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पीट पीट कर हत्या को राजनीतिक एवं सांप्रदायिक रंग न दें : नायडू

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08:12 PM Jun 30, 2017 IST | Desk Team

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पीट पीट कर हत्या को राजनीतिक एवं सांप्रदायिक रंग न दें   नायडू
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नयी दिल्ली : किसी व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या किए जाने की घटना को निंदनीय एवं बर्बर करार देते हुए केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि कोई भी सभ्य समाज इसे नहीं स्वीकार कर सकता। इसके साथ ही उन्होंने ऐसी घटनाओं को राजनीतिक एवं सांप्रदायिक रंग नहीं देने की अपील की। सूचना एवं प्रसारण मंत्री नायडू का यह बयान देश भर में हुयी ऐसी कई घटनाओं के बीच झारखंड में भीड़ द्वारा एक मुस्लिम व्यक्ति की बीफ ले जाने के आरोप में पीट पीट कर हत्या किए जाने की पृष्ठभूमि में आया है।

नायडू ने पीटीआई से कहा, किसी भी व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या या हत्या निंदनीय और बर्बर है तथा कोई भी सभ्य समाज इसे स्वीकार नहीं कर सकता। यह संबंधित राज्यों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर है कि वे सख्त संभव कदम उठाएं। उन्होंने कहा, हम इसे धार्मिक रंग नहीं दें। हम समाज को विभाजित नहीं करें। उनसे झारखंड की घटना के बारे में सवाल किया गया था। नायडू ने जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी ने अपने बयान के जरिए सरकार का रूख साफ कर दिया है कि गौरक्षा के नाम पर किसी को भी कानून अपने हाथों में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा,  कुछ लोग इसे बढा चढा कर पेश करने का प्रयास कर रहे हैं, कुछ इसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं और कुछ इसे सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं। मैं ”उनसे” अपील करता हूं कि वे ऐसी घटनाओं को राजनीतिक या सांप्रदायिक रंग नहीं दें।

प्रधानमंत्री ने कल गौरक्षा के नाम पर हिंसक कार्वाइयों की निंदा की थी। गुजरात में साबरमती आश्रम में एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि गौभक्ति के नाम पर लोगों की हत्या स्वीकार्य नहीं है और महात्मा गांधी कभी इसकी अनुमति नहीं देते। नायडू ने कहा कि यह संबंधित राज्य सरकारों की ड्यूटी है कि वे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित, तुरंत और सख्त कार्वाई करें। नायडू ने लोगों से अपील की कि वे कानून अपने हाथों में नहीं लें और किसी भी उल्लंघन की रिपोर्ट कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दें। नायडू ने कहा कि अगर कानून का उल्लंघन दिखता है तो लोग कानून प्रवर्तन अधिकारियों को इसकी जानकारी दें और उन्हें कार्वाई करने दें। अगर वे कार्वाई नहीं करते हैं तो लोगों को आवाज उठाकर उन्हें कार्वाई के लिए कहना चाहिए।

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