जिंदगी नहीं मिलेगी दोबारा
जीवन कदम-कदम पर चुनौतियों का दूसरा नाम है। हर चरण में खतरे ही खतरे हैं यह बात हर कोई जानता है लेकिन आज के कंप्यूटर युग में जीवन में सब कुछ अगर रील में सिमट रहा है तो सावधान हो जाने का वक्त आ गया है। रील लाइफ में अपने आपको खतरों से खेलकर कैमरे में उतारकर लोगों तक पहुंचाने की होड़ आजकल इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और फेसबुक पर मची हुई है। कोई पानी में सैकड़ों फीट तक कूदकर करतब दिखाता हुआ रील बना रहा है तो कोई लड़की अपने बाल किसी भी चीज से बांधकर झुले ले रही है लेकिन पिछले दिनों कुछ ऐसे रील बनाने के किस्से सामने आए जो करतब दिखाने वालों की मौत का कारण बन गए। एक लड़की मुंबई में भरी बारिश में उल्टी कार चलाकर करतब दिखा रही थी और वह कार खाई में जा गिरी और उसकी मौत हो गयी। पुणे के इस केस के बाद 27 साल की एक लड़की कार चलाकर रील बनाना चाहती थी उसका जीवन भी खत्म हो गया। पुणे के पास लोनावाला और कुंभेवाटर फाल में पिकनिक मनाते दो लोगों की जान रील बनाते-बनाते ही गयी।
अनवीकुंबे जिस झरने पर रील बना रही थी वहां उसका खुद का संतुलन बिगड़ गया और वह 400 फुट गहरी खाई में गिरकर जीवन गंवा बैठी, यह किस्सा भी महाराष्ट्र के माल गांव कोलार्ड में हुआ। नोएडा में एक लड़की बारिश में नाच रही थी और उसकी सहेली रील बना रही थी कि बिजली गिरी और मौत की रील बन गयी। मध्यप्रदेश के मुरैना में बारह साल का एक बच्चा रस्सी गले में डालकर पंखे से झूल रहा था रील बनाने के लिए लेकिन उसका संतुलन बिगड़ गया और फांसी के फंदे की रील बन गयी।
इन घटनाओं का जिक्र मैंने इसलिए किया है कि रील लाइफ और रियल लाइफ में अंतर को समझना होगा। अपने फॉलोवर्स बढ़ाने का क्रेज आज के कंप्यूटर युग में बढ़ता जा रहा है। जब पिकनिक स्थलों पर पूरे परिवार सहित लोग पहुंचते हैं तो वह अच्छे-अच्छे लोकेशनों पर फोटो खिंचवाते हैं। प्रकृति को कैमरों में कैद करना और खुद को प्रकृति की गोद में खेलता हुआ कैमरे में कैद करना यानी रील बनाने के बढ़ते क्रेज ने लोगों को रियल लाइफ से दूर कर दिया है। करतब दिखाने वाले यह नहीं जानते कि रियल लाइफ बहुत कीमती है। यह सभी उदाहरण इसी चीज के हैं कि जरा सी सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। माता-पिता को भी चाहिए कि बच्चों को शोबाजी अर्थात दिखावे से दूर रखें। आज भी कितने विज्ञापन टीवी पर चलते हैं तो उनके नीचे एडवाइजरी लिखी आती है कि इन्हें खुद करने की कोशिश न करें। मेरा मानना है कि एडवाजरी से बात नहीं बनेगी माता-पिता को चाहिए कि बच्चों पर ना सिर्फ निगाह रखें बल्कि एडवेंचर की चीजें अकेले ना करने की नसीहत दें। बच्चों को बिना वजह प्रमोट न करें। पिकनिक स्पॉट पर पहुंच कर चारों तरफ पानी के बीच चट्टाननुमा पत्थर पर फोटो खिंचवाने की कीमत सैकड़ों लोग अपनी जान गंवाकर दे चुके हैं।
इसमें कोई शक नहीं कि टैलेंट का प्रदर्शन जरूरी है लेकिन जान जोखिम में डालकर अगर टैलेंट दिखा भी दिया तो उसका क्या फायदा। आज भी फेसबुक, इंस्टाग्राम या व्हाट्सऐप पर कितने ही ऐसे कारनामे खतरों से भरे पड़े हैं लेकिन उनके पीछे एक्सपर्ट की ट्रेनिंग रहती हैं और रहनी चाहिए भी। रील लाइफ और रियल लाइफ में संतुलन बनाकर रखना बहुत जरूरी है। अगर रील लाइफ में कोई चुनौतीपूर्ण दृष्य फिल्माते-फिल्माते आपकी जान चली गयी तो आपके फॉलोवर्स बढ़ने का क्या फायदा होगा। हमने बॉलीवुड के बारे में और हॉलीवुड के बारे में भी सुना है कि स्टंट सीन कितने खतरनाक होते हैं और हीरो-हीरोइन को बचाने के लिए डुप्लीकेट कलाकार तैयार किये जाते हैं जो हीरो-हीरोइनों के सीन फिल्माते हैं लेकिन यहां तो लोग जान जोखिम में डालकर रील बना रहे हैं और फालोवर बढ़ा रहे हैं। मेरा ऐसे जीवन खतरे में डालकर रील बनाने वालों को बहुत ही प्यार के साथ और अपनेपन के साथ निवेदन है कि कृपया खतरों से बचें। जीवन है तो सब कुछ है। रील बनाते-बनाते अगर खुद को गंवा दिया तो यह रियल लाइफ की सबसे बड़ी ट्रैजडी होगी। आपको इतना ही कहूंगी कि सतर्क रहें, जीवन का आनंद लें और इस तथ्य को भी याद रखें कि जिंदगी नहीं मिलेगी दोबारा।