India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी गंभीर मामला

02:06 AM May 08, 2024 IST
Advertisement

स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने का सिलसिला तो थमने का नाम नहीं ले रहा है, दिन पर दिन स्कूल को बम से उड़ाने के मेल लगातार आ रहे हैं, लेकिन अभी तक ये नहीं पता लग पाया है कि आखिर ये मेल कौन कर रहा है, बच्चे अभी-अभी भी डरे और सहमे हुए हैं। अभिभावकों के अंदर भी उतना ही डर है, लेकिन ये डर सिर्फ अब दिल्ली-यूपी के स्कूल के बच्चे के अंदर ही नहीं अब ये डर गुजरात के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अंदर भी आ गया है। बीती 6 मई को अहमदाबाद के 23 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इस धमकी की खबर सार्वजनिक होते ही विद्यार्थियों और अभिभावकों में दहशत फैल गई। इस धमकी पर गंभीरता से पुलिस-प्रशासन ने जांच की और स्कूलों को खाली करा कर स्कूलों की तलाशी ली गई। हालांकि यह धमकी केवल अफवाह मात्र निकली। हालांकि इस बाबत भी पुलिस की जांच जारी है।
देश के कई राज्यों के स्कूलों और एयरपोर्ट्स को बम से उड़ाने की धमकी लगातार मिल रही है। जगह-जगह पुलिस की तैनाती है और राज्यों को हाईअलर्ट पर रखा गया है। स्कूलों को मिल रही धमकियों के कारण बच्चों के अभिभावक भी डरे हुए हैं। स्कूल प्रशासन भी अलर्ट पर है। इससे पहले भी कई अस्पतालों और पटना के राजभवन को भी बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है। अहमदाबाद की तरह ही पिछले दिनों राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-नोएडा के 222 स्कूलों को बम से उड़ा देने की धमकी ने एकबारगी माहौल में सनसनी और डर फैल गया था। सूचना मिलते ही अभिभावक घर से भागे, दफ्तर का काम छोड़ा और स्कूलों की तरफ बदहवास दौड़े, ताकि अपने बच्चों को सकुशल घर वापस ला सकें। सडकों पर सायरन बज रहे थे। फायर ब्रिगेड की गाडि़यां भी भाग रही थीं। दिल्ली पुलिस के बम निरोधक दस्तों, श्वान दस्तों और अन्य जांच इकाइयों ने अपने-अपने मोर्चे संभाल लिए थे। दिन की शुरुआत किसी बड़े हादसे की संभावनाओं के साथ हुई थी।
धमकी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि ई-मेल जिस आइडी से भेजा गया था उसका कनेक्शन भारत से नहीं था। इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने रशियन मेलिंग सर्विस कंपनी मेल डॉट आर यू से संपर्क किया और इंटरपोल के जरिए धमकी भेजने वाले ई-मेल की जानकारी मांगी। दिल्ली में स्कूलों को जिस ई-मेल के जरिए धमकी दी गई थी, उसने वीपीएन का सहारा लिया था।
वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के जरिए धमकी देने वाला शख्स अपनी पहचान छिपाना चाहता था। हालांकि पुलिस लगातार उसका पता लगाने की कोशिश में जुटी हुई है। अब अहमदाबाद के स्कूलों को धमकी देने का भी विदेशी कनेक्शन निकल रहा है। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि गुजरात के स्कूलों को कहां से धमकी दी गई है और क्या इसका भी रूस से ही कोई कनेक्शन निकल रहा है? साजिशकार कहीं बैठकर भी ये मेल भेज सकते थे। रूस में होना जरूरी नहीं है। रूस भारत के खिलाफ किसी ‘हत्यारी साजिश’ में शामिल क्यों होगा? क्या यह किसी आतंकी हमले का पूर्वाभ्यास भी हो सकता है?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और नोएडा के अलावा बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई सरीखे महानगरों के स्कूलों में भी ऐसी फर्जी और अफवाह वाली मेल भेजी जा चुकी हैं। क्या आतंकी ताकतें हमारी व्यवस्था को सचेत कर, अंतत: लापरवाह कर देना चाहती हैं, बेशक 8 घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस और गृह मंत्रालय इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि सब कुछ फर्जी था, अफवाह थी, लेकिन 2 लाख से अधिक स्कूली बच्चों की सुरक्षा दांव पर है। दिल्ली में आतंकी हमले होते रहे हैं, बेशक मोदी सरकार में वे नगण्य हो गए हैं। ऐसी अफवाहें भी ‘साइबर अपराध’ का हिस्सा हैं, जिसके खिलाफ कार्रवाई के लिए सीमापार पुलिस को भी सक्रिय होने की जरूरत है।
बीती 26 अप्रैल को सुरक्षा एजेंसियों को ईमेल मिला था कि देश के चार अलग-अलग हवाई अड्डों पर बम रखे गए हैं। जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली थी, हवाई अड्डे के अाधिकारिक फीडबैक आईडी पर दोपहर में धमकी का ईमेल आया था। इसके बाद हवाई अड्डे के सुरक्षाकर्मियों और बम निरोधक दस्ते ने सर्च ऑपरेशन चलाया। साइबर टीम भी मौके पर पहुंची। ईमेल में कहा गया था कि हवाई अड्डे के प्रवेश द्वार पर बम रखा गया है। मेल में लिखा था कि मैं बेंगलुरु में बैठा हूं पकड़ सको तो पकड़ लो। उल्लेखनीय है कि पिछले चार महीने में इस तरह की यह तीसरी धमकी है। जानकारी मिलते ही हवाई अड्डों की गहन जांच की गई और बाद में ये धमकी अफवाह निकली।
अहमदाबाद और दिल्ली-एनसीआर में जो कुछ भी हुआ है, वह धड़कनें रोक देने वाला प्रकरण है। एक तरफ मौत की धमकी थी, तो दूसरी ओर गृह मंत्रालय और पुलिस दहशत में न आने की बात कह रहे थे। शुक्र है कि मेल फर्जी, अफवाहपूर्ण साबित हुई, लेकिन बड़ी त्रासदी भी हो सकती थी। इन स्कूलों में 2 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, अध्यापक और कर्मचारी भी हैं। यदि वाकई बम रखे होते और वे विस्फोट कर जाते, तो कल्पना करते हुए भी मन सिहरने लगता
स्कूलों को जो ईमेल भेजे गए हैं। उसमें नफरती भाषा का इस्तेमाल किया गया। ईमेल में लिखा है कि हमारे हाथों में जो लोहा है। वह हमारे दिलों को गले लगाता है। इंशाअल्लाह, हम इन्हें हवा में उड़ा कर तुम्हारे शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर देंगे। तुम्हारे घिनौने शरीरों को चीर देंगे। हम तुम्हारी गर्दन और चेहरे को फाड़ देंगे। अल्लाह की मर्जी हुई तो हम तुम्हें आग की लपटों में डाल देंगे। जिससे तुम्हारा दम घुट जाएगा। काफिरों के लिए जहन्नुम में अलग आग है। काफिरों... इंशाअल्लाह, तुम इसी आग में हमेशा के लिए जल जाओगे। लिहाजा साफ संकेत है कि किस जमात ने वह मेल भेजी होगी। वहीं, जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि ये ईमेल कहां से भेजे गए हैं। प्राथमिक जांच में जानकारी सामने आई है कि धमकी का ईमेल रूस से आया है। ई-मेल भेजने के बाद अकाउंट ही समाप्त कर दिया गया है। साजिशकार एक से दूसरे देश में चले गए होंगे। सीमापार जांचों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को साझा करने की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था ही लगभग गायब है। यह सभी देशों के लिए गंभीर चुनौती है। पाकिस्तान में फर्जी सिलसिलों के बाद अचानक पेशावर के स्कूल पर आतंकी हमला किया गया था, जिसमें करीब 140 मासूम छात्र मारे गए थे। पाकिस्तान को तो हम आतंकवाद की पनाहगाह मान सकते हैं, लिहाजा ऐसे हमले की कल्पना भी कर सकते हैं, लेकिन हमारे कोलकाता के करीब 200 सरकारी और निजी स्कूलों को इसी अप्रैल में ही, ई-मेल के जरिए, बम-विस्फोट की धमकी दी गई थी।

- राजेश माहेश्वरी

Advertisement
Next Article