'दरभंगा वीडियो भ्रामक...', तेजस्वी यादव के आरोपों को चुनाव आयोग ने किया खारिज
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने एक वीडियो साझा कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला जिला अध्यक्ष कविता कुमारी पर गंभीर आरोप लगाए थे. तेजस्वी ने दावा किया कि कविता मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रही थीं. वीडियो में कविता कुमारी उर्फ सपना भारती को एक मतदान केंद्र पर देखा गया, जहाँ मतदाता सूची के सुधार का कार्य चल रहा था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो जमाल हसन नामक एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने बनाया, जिन्होंने आरोप लगाया कि कविता कुमारी मतदाता सूची में गड़बड़ी करने की कोशिश कर रही थीं. जमाल हसन का कहना था कि बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) मतदाताओं के घर जाकर काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्हें कहीं और बुलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा की नेता लोगों को परेशान कर रही हैं.
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद और भ्रामक बताया है. आयोग ने स्पष्ट किया कि वीडियो में जो बातें कही गईं, वे सच्चाई से परे हैं. बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले की जांच करवाई, जिसमें यह बात सामने आई कि कविता कुमारी केवल अपने और अपने परिवार के दस्तावेज जमा करने के लिए मतदान केंद्र गई थीं. उन्होंने सिर्फ अपना फॉर्म भरा और उनके खिलाफ कोई अनियमितता नहीं पाई गई.
BLO पर आरोप भी गलत निकले
जांच में यह भी पाया गया कि कविता कुमारी और जमाल हसन के बीच पहले से राजनीतिक मतभेद हैं. इसी वजह से वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर फैलाया गया. जांच में यह साफ हुआ कि बीएलओ ने अपने काम में कोई लापरवाही नहीं बरती. उन पर लगाया गया पक्षपात का आरोप झूठा और आधारहीन था.

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