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यूपी धर्मातरण रैकेट में ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस, विदेशी फंडिंग का हुआ खुलासा

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के द्वारा दिल्ली से दो लोगों को कथित तौर पर 1,000 से अधिक लोगों को अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के चार दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए मामला दर्ज किया है।

03:53 PM Jun 25, 2021 IST | Ujjwal Jain

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के द्वारा दिल्ली से दो लोगों को कथित तौर पर 1,000 से अधिक लोगों को अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के चार दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए मामला दर्ज किया है।

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के द्वारा दिल्ली से दो लोगों को कथित तौर पर 1,000 से अधिक लोगों को अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के चार दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए मामला दर्ज किया है। 
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ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी ने एटीएस द्वारा कथित धर्मांतरण रैकेट में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया है, जिसके तार विदेशों से जुड़ते हैं। अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने मामले में दिल्ली के निवासियों – मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को भी आरोपी बनाया है, जिन्हें एटीएस ने गिरफ्तार किया था। 
अधिकारी ने कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी इस मामले में विदेशी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल की भी जांच करेगी। दिल्ली के दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकलांग बच्चों और युवाओं के धर्म परिवर्तन में शामिल लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई के आदेश दिए हैं। 
दिल्ली के जामिया नगर में दो लोग कथित तौर पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से फंडिंग के साथ उत्तर प्रदेश में शारीरिक रूप से विकलांग छात्रों और अन्य गरीब लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने में शामिल एक संगठन चला रहे थे। 
लखनऊ के एटीएस पुलिस स्टेशन में मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। सोमवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि हिंदू धर्म से इस्लाम धर्म में परिवर्तित होने वाले गौतम ने पुलिस के सामने खुलासा किया कि उसने शादी, पैसे और नौकरी का लालच देकर कम से कम 1,000 लोगों को इस्लाम में परिवर्तित किया है। 
एडीजी ने कहा कि वे जिस संगठन को चलाते थे, वह ‘इस्लामिक दावा सेंटर’ है, जिन्हें पाकिस्तान की आईएसआई और अन्य विदेशी एजेंसियों से फंड मिलता है। उन्होंने आगे कहा कि एटीएस इन खुफिया सूचनाओं पर काम कर रही थी कि कुछ लोगों को आईएसआई और अन्य विदेशी एजेंसियों से गरीब लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने और समाज में सांप्रदायिक दुश्मनी फैलाने के लिए फंड मिल रहा था। 
एटीएस जांच के परिणामस्वरूप दोनों की गिरफ्तारी हुई है और उन पर भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश के कड़े धर्मांतरण विरोधी कानून सहित विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। एडीजी ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा और पुलिस मामले की आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत की मांग करेगी। 
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