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उत्तराखंड में E-विधानसभा एप्लीकेशन NEVA लॉन्च, विधायी कार्यवाही होगी डिजिटल

सीएम धामी ने विधानसभा सत्र के लिए नेवा एप्लीकेशन किया लॉन्च

08:06 AM Feb 18, 2025 IST | Vikas Julana

सीएम धामी ने विधानसभा सत्र के लिए नेवा एप्लीकेशन किया लॉन्च

उत्तराखंड में e विधानसभा एप्लीकेशन neva लॉन्च  विधायी कार्यवाही होगी डिजिटल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण के साथ देहरादून में विधानसभा भवन में विधानसभा सत्र के लिए ई-विधानसभा एप्लीकेशन (नेवा) लॉन्च किया। सीएम धामी ने विधानसभा परिसर में विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण से शिष्टाचार भेंट भी की।

इस पहल का उद्देश्य विधायी कार्यवाही को डिजिटल बनाना, शासन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना है। इस अवसर पर बोलते हुए, सीएम धामी ने विधानसभा संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए डिजिटल समाधान अपनाने के महत्व पर जोर दिया। राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत 44 मिशन मोड परियोजनाओं (एमएमपी) में से एक है, जिसका उद्देश्य सभी राज्य विधानसभाओं को डिजिटल सदन में परिवर्तित करके उनके कामकाज को कागज रहित बनाना है।

पीएम मोदी की दूरदर्शी अवधारणा वन नेशन, वन एप्लीकेशन से प्रेरित होकर, नेवा विधानसभा की कार्यवाही को पूरी तरह से कागज रहित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पहले सोमवार को पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर पर चर्चा के लिए बैठक की, जहां उन्होंने अधिकारियों को रिस्पना और बिंदाल कॉरिडोर के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर को एक्सप्रेसवे से जोड़कर केंद्र से सहयोग मांगने और राज्य क्षेत्र से जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं। देहरादून में तेजी से बढ़ती जनसंख्या व वाहनों की संख्या, पर्यटकों की संख्या में वृद्धि तथा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद यातायात में संभावित वृद्धि को देखते हुए मुख्यमंत्री ने देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर का कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

रिस्पना नदी के तल पर 11 किमी लंबे तथा बिंदाल नदी के तल पर 15 किमी लंबे फोर लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य किया जाना है। इन नदियों के अंदर स्थित सार्वजनिक सेवाओं, विद्युत लाइनों, हाईटेंशन लाइनों तथा सीवर लाइनों को नदी के बाहर विस्थापित किया जाना है।

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