देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
Advertisement
Advertisement
ED: बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर निवेशकों को कथित तौर पर ठगने से जुड़ी एक जांच में 299 इकाइयों के खिलाफ धनशोधन निवारण कानून के तहत आरोप-पत्र दायर किया गया है, जिनमें चीन मूल के 10 व्यक्ति भी शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि नगालैंड के दीमापुर की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दायर अभियोजन शिकायत पर संज्ञान लिया।
Highlights:
इसमें कहा गया है कि चीन-नियंत्रित 76 इकाइयों सहित कुल 299 इकाइयों को आरोपी बनाया गया है। बयान के अनुसार, चीन-नियंत्रित 76 इकाइयों 10 निदेशक चीनी मूल के हैं और दो अन्य विदेशी नागरिकों द्वारा नियंत्रित हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का धनशोधन का मामला कोहिमा पुलिस की साइबर अपराध इकाई की एक प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है। कोहिमा पुलिस ने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से भारी रिटर्न का वादा करके निवेशकों को कथित तौर पर धोखा देने के लिए भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत विभिन्न लोगों पर मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने निवेशकों को धोखा देने के लिए एचपीजेड टोकन नाम से एक ऐप (मोबाइल-फोन ऐप्लिकेशन) का इस्तेमाल किया था। ईडी ने कहा कि अपराध की आय के शोधन के उद्देश्य से डमी निदेशकों वाली विभिन्न शेल इकाइयों द्वारा बैंक खाते और मर्चेंट आईडी खोले गए थे। उसने दावा किया कि ये धनराशि अवैध ऑनलाइन गेमिंग, सट्टेबाजी और बिटकॉइन के लिए निवेश के वास्ते धोखाधड़ी से प्राप्त की गई थी।
ईडी ने कहा कि 57,000 रुपये के निवेश के लिए, तीन महीने तक प्रतिदिन 4,000 रुपये का रिटर्न देने का वादा किया गया था, लेकिन पैसे का भुगतान केवल एक बार किया गया और उसके बाद, आरोपियों द्वारा निवेशकों से फिर से धनराशि की मांग की गई। उसने कहा कि इस मामले में ईडी द्वारा देशव्यापी छापेमारी की गई, जिसमें 455 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और जमा राशि जब्त की गई।