके कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त हैं-
- पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 5:01 बजे से लेकर सुबह 6:13 बजे तक
- दूसरा शुभ मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 11 मिनट तक
- तीसरा और अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बीच आगे पढ़ें...