Dussehra 2025: आज मनाई जा रही है विजयदशमी, जाने रावण दहन का शुभ मुहूर्त
Dussehra 2025: हर साल दशहरा काफी धूम-धाम से मनाया जाता है। इसे विजयदशमी भी कहा जाता हैं। इस दिन देश वासियों को अधर्म पर धर्म की जीत प्राप्त हुई थी। रावण जलाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है, इस साल 22 सितंबर से नवरात्रि की शुरुआत हुई थी। लोग नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं। कुछ लोग नवरात्रि के पूरे दिनों का व्रत रखते हैं। और देश के हर कोने-कोने में दुर्गा पंडाल लगता है। लोग माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं।
इस साल महानवमी अक्टूबर 2025 को थी। आज यानी 2 अक्टूबर को रावण दहन के बाद नवरात्रि का समापन हो जाएगा। देश में ऐसी बहुत सी जगह हैं जहां रावण के साथ-साथ मेघनाथ का पुतला भी जलाया जाता है।
इस दिन हर रामलीला मैदान में मेला लगता है। इस मेले में ढेरों संख्या में लोग आते हैं इस त्योहार का इंतज़ार लोग बड़ी ही बेसब्री से करते हैं। मेले में कई तरह के झूले लगते हैं, जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। लोग अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ इस मेले में घूमने जाते हैं। नवमी तक तो माता की पूजा होती ही है लेकिन दशमी के दिन भी पूजा की जाती है और राम जी के मंत्रों का जाप किया जाता है। आइए जानते हैं कि रावण जलाने का सही समय और शुभ मुहूर्त क्या है।
Ravan Dahan 2025 Timing: रावण दहन का सही समय

विजयदशमी तिथि पर दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। रावण दहन करने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। इस दिन शस्त्र पूजन को भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। हर वर्ष आश्विन माह की शुक्ल पक्ष को विजयदशमी तिथि के दिन यह त्योहार मनाया जाता है। विजयदशमी पर ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। विजयदशमी के दिन रात को रावण दहन किया जाता है। लेकिन इसका भी शुभ मुहूर्त और सही समय होता है।
Today Shubh Muhurat: आज का सुबह मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 1 अक्टूबर बुधवार से शाम 7 बजकर 2 मिनट से विजयदशमी तिथि का आरंभ हो गया है। आज के दिन शाम के 7 बजकर 2 मिनट पर दशमी तिथि का समापन हो जाएगा। लेकिन शास्त्रीय विधान के अनुसार, उदय तिथि 2 अक्टूबर को पड़ने से इस पूरे दिन को दशमी तिथि माना जाएगा।
Aaj Kitne Baje Jalega Ravan: रावण दहन मुहूर्त
आज के दिन शाम को प्रदोष काल के समय 6 बजकर 6 मिनट से लेकर 7 बजकर 19 मिनट तक रावण दहन के लिए सबसे सही समय माना जाएगा। इस अवधि के दौरान रावण जलाना सबसे उत्तम होगा। लेकिन विशेष परिस्थिति में 7 बजकर 45 मिनट तक भी रावण दहन का सही समय माना जाएगा।
राम जी की आरती
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
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