W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

ED ने धनशोधन जांच के खिलाफ शिवकुमार की याचिका का दिल्ली हाई कोर्ट में किया विरोध

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख डी. के. शिवकुमार की उनके खिलाफ धनशोधन जांच को चुनौती देने संबंधी याचिका का विरोध करते हुए कहा कि एजेंसी द्वारा दर्ज की गई दो ईसीआईआर अलग-अलग मामलों से संबंधित हैं।

08:53 PM Nov 23, 2022 IST | Desk Team

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख डी. के. शिवकुमार की उनके खिलाफ धनशोधन जांच को चुनौती देने संबंधी याचिका का विरोध करते हुए कहा कि एजेंसी द्वारा दर्ज की गई दो ईसीआईआर अलग-अलग मामलों से संबंधित हैं।

ed ने धनशोधन जांच के खिलाफ शिवकुमार की याचिका का दिल्ली हाई कोर्ट में किया विरोध
Advertisement
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख डी. के. शिवकुमार की उनके खिलाफ धनशोधन जांच को चुनौती देने संबंधी याचिका का विरोध करते हुए कहा कि एजेंसी द्वारा दर्ज की गई दो ईसीआईआर अलग-अलग मामलों से संबंधित हैं।
Advertisement
शिवकुमार ने अपनी याचिका में, ईडी द्वारा 2020 में पंजीकृत (प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट) ईसीआईआर में उन्हें जारी किए गए समन सहित पूरी जांच को रद्द करने का अनुरोध किया है। याचिका में जांच को रद्द करने का अनुरोध विभिन्न आधारों पर किया गया है जैसे एजेंसी उसी अपराध की फिर से जांच कर रही है जिसकी उसने 2018 में दर्ज किए गए पिछले मामले में पहले ही जांच की थी।
अपराध के विभिन्न तरीकों को दर्शाती है प्राथमिकी
हालांकि, ईडी ने अपने जवाबी हलफनामे में कहा कि दोनों ईसीआईआर अलग-अलग तथ्यों पर आधारित हैं और यहां तक कि दोनों मामलों में अपराध भी अलग-अलग हैं।हलफनामे में कहा गया है, ‘‘आयकर विभाग की शिकायत में लगाए गए आरोप और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की प्राथमिकी अपराध के विभिन्न तरीकों को दर्शाती है और विभिन्न आरोपी व्यक्तियों की भूमिका प्रकाश में आ सकती है, इसलिए याचिकाकर्ता यह दावा नहीं कर सकता कि उसी अपराध की उसकी पहले ही जांच की जा चुकी है।’’न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने बुधवार को शिवकुमार को, ईडी के जवाब पर प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया, जिनका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और वकील मयंक जैन ने किया था।उच्च न्यायालय ने पक्षकारों से कहा कि वे मामले में अगली सुनवाई की तारीख दो दिसंबर से पहले अपनी लिखित दलीलें दाखिल करें।
Advertisement
Advertisement
Author Image

Advertisement
×