Jharkhand में 5 राजनीतिक दलों पर चलेगा चुनाव आयोग का चाबुक! रद्द होगी मान्यता, जानें वजह
Jharkhand में कुछ राजनीतिक दलों की गतिविधियों और मौजूदगी को लेकर निर्वाचन आयोग को गंभीर संदेह है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने ऐसे सात पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त दलों पर कार्रवाई शुरू की है, जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। इन दलों को पंजीकरण सूची से हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी राजनीतिक दलों को पहले उनके पंजीकृत पते पर नोटिस भेजा गया। इसके साथ ही समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से भी सूचना दी गई ताकि वे अपना पक्ष समय पर रख सकें। इन दलों को 15 जुलाई 2025 तक शपथ पत्र और लिखित जवाब भेजने का मौका दिया गया था। इसके बाद 22 जुलाई को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया गया। Jharkhand
सुनवाई के दौरान सिर्फ दो दल पहुंचे
निर्धारित तिथि को सुनवाई में केवल दो दलों—जनसाधारण पार्टी (रांची) और झारखंड विकास दल—के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। इन्होंने आयोग के समक्ष अपने दलों की सक्रियता को लेकर शपथ पत्र और लिखित बयान सौंपा। इन दोनों दलों ने स्पष्ट किया कि वे भविष्य में चुनावों में भाग लेने के लिए तैयार हैं और सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। Jharkhand
पांच दल गायब, नहीं मिला कोई जवाब
बाकी के पांच दल—भारत विकास मोर्चा, भारतीय जनमुक्ति पार्टी, मानव मुक्ति मोर्चा, नवजवान संघर्ष मोर्चा और राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी—से कोई संपर्क नहीं हो सका। ये दल ना तो सुनवाई में उपस्थित हुए, ना ही किसी प्रकार का जवाब आयोग को भेजा। इससे यह अंदेशा मजबूत हो गया है कि ये दल अब सक्रिय नहीं हैं। (Jharkhand)
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पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया शुरू
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने बताया कि अब ऐसे दलों के खिलाफ पंजीकरण रद्द करने की कार्रवाई आगे बढ़ाई जा सकती है। भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिन दलों की उपस्थिति नहीं हुई या जवाब नहीं मिला, उनके नाम सूची से हटाने की अनुशंसा केंद्र को भेजी जाएगी। (Jharkhand)
निर्णय क्यों जरूरी है?
यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे और केवल वही राजनीतिक दल सूची में दर्ज रहें, जो सक्रिय हैं और जिनका पता सत्यापित है। इससे मतदाताओं को भी स्पष्ट जानकारी मिलेगी और निष्पक्ष चुनाव कराने में मदद मिलेगी।
इसके बाद यह भी पढ़ें-झारखंड में साइबर अपराध बढ़ा, पिछले 6 महीने में कुल 11,910 शिकायतें दर्ज
झारखंड में हर दिन औसतन 69 साइबर अपराध की शिकायत दर्ज हो रही हैं और रोज करीब सात साइबर अपराधी गिरफ्तार किए जा रहे हैं। झारखंड पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईजी अभियान माइकल राज की ओर से साझा किए गए आंकड़े से यह तथ्य सामने आया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनवरी से लेकर जून 2025 तक के आंकड़े साझा किए गए। बताया गया कि जनवरी से जून 2025 तक डायल-1930 साइबर हेल्पलाइन पर कुल 11,910 शिकायतें दर्ज हुईं, यानी औसतन रोज 66 शिकायतें सामने आईं। इसी अवधि में राज्य के अलग-अलग थानों में 620 साइबर अपराध के मामले दर्ज हुए, यानी रोजाना औसतन तीन से अधिक मामले दर्ज हुए। (Jharkhand)
साइबर अपराध पर पुलिस का शिकंजा
इन मामलों की जांच में पुलिस ने 767 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। वहीं, प्रतिबिंब ऐप के जरिये दर्ज 83 मामलों में 474 साइबर अपराधियों को पकड़ा गया। इस तरह, छह महीनों में कुल 1241 साइबर अपराधी गिरफ्तार हुए, यानी औसतन हर दिन सात अपराधियों को पुलिस ने दबोचा। आईजी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान 5.43 लाख रुपये नकद, 1664 सिम कार्ड, 1283 मोबाइल फोन, 135 एटीएम कार्ड, 20 दोपहिया वाहन, 8 चारपहिया वाहन, 19 लैपटॉप, 37 बैंक पासबुक, 24 बैंक चेक बुक, 3 स्वाइप मशीन और 1 राउटर जब्त किया गया। (Jharkhand)
ऐप के जरिये करोड़ों ठगी
डायल-1930 पर दर्ज शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 15.90 करोड़ रुपये की राशि फ्रीज कराई और अदालत के माध्यम से 83.84 लाख रुपये पीड़ितों के खाते में वापस कराए। बताया गया कि नवंबर 2023 में लॉन्च किए गए ‘प्रतिबिंब’ मोबाइल ऐप ने साइबर अपराध पर लगाम कसने में अहम भूमिका निभाई है। यह ऐप न सिर्फ ठगी में इस्तेमाल मोबाइल नंबर की पहचान कर लेता है, बल्कि उनकी रियल टाइम लोकेशन भी देता है, जिससे पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में मदद मिल रही है। (Jharkhand)