India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

ADOPTION क्या है...

06:55 AM Dec 13, 2023 IST
Advertisement

हमारी हैल्प लाइन पर बहुत से फोन आते हैं और पूछते हैं एडोप्शन क्या है? क्या बुजुर्गों को घर में लेकर जाना होगा? कैसे बुुजुर्ग को इस उम्र में एडोप्ट किया जा सकता है। जी हां! आज से 20 साल पहले एडोप्शन शुरू करवाई थी, क्योंकि जब से बुजुर्गों के लिए काम शुरू किया तब से जाना कि इस उम्र के बहुत दुख हैं, क्योंकि इंसान इस उम्र में शारीरिक रूप से कमजोर होना शुरू होता है। कई बीमारियां शुगर, ब्लड प्रैशर, जोड़ों के दर्द आदि कई कुछ शुरू हो जाता है। भावनात्मक रूप से भी कमजोर होता है। इस उम्र में जिनके पास पैसा होता है उनके लिए भी मुश्किल, जिनके पास नहीं होता उनके लिए भी मुश्किल। जिनके पास होता है उनके या तो बच्चे झगड़ पड़ते हैं या घर के रामू बहादुर घर के नौकर ही दुश्मन बन जाते हैं और जिनके पास नहीं होता वो खाने, दवाई के मोहताज हो जाते हैं। ऐसे कई लोग मेरे पास आते हैं कि हमें कोई वृद्ध आश्रम बता दें, महंगाई बहुत है हम अपने माता-पिता को पास नहीं रख सकते। उस समय मन बहुत ही परेशान होता है कि जिस मां-बाप ने सारी उम्र आपको पाला-पोसा बड़ा किया खुद न खाकर आपको खिलाया, खुद गीले में सोकर आपको सूखे में सुलाया। आपकी हर जरूरत को पूरा किया। आपको अंगुली पकड़ कर चलना सिखाया। आज जब उन्हें तुम्हारे सहारे की जरूरत है तो तुम उन्हें वृद्ध आश्रम छोडऩे की बात कर रहे हो, तो बड़ा दुख होता है, तो इसका अपनी सूझबूझ से एक समाधान निकालने की कोशिश की। हर इंसान अच्छा काम करना चाहता है, किसी की सहायता करना चाहता है, पुण्य का काम करना चाहता है तो क्यों न उनकी इच्छा और जेब के हिसाब से ऐसा पुण्य काम करे तो दुनिया में पहली बार बुजुर्गों के एडोप्शन की प्रथा शुरू की कि आप जरूरतमंद बुजुर्गों के खाने और दवाइयों के पैसे दो और बुजुर्ग को एडोप्ट करे। एडोप्शन मतलब उनको घर नहीं लेकर जाना, सिर्फ उनकी रोजमर्रा की जरूरत को पूरा करना, ताकि उनके बच्चे उन्हें इस उम्र में बोझ न समझ कर उनको घर में रख सकें। यह एडोप्शन 1000 से शुरू होकर 5000 तक है महीना है। जिस बुजुर्ग को सिर्फ खाने तक कि जरूरत है या किसी को खाने के साथ दवाइयों की जरूरत है या कोई बड़ी बीमारी से जूझ रहा है तो उसे 3,000 से 5000 तक की एडोप्शन करवाई जाती है। जिससे बुजुर्ग अपने ही घरों में अपने बच्चों के साथ रह सकते हैं। यह बहुत ही पुण्य का कार्य है। इसमें सिर्फ आशीर्वाद ही आशीर्वाद हैं।
इसके लिए कुछ लोग तो ऐसे हैं जो पहले दिन से साथ हैं। उन्होंने बुजुर्ग एडोप्ट किए हैं। किसी ने एक बुजुर्ग, किसी ने 2 बुजुर्ग, किसी ने 10, किसी ने 50 भी किए हैं। क्योंकि जिसकी जो क्षमता है वह उसके अनुसार करता है। किसी ने अपने माता-पिता की याद में, किसी ने दादा-दादी, नाना-नानी की याद में किए हैं। कइयों के एडोप्ट किए बुजुर्गों की मृत्यु हो जाती है तो झट से दूसरे एडोप्ट कर लेते हैं या हम ही उनकी एडोप्शन दूसरे बुजुर्गों को शिफ्ट कर देते हैं और कई लोग ऐसे भी आते हैं जो नाम के कारण एडोप्ट करते हैं और बीच में छोड़ देते हैं। जब उनको यह समझ लगती है इसमें नाम नहीं सिर्फ आशीर्वाद है। क्योंकि इसमें नि:स्वार्थ भाव से सेवा है। कुछ नाम ऐसे हैं जिन्हें मैं जरूर बताना चाहूंगी। महाशय जी के बेटे ने महाशय जी के नाम पर मनोज सिंघल जी ने अपनी माता मालती सिंघल जी के नाम पर जिन्होंने व उनके जाने के बाद भी बहुत प्यार करते हैं। फिर महिला उद्यमी साधना जैन, जिन्होंने 2 बुजुर्ग एडोप्ट किए हैं। प्रतिभा अडवानी जी जिनकी हर महीने इतनी नियमितता बनी हुई है कि अगर सभी ऐसे करें शायद संसार में कोई बुजुर्ग बेचारा न रहे। उन्होंने 3 बुजुर्ग एडोप्ट किए हुए हैं। फिर अम्बिका सोनी जी ने 2 बुजुर्ग एडोप्ट किए हैं। डा. भागड़ा ने एक बुजुर्ग। ऐसे बहुत से नाम हैं परन्तु अभी भी 5000 बुजुर्ग वेटिंग लिस्ट में हैं, इंतजार में हैं उन्हें कोई एडोप्ट करे।
कई ऐसे भी जिन्होंने एडोप्ट तो नहीं किए परन्तु जब हमें जरूरतमंद बुजुर्गों को उनकी जरूरत का सामान देकर सहायता करते हैं, खाना खिलाते हैं तो सबसे आगे आकर खुद अपने हाथों से काम करते हैं। इसमें तलवाड़ परिवार का नाम सबसे ऊपर है, जो पहले दिन से हमारे साथ हैं और तीन पीढिय़ां इस सेवा में लगी हैं। अपने हाथ से सेवा देते हैं। वैसे ही आजादपुर मंडी के राजकुमार भाटिया जी जो अपनी मंडी एसोसिएशन के सहयोग से फल सेवा देते हैं। एक चूड़ीवाला नाम से मशहूर जोड़ों के दर्द की तेल की नि:शुल्क सेवा देते हैं। बाबा रामदेव के साथी तिजारा वाला जी भी कभी-कभी च्वयनप्राश भेजकर सेवा देते हैं। ऐसे यह सेवा कई लोगों के सहयोग से चल रहा है। कइयों के नाम मेरे से रह भी गए होंगे, जिनको मैं अगली बार लिखूंगी और अभी-अभी कुछ लोग और जुड़े हैं उनका जिक्र भी मैं करूंगी। चौपल से भी आदरणीय भोला नाथ जी ने सेवा शुरू की थी अब आदरणीय रवि बंसल जी उसे आगे ले जा रहे हैं।
अगर एडोप्शन और सेवा देखनी हो या करनी हो तो कोई भी सज्जन हमारी हैल्पलाइन पर फोन करके 9811030309, 9871598497 पर फोन करके इसका अनुभव करने आ सकते हैं। परन्तु फोन पर स्वीकृति लेना जरूरी है। क्योंकि इसमें सदस्य वो ही आ सकते हैं जिनके पास ब्ल्यू (जरूरतमंद) कार्ड है या सेवा देने वाले लोग। इस प्रोग्राम में कोई चीफ गैस्ट नहीं होता, न कोई स्पीच होती है। क्योंकि इन जरूरतमंद बुजुर्गों को सिर्फ खाने का सामान या जरूरत का सामान चाहिए या प्यार के दो बोल। अभी आने वाले समय में यह प्रोग्राम 24 तारीख को होगा।

Advertisement
Next Article