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गैस की कीमत और चुनाव

05:04 AM Mar 10, 2024 IST
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नरेन्द्र मोदी सरकार ने देशभर में घरेलू गैस सिलैंडर के दाम में 100 रुपए की कटौती कर महिलाओं को तोहफा दिया है। यह कटौती बीते 6 महीने में दूसरी बार देखने को मिली है। इसका मतलब यह है कि 6 माह में घरेलू गैस सिलैंडर के दाम 300 रुपए कम हो गए हैं। 25 फरवरी, 2021 को घरेलू गैस सिलैंडर की कीमत 794 रुपए थी। उसके बाद मार्च 2021 को इसकी कीमत 819 रुपए हो गई थी। अब इसकी कीमत 803 रुपए हो गई है जो 3 साल में सबसे कम है। घरेलू गैस सिलैंडर की कीमतें कम होने से लगभग 33 करोड़ लोगों को राहत मिलेगी। इस कटौती को आम चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। गत वर्ष अगस्त में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले केन्द्र ने इसकी कीमत में 200 रुपए प्रति सिलैंडर कटौती की थी और अक्तूबर में सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलैंडर पर सब्सिडी बढ़ाकर 300 रुपए की थी। चुनावों से पहले रसोई गैस, पैट्रोल या अन्य जरूरी वस्तुओं के दामों में कटौती कोई नई बात नहीं है। चुनावों से पहले सरकार किसी भी पार्टी की हो मतदाताओं को लुभाने के लिए ऐसा किया जाता रहा है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के एक दिन पहले उज्ज्वला योजना पर सब्सिडी की अवधि एक साल आगे बढ़ाने का फैसला किया था। इस कदम से लगभग 10 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा और सरकार पर 12 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च पड़ेगा। उज्ज्वला योजना भारतीय जनता पार्टी के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हुई है। इससे महिला लाभार्थियों का एक नया आधार तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार अपने भाषणों में नारी शक्ति का उल्लेख कर रहे हैं। 2019 से लोकसभा चुनावों में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ​ार्थियों ने अच्छी खासी भूमिका निभाई थी। चुनावी मुद्दों में कल्याणका​री योजनाओं और अर्थव्यवस्था से जुड़े विषय अब बड़े मुद्दे बन चुके हैं और सरकार अपनी उपलब्धियों का पूरा श्रेय भी लेना चाहती हैं। प्रधानमंत्री मोदी महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने का प्रयास भी कर रही है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में महिला मतदाताओं ने भाजपा की जीत में बड़ी भूमिका निभाई है। 2019 और 2024 के मध्य महिला मतदाताओं की संख्या 9.31 प्रतिशत बढ़कर 43.1 करोड़ से 47.1 करोड़ हो गई है। हाल ही के वर्षों में महिला मतदाताओं का वोट प्रतिशत भी तेजी से बढ़ा है। 2019 में महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रहा। आने वाले आम चुनावों में महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले और अधिक बढ़ने का अनुमान है। भाजपा ने नारी शक्ति की पहचान ‘साइलैंट वोटर्स’ की है और इसका श्रेय मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों के जरिए 2 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है और प्रधानमंत्री अपने संबाेधनों में पिछले 10 वर्षों में सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का उल्लेख करना नहीं भूलते। विपक्षी दल रसोई गैस सस्ता करने की सरकारी घोषणा की आलोचना कर रहा है और इसे केवल वोट हासिल करने की रणनीति करार दे रहा है। लोकतंत्र में विपक्ष को आलोचना करने का अधिकार है लेकिन वह यह भूल जाता है कि उनकी सरकारों में भी ऐसा ही किया जाता रहा है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने चुनावों से पहले एक करोड़ पात्र परिवारों को मुफ्त गैस सिलैंडर देने का वादा किया था और 2023 में महंगाई राहत शिविर लगाकर गैस सिलैंडर पर 500 रुपए की सब्सिडी देने की शुरूआत की थी। मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने 500 रुपए में गैस सिलैंडर देने का वादा किया था। इसके तुरंत बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 450 रुपए में सिलैंडर देने का वादा किया। तेलंगाना के चुनावों से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के. चन्द्रशेखर राव ने 450 रुपए में सिलैंडर देने का वादा किया था। सरकार केन्द्र की हो या राज्य की मतदाताओं को लुभाने के प्रयास करती रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी गैस की कीमतें इस समय कम हुई हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बाजार बाधित हुआ था लेकिन यूरोप की कम मांग और हल्की सर्दी के बीच सप्लाई सामान्य है। गैस की घटी कीमत का फायदा उपभोगताओं को हाेना ही चाहिए।
कहते हैं दुल्हन वही जो पिया मन भाए, सरकार वही जो मतदाताओं को भाए।

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