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'डंकी रूट' मानव तस्करी मामले में ED ने पंजाब, हरियाणा में 11 जगहों पर छापा मारा

02:00 PM Jul 09, 2025 IST | Neha Singh
 डंकी रूट  मानव तस्करी मामले में ed ने पंजाब  हरियाणा में 11 जगहों पर छापा मारा
ED Raid

ED Raid: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कुख्यात 'डंकी रूट' मानव तस्करी रैकेट के सिलसिले में पंजाब और हरियाणा में 11 जगहों पर छापेमारी की। यह रैकेट इस साल फरवरी में अमेरिका से कई अवैध प्रवासियों के निर्वासन के बाद प्रकाश में आया था। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। ईडी के जालंधर क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की गई ये छापेमारी, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चल रही जांच के दौरान मिली खुफिया जानकारी के आधार पर की गई।

ट्रैवल एजेंटों पर ED का शिकंजा

एजेंसी द्वारा जिन जगहों पर छापेमारी की जा रही है, वे अमृतसर, संगरूर, पटियाला, मोगा, अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल हैं। ये छापेमारी अवैध आव्रजन नेटवर्क में कथित रूप से शामिल ट्रैवल और वीज़ा एजेंटों को निशाना बनाकर की गई। पीएमएलए जांच पंजाब और हरियाणा में राज्य पुलिस अधिकारियों द्वारा अमेरिका प्रवास करने के इच्छुक व्यक्तियों को धोखा देने के आरोपी ट्रैवल एजेंटों और बिचौलियों के खिलाफ दर्ज 17 प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर शुरू की गई थी। मामले की जानकारी रखने वाले प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बताया, "कथित तौर पर ये एजेंट लोगों को कानूनी यात्रा व्यवस्था का वादा करके लुभाते थे, लेकिन इसके बजाय उन्हें खतरनाक और अवैध रास्तों से तस्करी करते थे, जिन्हें डोंकी रूट कहा जाता है। यह शब्द अनधिकृत, बहु-देशीय भूमि पारगमन के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो अक्सर ख़तरों से भरा होता है।"

सीमा पार कराने के लिए 50 लाख रुपए

प्रवर्तन निदेशालय के निष्कर्षों के अनुसार, एजेंटों ने कानूनी प्रवास के नाम पर प्रति व्यक्ति 45 से 50 लाख रुपये की भारी-भरकम रकम वसूली। हालांकि, एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि पीड़ितों को अक्सर संगठित अपराध नेटवर्क और तथाकथित "डोंकर्स" (तस्करी के सूत्रधार) की मदद से जंगलों और दुर्गम इलाकों के रास्ते अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार तस्करी करके लाया जाता था।

परिजनों से पैसे वसूलते थे एजेंट

अधिकारियों ने बताया, "जांचकर्ताओं ने आगे खुलासा किया कि पीड़ितों के पारगमन के दौरान, एजेंटों और उनके सहयोगियों ने घर पर उनके प्रियजनों की सुरक्षा के प्रति भय और खतरे की भावना पैदा करके परिवारों को अतिरिक्त भुगतान करने के लिए मजबूर किया।" ईडी ने कई निर्वासित लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिससे कई संदिग्धों की पहचान हुई है, जिनके परिसरों की वर्तमान में चल रही कार्रवाई के तहत तलाशी ली जा रही है।

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