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2025 में FEMA उल्लंघनों पर ED का पूरा फोकस: निदेशक राहुल नवीन

FEMA उल्लंघनों पर ED की पैनी नज़र: राहुल नवीन

12:01 PM May 01, 2025 IST | Aishwarya Raj

FEMA उल्लंघनों पर ED की पैनी नज़र: राहुल नवीन

2025 में fema उल्लंघनों पर ed का पूरा फोकस  निदेशक राहुल नवीन

ED के निदेशक राहुल नवीन ने घोषणा की है कि 2025 में एजेंसी का मुख्य ध्यान FEMA उल्लंघनों पर रहेगा। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत एक्सपोर्ट-इंपोर्ट में धांधली और विदेशी निवेश नियमों के उल्लंघन की गहराई से जांच की जाएगी। दोषियों को सज़ा देने के साथ स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा मिलेगा।

वर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक राहुल नवीन ने गुरुवार को एजेंसी के स्थापना दिवस पर बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वर्ष 2025 में ED का मुख्य ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उल्लंघनों पर रहेगा। उन्होंने कहा कि देश की वित्तीय प्रणाली की मजबूती और विदेशी लेन-देन की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कदम आवश्यक है। ED अब एक्सपोर्ट-इंपोर्ट में धांधली, विदेशी निवेश नियमों के उल्लंघन, गैर-अधिकृत विदेशी ट्रांसफर और अनिवासी भारतीयों द्वारा ज़मीन खरीदने जैसे मामलों की गहराई से जांच करेगी। नवीन ने बताया कि दोषियों को सज़ा देने के साथ-साथ उन्हें अपनी गलती सुधारने का भी अवसर दिया जाएगा ताकि स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा मिले। साथ ही, ED मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में की गई अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी को आगे बढ़ाने के लिए भी सक्रिय है।

FEMA उल्लंघनों की जांच होगी प्राथमिकता

ED निदेशक ने स्पष्ट किया कि 2025 में एजेंसी का प्राथमिक फोकस FEMA के अंतर्गत नियमों के उल्लंघन पर रहेगा। इनमें सबसे अधिक नजर उन मामलों पर होगी जो क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजेक्शन्स जैसे FDI का दुरुपयोग, एक्सपोर्ट-इंपोर्ट में गड़बड़ी, या बिना अनुमति विदेशी फंड ट्रांसफर जैसे हैं। उन्होंने कहा कि RBI और केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए ED सक्रिय जांच, निर्णय और ज़रूरत पड़ने पर दंड की कार्यवाही करेगी।

मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में ED की बड़ी कार्रवाई

नवीन ने बताया कि 2014 से 2024 के बीच ED ने PMLA के तहत 5,113 नए केस दर्ज किए, जो प्रति वर्ष औसतन 500 से अधिक केस हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में यह संख्या 775 तक पहुंच गई। इस दौरान 333 अभियोजन शिकायतें दर्ज की गईं और 34 दोषियों को सज़ा सुनाई गई। इसके अलावा, 30,036 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया गया — जो पिछले वर्ष की तुलना में 141% अधिक है।

1.54 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त

31 मार्च 2025 तक ED द्वारा जब्त की गई कुल संपत्तियों का मूल्य 1,54,594 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि ये संपत्तियां आपराधिक गतिविधियों से अर्जित की गई थीं और फिलहाल न्यायिक निर्णय लंबित होने के कारण इनमें से अधिकांश निष्क्रिय पड़ी हैं। ED अब इन संपत्तियों के उपयोग और वैध मालिकों को पुनर्स्थापन के लिए कदम उठा रही है।

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पीड़ितों को मिला 15,261 करोड़ का मुआवजा

ED ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में अदालत की अनुमति से 30 मामलों में 15,261 करोड़ रुपये की राशि पीड़ितों और वैध मालिकों को लौटाई गई। यह प्रक्रिया अगले वर्ष और तेज़ होने की उम्मीद है। यह कदम ED की ‘Non-Conviction Based Confiscation and Restitution’ नीति के तहत उठाया गया, जिसमें बैंकों, राज्य सरकारों और कानूनी अधिकारियों की मदद ली गई।

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Aishwarya Raj

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