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गुजरात मैरीटाइम बोर्ड घोटाले में ईडी की कार्यवाही, ANL की 134 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने गुजरात मैरीटाइम बोर्ड घोटाले में आताश नॉरकंट्रोल लिमिटेड (एएनएल) की 134 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।

05:19 PM Aug 14, 2021 IST | Ujjwal Jain

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने गुजरात मैरीटाइम बोर्ड घोटाले में आताश नॉरकंट्रोल लिमिटेड (एएनएल) की 134 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।

गुजरात मैरीटाइम बोर्ड घोटाले में ईडी की कार्यवाही  anl की 134 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने गुजरात मैरीटाइम बोर्ड घोटाले में आताश नॉरकंट्रोल लिमिटेड (एएनएल) की 134 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत आताश नॉरकंट्रोल लिमिटेड की 134.38 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
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उन्होंने कहा कि कुर्क की गई संपत्ति प्लांट, मशीनरी, कंप्यूटर और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, भूमि और भवन के रूप में 90.62 करोड़ रुपये और बैंक बैलेंस 43.75 करोड़ रुपये की फिक्स डिपोजिट के रूप में है। अधिकारी ने कहा कि आताश नॉरकंट्रोल लिमिटेड एक भारतीय कंपनी आताश कंप्यूटर्स एंड कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड और नॉर्वे स्थित कोंग्सबर्ग नॉरकंट्रोल आईटी एएस के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
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यह कंपनी वेसल ट्रैफिक एंड पोर्ट्स मैनेजमेंट सिस्टम (वीटीपीएमएस) के निर्माण और संचालन में लगी हुई है और यह जहाजों को नेविगेशन सेवाएं प्रदान करती है। अधिकारी ने कहा कि ईडी ने गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) में 134.38 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में आताश नॉरकंट्रोल लिमिटेड (एएनएल) और अन्य के खिलाफ गांधीनगर में सीआईडी-क्राइम द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।
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उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग जांच से पता चला है कि एएनएल को खंभात की खाड़ी के लिए ‘वेसल ट्रैफिक एंड पोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम’ (वीटीपीएमएस) के निर्माण और संचालन के लिए जीएमबी द्वारा एक अनुबंध दिया गया था। उन्होंने कहा, “हालांकि, एएनएल ने जीएमबी को परियोजना की बढ़ाचढ़ लागत प्रस्तुत की और इस तरह जहाजों के नेविगेशन के लिए उच्च टैरिफ दरों को तय करने में जीएमबी को गुमराह किया।
वीटीपीएमएस बुनियादी ढांचा अगस्त, 2010 में चालू हो गया और उसके बाद, एएनएल ने रियायत समझौते के अनुसारजहाजों से वीटीएस शुल्क एकत्र करना शुरू कर दिया।”अधिकारी ने कहा कि परियोजना की झूठी और मनगढ़ंत लागत का सहारा लेकर, एएनएल को संबंधित अवधि के दौरान 134.38 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान प्राप्त हुआ।
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