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Ekadashi List November 2025: नवंबर में कब-कब है एकादशी? यहां जानें तिथि और उनका धार्मिक महत्व

04:34 PM Oct 30, 2025 IST | Bhawana Rawat

Ekadashi List November 2025: सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है, यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है। कहते हैं कि इसी महीने जग के पालनहार भगवान विष्णु 4 महीने की योग निद्रा के बाद जागृत होते हैं। इस महीने में 2 एकादशी पड़ती हैं, जिसमें पहली एकादशी देवउठनी वहीं दूसरी उत्पन्ना एकादशी पड़ती है। इस दोनों एकादशियों का बहुत महत्व है। मान्यता है कि जो भी साधक एकादशी व्रत को विधिपूर्वक करता है, उसे पापों से छुटकारा मिलता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद बना रहता है। चलिए जानते हैं नवंबर में कब-कब एकदशी पड़ रही है, इनके शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व क्या है।

November 2025 Ekadashi List: नवंबर महीने में पड़ेंगी ये 2 एकादशी

1. देवउठनी एकादशी

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देवउठनी एकादशी (Image- Ai Generated)

देवउठनी एकादशी का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल ये तिथि 01 नवंबर को सुबह 09 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। उदय तिथि के मुताबिक देवउठनी एकादशी 01 नवंबर को मनाई जाएगी।

व्रत पारण टाइम

देवउठनी एकादशी का व्रत पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है। इस साल एकादशी व्रत का पारण 02 नवंबर को किया जाएगा। व्रत पारण का समय दोपहर 01 बजकर 11 मिनट से लेकर शाम 03 बजकर 23 मिनट तक है।

देवउठनी एकादशी का धार्मिक महत्व

देवउठनी एकादशी के दिन से मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। देवउठनी एकदशी को देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं, इसी दिन तुलसी माता का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरुप से किया जाता है। तुलसी विवाह, मांगलिक कार्यक्रम के शुरुआत का प्रतिक है।

2. उत्पन्ना एकादशी

उत्पन्ना एकादशी (Image- Ai Generated)

उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल ये तिथि 15 नवंबर को देर रात 12 बजकर 48 मिनट पर शुरू होगी और 16 नवंबर को देर रात 02 बजकर 38 मिनट पर इसका समापन होगा। ऐसे में उदयतिथि के हिसाब से यह एकादशी 15 नवंबर को मनाई जाएगी।

व्रत पारण टाइम

उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण 16 नवंबर को किया जाएगा। इस व्रत पर अन्न-धन और वस्त्र समेत आदि चीजों का दान करना बहुत शुभ होता है। व्रत पारण का समय दोपहर 01 बजकर 11 मिनट से लेकर 03 बजकर 23 मिनट तक है।

उत्पन्ना एकादशी का धार्मिक महत्व

उत्पन्ना एकादशी को लेकर ये मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के शरीर से देवी एकादशी की उत्पत्ति हुई थी। इस दिन व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की विशेष पूजा-अर्चना होती है। जो भी साधक इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजन करता है, उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।

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