Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

पंजाब में ‘आप’ विधायक को बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के मामले में ED ने गिरफ्तार किया

09:41 PM Nov 06, 2023 IST | Yogita Tyagi

पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP ) के विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा को कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED ) ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी

Advertisement

मलेरकोटला में आयोजित जनसभा से एजेंसी के अधिकारियों ने हिरासत में लिया

सूत्रों ने बताया कि विधायक को मलेरकोटला में आयोजित एक जनसभा से एजेंसी के अधिकारियों ने हिरासत में लिया था और फिर उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने आरोप लगाया कि गज्जन माजरा ने अतीत में उन्हें जारी किए गए कई समन को नजरअंदाज किया था, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। वह अमरगढ़ से विधायक हैं। ‘आप’ की पंजाब इकाई के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा जिस तरह से ED ने उन्हें एक जनसभा से हिरासत में लिया है, वह पार्टी को बदनाम करने की भाजपा की राजनीति को दर्शाता है। कंग ने कहा कि ‘आप’ में शामिल होने से पहले से गज्जन माजरा एक मामले का सामना कर रहे थे।

पिछले साल सितंबर में विधायक और कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर छापा

केंद्रीय एजेंसी ने पीएमएलए जांच के तहत पिछले साल सितंबर में विधायक और कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर छापा मारा था। सीबीआई (भ्रष्टाचार रोधी शाखा, चंडीगढ़) की मार्च 2022 की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने पीएमएमए का मामला दर्ज किया था। CBI ने तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टीसीएल), उसके निदेशक जसवंत सिंह (गज्जन माजरा), बलवंत सिंह, कुलवंत सिंह, तेजिंदर सिंह, उनके सहयोगी और लुधियाना, मालेरकोटला, खन्ना, पायल और धुरी में अन्य सहयोगी संस्थाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इस कंपनी का नाम सितंबर 2018 में बदल कर मलौध एग्रो लिमिटेड कर दिया गया था। ईडी की टीम ने तब छापेमारी के बाद 32 लाख रुपये नकद, कुछ मोबाइल फोन और हार्ड ड्राइव जब्त किए थे। उसने कहा कि लुधियाना में बैंक ऑफ इंडिया की मॉडल टाउन शाखा ने कंपनी को कुल 35 करोड़ रुपये की नकद क्रेडिट सीमा पर ऋण स्वीकृत किया था। एजेंसी ने कहा, “ फरवरी 2014 में खाते को छह करोड़ रुपये की अस्थायी सीमा भी स्वीकृत की गई थी जिसे कंपनी ने अब तक नहीं चुकाया है।” ईडी ने कहा था कि तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड के खाते को 31 मार्च 2014 को गैर-निष्पादित संपत्ति घोषित कर दिया गया था। उसने कहा है कि कुल बकाया ऋण 76 करोड़ रुपये है और तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड के ऋण खाते में जसवंत सिंह, बलवंत सिंह, कुलवंत सिंह और तेजिंदर सिंह निदेशक और गारंटी देने वाले थे।

Advertisement
Next Article