निर्मला का आत्मविश्वासी बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुरानी संसदीय परम्परा कानिर्वाह करते हुए केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के पांच वर्षीय कार्यकाल की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए अंतरिम बजट बिना किसी रद्दोबदल के पेश किया। अंतरिम बजट में चालू वित्त वर्ष की अनुदान बजट मांगें रखते हुए यह विश्वास व्यक्त किया कि भारत की आर्थिक नीतियों की बदौलत सर्वस्पर्शी और समावेशी आर्थिक विकास करते हुए आगे बढ़ेगा। वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के प्रति आत्मविश्वास व्यक्त किया। क्योंकि यह चुनावी साल है तो उन्होंने अपने बजट भाषण में राजनीतिक पुट भरते हुए घोषणा की कि सरकार 2014 में केन्द्र में मोदी सरकार के आने से पहले की देश की आर्थिक व्यवस्था के बारे में एक श्वेत पत्र लाई थी। निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त में अनुदान बजट पेश करते हुए बताया कि 27 लाख करोड़ तक की कर प्राप्तियां होंगी। जबकि 44 लाख करोड़ रुपए का कुल खर्च आएगा। इसमें 33 करोड़ के लगभग कुल राजस्व प्राप्तियां रहेंगी और वित्त घाटा 5.1 प्रतिशत का रहेगा। सरकार बाजार से ऋण लेकर इस घाटे की पूर्ति करेगी।
वित्त मंत्री ने परम्परा का निर्वाह करते हुए किसी भी प्रकार के प्रत्यक्ष कर छूट की घोषणा नहीं की है और पहले से लागू आयकर की दरें जारी रहेंगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब आयकर देने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है वहीं आयकर रिफंड (वापसी) की समय सीमा भी अब तीन महीने से घटाकर 10 दिन कर दी गई है। इसका असर आयकरदाताओं पर सकारात्मक पड़ना चाहिए। वित्त मंत्री चालू परियोजनाओं के बारे में बहुत आशावान दिखाई दी। उन्होंने कहा कि इन योजनाअ के लागू रहते सामाजिक न्याय और पिछड़ेपन से भारत को छुटकारा मिलेगा तथा किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। उन्होंने सबसे ज्यादा जोर महंगाई पर देते हुए कहा कि भारत में तमाम चुनौतियों के बावजूद महंगाई की दर को नियंत्रित रखने में सफलता मिली है, जबकि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महंगाई में तेजी से इजाफा हुआ है।
भारत में अभी तक जो भी विकास हुआ है वह इसके बूते पर ही हुआ है। समूची अर्थव्यवस्था के दायरे में कोई किसान अपनी मेहनत से भरपूर फसल उगाता है तो वह भारत के अन्न भंडार को भरपूर रखने में अपना योगदान देता है। इसी प्रकार श्रमिक वर्ग, मैकेनिक, कारीगर अपनी मेहनत से मशीनों को संचालित करते हैं तो वह राष्ट्रीय बचत में अपना अंशदान करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार कहा है कि उनकी सरकार नारी, युवा, किसान और गरीबों पर ज्यादा फोकस कर रही है। सरकार जब लोकतंत्र में जनता से राजस्व वसूल कर उसी पर खर्च करने की योजनाएं बनाती है तो उसका लक्ष्य गरीब को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का होता है। राष्ट्रीय सम्पत्ति में सब लोगों की हिस्सेदारी का हक बनता है। निर्मला सीतारमण ने लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चल रही योजनाओं का विस्तार ही किया है।
यातायात में भी बढ़े बदलाव के संकेत दिए हैं। वंदे भारत ट्रेन में 40 हजार स्टैंडर्ड आधुनिक बोगियां जोड़ी जाएंगी। वहीं तीन नए रेल कॉरिडोर का निर्माण होगा। उड्डयन क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहे हैं। पिछले 10 साल में 149 एयरपोर्ट का निर्माण व विस्तार हुआ है। ऊर्जा क्षेत्र में भी सरकार का विशेष प्रयास जारी है। रूफटॉप सोलराइजेशन के लिए विशेष अभियान के तहत 1 करोड़ परिवारों को इससे जोड़ना है। नारी शक्ति के तहत लखपति दीदी योजना का विस्तार एक करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ तक महिलाओं के लिए किया गया है। कुल मिलाकर यह अंतरिम बजट देश के सर्वांगीण विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करता है और जुलाई में नई सरकार द्वारा पेश होने वाले पूर्ण बजट का आधार भी प्रस्तुत करता है।