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ई-वाहन से रोजगार में नहीं आनी चाहिए कमी : सावंत

सावंत ने कहा कि उनके मंत्रालय को 14 विभिन्न शहरों से फेम कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए 15,000 बसों का आग्रह प्राप्त हुआ है।

07:28 AM Jul 27, 2019 IST | Desk Team

सावंत ने कहा कि उनके मंत्रालय को 14 विभिन्न शहरों से फेम कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए 15,000 बसों का आग्रह प्राप्त हुआ है।

नई दिल्ली : भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री अरविंद गणपत सावंत ने शुक्रवार को कहा कि ई-वाहन अपनाने के क्रम में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि रोजगार के अवसरों में कमी नहीं हों। उद्योग मंडल एसोचैम की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सावंत ने कहा कि उनके मंत्रालय को 14 विभिन्न शहरों से फेम कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए 15,000 बसों का आग्रह प्राप्त हुआ है। 
मंत्री ने कहा कि वाहनों का इंजन बनाने वाली कुछ कंपनियों ने उनसे कहा है कि इन इंजनों के लिए अधिक कल-पुर्जों की जरूरत है, जिससे वाहन उद्योग में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘ई-वाहनों में कल-पुर्जों की संख्या कम हो जाएगी, ऐसे में रोजगार के अवसर में भी कमी आ जाएगी।’ मंत्री ने कहा कि भारत रोजगार के अधिक अवसरों का सृजन चाहता है। ऐसे में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि ई-वाहनों को अपनाने से रोजगार के मौकों में कमी ना हो। 
सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने 2023 तक तीन पहिया वाहनों के लिये पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की योजना बनाई है। इसके साथ ही 150 सीसी तक के दोपहिया वाहनों के लिये 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना लिया जायेगा। नीति आयोग में प्रधान सलाहकार अनिल श्रीवास्तव ने कहा की इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में बढ़ने के मामले में जो सबसे बड़ी चुनौती है वह है सोच में बदलाव लाना। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार पहले कुछ भारतीय बैटरी विनिर्माता कंपनियों को कुछ वित्तीय प्रोत्साहन भी दे सकती है।
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