India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

राम रहीम पर फुल कृपा

03:29 AM Aug 16, 2024 IST
Advertisement

बलात्कार और हत्या के आरोप में हरियाणा की सुनारिया जेल में सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम एक बार फिर 21 दिन की फरलो पर जेल से बाहर आकर बागपत स्थित अपने आश्रम में पहुंच चुका है। इसी साल फरवरी में ही 50 दिन की पैरोल पर आनंद उठाकर राम रहीम जेल लौटा था। अब 6 माह बाद ही उसे फिर से जेल से बाहर किया गया है। यह ठीक वैसे ही है जैसे गर्मियों और स​र्दियों की छुट्टियों में लोग घूमने जाते हैं। इन दिनों सावन की काली घटनाएं जमकर बरस रही हैं। आधे देश में जल प्रलय की स्थिति नजर आती है। पहाड़ दरक रहे हैं और नदियां अपना रास्ता बदल रही हैं। ऐसे मौसम में बाबा भला जेल में कैसे रह सकते हैं। स्कूलों में भी बच्चों को 45 दिन की गर्मियों की छुट्टियां मिलती हैं लेकिन जेल प्रशासन और राज्य सरकार हर चौथे महीने राम रहीम को छुट्टियों का तोहफा दे देती है। उधर बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे तथाकथित धर्मगुुरु आसाराम बापू को चिकित्सा उपचार के लिए पहली बार राजस्थान हाईकोर्ट ने 7 दिन की पैरोल दी है। 85 वर्षीय आसाराम को पहली बार पैरोल और राम रहीम को बार-बार पैरोल पर सवाल तो उठेंगे ही। संगीन जुर्म में जेल में बंद राम रहीम पर पैरोल की रेवड़ी ऐसे बरस रही है जैसे सावन की बरसात। मानना पड़ेगा कि राम रहीम में चमत्कारी शक्तियां हैं। अब यह शक्तियां कौन-कौन सी हैं यह तो सियासी लोग ही जानते होंगे। वैसे तो हमारे देश में ढोंगी बाबा अलग-अलग तरह की चमत्कारी शक्तियों से लैस होने का दावा करते हैं। इस मामले में राम रहीम की चमत्कारी शक्ति सिस्टम और सरकार को अपनी अंगुलियों पर नचाने में सफल है और उनकी शक्ति की अचूक निशाना साधने की क्षमता चुनावों के दिनों में और भी बढ़ जाती है। बाबा राम रहीम जब भी बाहर आने की इच्छा व्यक्त करता है तब-तब उसकी इच्छा पूरी हो जाती है।
अक्तूबर 2020 से लेकर अब अगस्त 2024 तक। बलात्कारी और हत्यारे राम रहीम को चार वर्षों में दस बार जेल से छुट्टियां मिल चुकी हैं। जिनमें आठ बार वो पैरोल पर बाहर आया है। अब ये दूसरी बार है जब राम रहीम को फरलो का फायदा प्राप्त हुआ है। जेल जाने के बाद पिछले चार सालों में राम रहीम को कुल 254 दिन से ज्यादा की पैरोल और फरलो मंजूर की जा चुकी है। यानी गुरमीत राम रहीम को 8 महीने से ज्यादा समय के लिए जेल से जाने की छूट दी जा चुकी है। इतनी जल्दी-जल्दी और इतनी ज्यादा पैरोल या फरलो मिलने का ये शायद देश का पहला और इकलौता मामला है।
असल में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बाबा के लाखों फॉलोअर्स हैं। ये फॉलोअर्स राम रहीम के एक इशारे पर किसी को भी एकमुश्त वोट देकर जीता भी सकते हैं और किसी के खिलाफ वोट कर उसे हरा भी सकते हैं। ऐसे में शायद ही कोई पार्टी ऐसी होगी जो राम रहीम के इस वोटों की इस लहलहाती फसल को नहीं काटना चाहेगी और जानकारों की मानें तो राम रहीम को बार-बार मिलती पैरोल के पीछे भी सबसे बड़ी और अहम वजह यही है। राम रहीम को मिलने वाले पैरोल का चुनावों से भी एक अजीब और अनकहा रिश्ता है। 2022 से लेकर अब तक राम रहीम को जितनी बार भी पैरोल मिली, ज्यादातर मौकों पर पैरोल के कुछ ही दिन बाद कोई ना कोई चुनाव जरूर था। फरवरी 2022 में जब उसे 21 दिन की पैरोल मिली थी तो उसके कुछ दिनों के बाद ही पंजाब में विधानसभा चुनाव था।
* जून 2022 में ही जब उसे फिर से 30 दिनों की पैरोल मिली तो हरियाणा में निकाय चुनाव होने वाले थे।
* अक्तूबर 2022 में जब उसे 40 दिनों की पैरोल मिली तो आदमपुर सीट पर उप चुनाव होने थे।
* 20 जुलाई 2023 को जब उसे 30 दिनों की पैरोल मिली तो हरियाणा में पंचायत चुनाव होने वाले थे।
* 21 नवंबर 2023 को जब उसे 21 दिनों का पैरोल मिली तब राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले थे।
लोकसभा चुनावों से पहले भी उसे 50 दिन की पैरोल मिली थी। अब भी यही कहा जा रहा है कि उसे फरलो हरियाणा चुनावों से पहले दी गई है। यद्यपि फरलो दिए जाने का कारण कोई भी बताया हो लेकिन बाबा 15 अगस्त को अपना जन्मदिन बागपत आश्रम में मनाएगा। जेलों में लाखों कैदी ऐसे हैं जो पूरी उम्र एक अदद पैरोल को भी तरस जाते हैं। लाखों कैदी ऐसे हैं जो अपनी जमानत के लिए प्रबंध न करने के कारण छोटे-मोटे अपराधों में सालों से जेल में बंद हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने एक बार फिर इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सालों से जेलों में बंद बंदी सिखों को पैरोल भी नहीं मिल रही जबकि बलात्कारी और हत्यारे को बार-बार छुट्टी दी जा रही है।
पंजाब आैर हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में आइना भी दिखाया था और ​िनर्देश दिया था कि राज्य सरकार राम रहीम को पैरोल देने के बारे में सोचे तो भी वह हाईकोर्ट से परामर्श कर ले। कैदियों को पैरोल देने का मामला राज्य सरकारों का है। अगर अच्छे व्यवहार के कारण किसी कैदी को सुविधाएं दी जाती हैं तो किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। बाबा पर फुल कृपा बनी हुई है आैर राम रहीम मौज में है।

आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

Advertisement
Next Article