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मनु भाकरः कर्म और फल

06:44 AM Jul 30, 2024 IST
मनु भाकरः कर्म और फल

"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन्" श्रीमद्भागवत गीता के श्लोक का अर्थ है तेरा कर्म करने का अधिकार है इन के फलों में नहीं। तू कर्म के फल के प्रति आसक्त न हो या कर्म करने के प्रति प्रेरित न हो। भाव यह है कि अगर कोई व्यक्ति बार-बार कर्म के फल के बारे में ही सोचता रहे तो उसके द्वारा ​किए गए कर्मों में उसका पूरा ध्यान नहीं रह पाएगा। उसकी कर्म में ही रुचि नहीं रहेगी। यह कुछ इस तरह का है जैसे कोई राही लंबे रास्ते पर निकला हो और चलते-चलते बीच-बीच में ही पीछे मुड़कर देखता रहे तो क्या होगा। जीवन के हर क्षेत्र में विजय हासिल करने के लिए कर्म करना बहुत जरूरी है। भारतीय निशानेबाज और हरियाणा की छोरी मनु भाकर ने 10 मीटर एयर ​पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक जीतकर इतिहास तो रचा ही साथ ही वह शूटिंग में ओलंपिक मैडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गई है। मनु भाकर ने इतिहास रचने के बाद कहा कि वह फाइनल के दौरान हिन्दू धर्म के महाग्रंथ श्रीमद्भागवत के शब्दों को याद करती रही इससे मुझे मदद ​मिली। उसके दिमाग में बस यही चल रहा था कि जो तुम्हें करना है करो परिणाम की चिंता मत करो।

भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को कहे गए शब्दों काे आत्मसात करने पर ही उसे लक्ष्य हासिल हुआ। हरियाणा के झज्जर जिले के गो​रिया गांव की मनु भाकर पर आज समूचा राष्ट्र गर्व कर रहा है। बधाईयों का तांता लगा हुआ है। इस सफलता के पीछे मनु भाकर का जोश, जज्बा और जुनून तो है ही लेकिन उसके कौशल और समर्पण के पीछे माता​-पिता की भी बड़ी भूमिका रही। स्कूल की निशानेबाजी प्रतियोगिता में उसने इतना स्टीक निशाना लगाया था कि सभी शिक्षक हैरान रह गए थे। फिर प्रैक्टिस और ट्रेनिंग के बाद जगह-जगह आयोजित प्रतियो​गिताओं में हिस्सा लेने का सिलसिला शुरू हुआ। तब मुश्किल यह थी कि मनु लाइसैंसी पिस्टल लेकर बसों में सफर नहीं कर सकती थी। बेटी के सपनों को साकार करने के लिए उसके पिता रामकिशन ने मरीन इंजीनियर की नौकरी तक छोड़ दी थी। मनु भाकर की मां ने भी हमेशा उसे कर्म करने के लिए प्रे​रित किया और उससे कोई उम्मीद नहीं रखी।

2018 मनु भाकर के लिए एक शूटर के रूप में सफल साल था। उन्होंने एक साल पहले ही अपनी क्षमता की झलक दे दी थी। 2017 की राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में मनु भाकर ने ओलंपियन और पूर्व वर्ल्ड नंबर 1 हीना सिद्धू को चौंका दिया। मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में सिद्धू के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 242.3 का रिकॉर्ड स्कोर बनाया। एक साल बाद मनु भाकर महज 16 साल की उम्र में कॉमनवैल्थ गेम्स में गोल्ड मैडल पदक जीतकर सोशल मीडिया सनसनी बन गईं। 2018 में मैक्सिको के ग्वाडलजारा में आयोजित इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन वर्ल्ड कप में मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मैडल जीता। इस खेल में उन्होंने दो बार की चैंपियन मैक्सिको की एलेजांद्रा जवाला को हराया। मनु भाकर ने 2019 म्यूनिख आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में चौथे स्थान पर रहकर ओलंपिक कोटा भी हासिल किया। टोक्यो ओलंपिक में मनु भाकर से बहुत उम्मीदें थीं, भले ही यह उनका पहला ओलंपिक था। हालांकि, उनका डेब्यू योजना के अनुसार नहीं हुआ। इवेंट के दौरान उनकी बंदूक में खराबी आ गई जिससे वह व्याकुल हो गईं। कई इवेंट में पसंदीदा में से एक होने के बावजूद उन्होंने तीन साल पहले टोक्यो ओलंपिक को बिना मैडल के समाप्त किया। मनु भाकर साल 2020 में टोक्यो ओलंपिक में मैडल जीतने में नाकाम रहने के बाद निशानेबाजी रेंज से रोते हुए बाहर निकली थीं।

टोक्यो ओलंपिक के बाद मनु भाकर ने एक महीने तक पिस्तौल की ओर नहीं देखा था लेकिन परिवार के सहयोग और गीता के श्लोकों ने उसके संकल्प को फिर मजबूत कर दिया। फाइनल में मनु का मुकाबला काफी कड़ा था। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि वह रजत पदक जीतने के करीब है। उसे अपने कोच जसपाल राणा से भी मानसिक दृढ़ता बनाए रखने के लिए काफी प्रेरणा मिल चुकी थी इसलिए वह विचलित हुए बिना पूरी ऊर्जा के साथ निशाने लगा रही थी। उसने कोशिश की और अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। वह बहुत ही मामूली अंतर से तीसरे नंबर पर रही। हालांकि उसे दूसरे स्थान पर रहना भी पसंद नहीं है। पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर उसने टोक्यो ओलंपिक में अपनी निराशा को पीछे छोड़ दिया। 22 वर्षीय मनु भाकर के पास पदक का रंग बदलने के लिए काफी समय है। अंतर्राष्ट्रीय मंच उसके लिए खुला है जहां वह और पदकों की हकदार हो सकती है। निशानेबाजी में गोल्ड और रजत जीतने वाली दोनों निशानेबाज दक्षिण कोरिया की ही रही। मनु भाकर के लिए भविष्य में हर बड़े निशानेबाज को चुनौती देना सहज रहेगा। मनु भाकर की उपलब्धि, असाधारण कौशल और दृढ़ता का सबूत है और मनु युवा एथलीटों का रोल मॉडल बनेगी और उन्हें उत्कृष्टता के ​लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करती रहेगी।

 

आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

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Shivam Kumar Jha

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