अयोध्या मे स्वर्ग
मै अभी-अभी अयोध्या से वापिस आई हूं, वहां सबका जोश रामभक्ति देखने वाला था। भक्ति का ऐसा समुन्दर देखने को मिला कि हृदय गद्गद हो उठा। लोगों का राम जी को देखने का उत्साह और भक्तिभाव देखते ही बन रहा था। मेरा तो खुशी से रोम-रोम प्रफुल्लित हो उठा। सूर्यवंशी भगवान श्रीराम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण ऊर्जा प्राप्त कर रहे थे। सारी अयोध्या राममय थी। फोन पर सभी फोटो भेज रहे थे।
सबसे बड़ी बात साधु-संतों का जमावड़ा था। उसमें कुछ संत ऐसे थे जो शुरू से इस धार्मिक आंदोलन में शामिल थे। वो नजारा देखने वाला था जब साथ ही बैठी उमा भारती से साध्वी ऋतम्भरा मिलकर रोयीं, क्योंकि उनके संघर्ष का फल मिल रहा था। अजय भाई मिले वो इतने खुश थे कि मैं उनकी खुशी बयान नहीं कर सकती। इस्कॉन वाले लोग भी थे। कमाल का नजारा था। साधु-संत आरएसएस के सभी प्रमुख, विश्व हिन्दू परिषद के सभी प्रमुख, राष्ट्रीय सेविका समिति की मुख्य, एक्टर, क्रिकेटर, गायक, भजन गायक सभी थे। गुरु आनंद मां भी मुझे एयरपोर्ट पर बड़े स्नेह से मिलीं। मधुर भंडारके एयरपोर्ट पर मिले तो वो भी यही कह रहे थे क्या नजारा था। साथ ही अश्विनी जी को याद कर रहे थे कि जब भी अश्विनी जी से मिलते थे वो हमेशा राम मंदिर के बारे में बात करते थे।
इंडिया टूडे की कली पुरी, राहुल सबसे मिलना हुआ। कहीं एकल से जुड़े लोग मिले, कहीं बड़े जज सपत्नीक आए हुए थे। मंदिर को देखकर मालूम पड़ रहा था कि इस राष्ट्र मंदिर को बनाने में कितनी मेहनत, कितने कारीगरों का कमाल था। मैं तो चम्पत राय जी की बहुत कायल हो गई। जिस तरह से उन्होंने सारा मंदिर निर्माण कार्य सम्भाला हुआ था। वहां की मैनेजमेंट आदरणीय राम लाल जी ने सम्भाली हुई थी। 11 बजे से 3 बजे तक खाने-पीने का बहुत अच्छा इंतजाम था। एयरपोर्ट पर ढ़ोल-नगाड़े के साथ स्वागत हुआ। तिलक और माला पहनाई गई।
हम बहुत से लोग इक_े होकर फ्लाइट में गए थे। सारी फ्लाइट में जय श्रीराम के नारे लग रहे थे। यहां तक कि एयरहोस्टेज सभी फ्लाइट में अटैंड करने वाले भी जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। कोई पटके बांट रहा था, कोई पताका, कोई चांदी के सिक्के, कोई खाने का सामान बांट रहा था।
वहां पर इंतजाम बहुत अच्छे थे। सुरक्षा व्यवस्था बहुत कड़ी थी। योगी जी, मोदी जी, मोहन भागवत जी के आध्यात्मिक भाषण बहुत ही अच्छे थे।
अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, अनिल अम्बानी, सुनील मुंजाल, राजन मित्तल, रवि प्रसाद, रामायण में राम का पात्र निभाने वाले अरुण गोविल वहां थे। शहनवाज हुसैन, नकवी, रवि प्रसाद, रोहन जेतली और बांसुरी स्वराज, कार्तिक शर्मा, सुदर्शन चैनल की जैन भी हमारे साथ थीं।
जब मंदिर में राम जी के दर्शन करने की बारी आई, बस वहां गड़बड़ थी। ऐसा लग रहा था कि सभी पहले मैं पहले मैं, दर्शन करना चाहते थे। ऐसी भीड़ मैंने कभी नहीं देखी, परन्तु मेरा ख्याल रखा, मेरी भांजी यानि सुषमा स्वराज जी की बेटी बांसुरी ने जिसने भारी भीड़ में मेरा हाथ नहीं छोड़ा और मैंने और उसने खूब जोर-शोर से जय श्रीराम किया, भजन गाए। इसके अलावा शहनवाज हुसैन ने भी हमारा बहुत ध्यान रखा।
सभी साधु-संत हमारे साथ गा रहे थे। तभी भगवान ने आदित्य का दोस्त मेरी मित्र का बेटा कार्तिक शर्मा भेजा, उसने तो इतना हमारा ख्याल रखा कि पूछो मत। मैंने रोहन को कहा कि आप अपनी मम्मी को दर्शन कराओ। मेरे पास अब कार्तिक और बांसुरी हैं। बांसुरी की मां ने मुझे बहुत प्यार दिया, परन्तु इन क्षणों ने प्यार और मुझे जो सम्मान दिया मेरे पास शब्द नहीं हैं। मुझे भगवान के मंदिर में राम जी के सामने से दर्शन कराए। यह बेटी तो अपनी मां से भी आगे जाएगी। कार्तिक भी बहुत आगे जाएगा। उसकी पूरी टीम राहुल भी बहुत ध्यान रख रहा था। एस्कॉन के स्वामी जी ने भी बहुत ध्यान रखा। अंत में यही कहूंगी कि मैं यह सब इसलिए बता रही हूं कि सभी वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के सदस्य चाहते हैं मैं उन्हें वहां लेकर चलूं, तो जरूर लेकर जाऊंगी। वहां स्वर्ग का नजारा है। सोने के दरवाजे देखने लायक हैं। मेरे पास मंदिर की सुन्दरता बयान करने के शब्द कम पड़ रहे हैं। ऐसे लगता है भगवान का महल है, वहां की खुशबू, हवा में फर्क है। संतों का आशीर्वाद है। मोदी जी की राष्ट्रभक्ति है, देश को विश्व गुरु बनाने का विश्वास है। द्य