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कश्मीर के सोपोर में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को घेरा, मुठभेड़ जारी

कश्मीर के सोपोर इलाके में छिपे हुए आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गुरुवार को मुठभेड़ शुरू हो गई।

10:53 AM Nov 07, 2024 IST | Shera Rajput

कश्मीर के सोपोर इलाके में छिपे हुए आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गुरुवार को मुठभेड़ शुरू हो गई।

कश्मीर के सोपोर में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को घेरा  मुठभेड़ जारी
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कश्मीर के सोपोर इलाके में छिपे हुए आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गुरुवार को मुठभेड़ शुरू हो गई।

सोपोर के पानीपोरा इलाके में छिपे हुए आतंकवादियों के बारे में मिली खुफिया जानकारी

अधिकारियों ने बताया कि सोपोर के पानीपोरा इलाके में छिपे हुए आतंकवादियों के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान शुरू किया। जब सुरक्षा बल छिपे हुए आतंकवादियों के करीब पहुंचे, तो उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने जवाबी गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। खबर लिखे जाने तक मुठभेड़ जारी थी।

माना जा रहा है कि दो-तीन आतंकवादियों का एक समूह फंसा हुआ है।

सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान किया तेज

आतंकवादियों द्वारा किए गए कई हमलों के बाद हाल के दिनों में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। पिछले 48 घंटे में दो आतंकवादी मारे गए, एक कुपवाड़ा जिले के लोलाब इलाके में और दूसरा बांदीपोरा जिले के केटसन के जंगलों में।

आतंकवादियों ने की सात लोगों की हत्या

गत 20 अक्टूबर को गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में एक बुनियादी ढांचा परियोजना कंपनी के श्रमिक शिविर पर हमला करके आतंकवादियों ने सात लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद 24 अक्टूबर को बारामूला जिले के गुलमर्ग के बूटा पाथरी इलाके में आतंकवादियों ने सेना के एक वाहन पर हमला कर तीन सैनिकों और दो असैन्य पोर्टरों की हत्या कर दी थी।

दो हमलों में नौ आम नागरिकों और सेना के तीन जवानों की हत्या

गगनगीर और गुलमर्ग में हुए दो हमलों में नौ आम नागरिकों और सेना के तीन जवानों की हत्या की व्यापक रूप से निंदा की गई थी।

हमलों में शामिल लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी – मनोज सिन्हा

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इन दोनों हमलों के बाद कहा कि इन हमलों में शामिल लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि नागरिकों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा।

सोपोर इलाका पहले भी अलगाववादी भावनाओं का गढ़ रहा है और 1990 के बाद से कई वर्षों तक विभिन्न संगठनों के आतंकवादी यहां सक्रिय रहे हैं। सुरक्षा बलों ने भी आतंकवाद के खिलाफ अपनी अथक कार्रवाई जारी रखी है।

हाल में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के दौरान सोपोर में भी बड़ी संख्या में मतदान करके यहां के लोगों ने मुख्यधारा में वापसी का एक नया अध्याय शुरू किया।

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Shera Rajput

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