Electric Vehicle की बिक्री में उछाल, 2030 लक्ष्य की ओर भारत
नए मॉडल्स की लॉन्चिंग से EV बिक्री में 16% की वृद्धि
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी आ रही है, जिससे 2030 के लक्ष्य की प्राप्ति के संकेत मिल रहे हैं। सरकारी प्रोत्साहन और नीतिगत सुधारों के चलते बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 16% की वृद्धि हुई है। नए मॉडल के लॉन्च और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश से ईवी अपनाने की प्रक्रिया को गति मिल रही है।
सरकारी प्रोत्साहन और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश से स्थानीय इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण को बढ़ावा मिल रहा है। इसके साथ ही कई नीतिगत उपाय और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, बाजार को 2030 के लक्ष्य के करीब लाने में मदद कर रहे हैं। काउंटरपॉइंट के लेटेस्ट ‘इंडिया पैसेंजर व्हीकल मॉडल सेल्स ट्रैकर’ के अनुसार, भारत के यात्री वाहन (पीवी) की बिक्री 2024 में सालाना आधार पर 4.6 प्रतिशत बढ़कर 4.3 मिलियन यूनिट से अधिक हो गई। इस कुल पीवी बिक्री में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) की 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी दर्ज की गई है, जो सालाना आधार पर 16 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यात्री बीईवी की बिक्री में वृद्धि का श्रेय कई नए मॉडलों के लॉन्च को दिया जा सकता है, जिनमें टाटा कर्व.ईवी, एमजी विंडसर, बीवाईडी सील, बीवाईडी ईमैक्स 7 और टाटा पंच.ईवी रिफ्रेश शामिल हैं। भारत सरकार ने ईवी अपनाने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इस लक्ष्य के तहत 2030 तक यात्री वाहन सेगमेंट में 30 प्रतिशत, संयुक्त दोपहिया और तिपहिया सेगमेंट में 80 प्रतिशत और वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट में 70 प्रतिशत ईवी पेनिट्रेशन हासिल करना है।
MG HECTOR SUV का नया मॉडल लॉन्च, 13.99 लाख रुपये से शुरू
ऑटोमोटिव बाजार विश्लेषक अभिक मुखर्जी के अनुसार, ऑटोमोबाइल और उनके कंपोनेंट्स के लिए अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी, भारत के बढ़ते कंपोनेंट निर्यात के लिए एक खतरा पैदा करती है। हालांकि, यह दूसरे बाजारों में कंपोनेंट निर्यात बढ़ाने का भी अवसर पैदा करता है। भारत की सबसे बड़ी पीवी कंपनी मारुति सुजुकी और अंतरराष्ट्रीय बीईवी स्पेशलिस्ट टेस्ला और विनफास्ट के प्रतिस्पर्धी मूल्य वाले किफायती और प्रीमियम मॉडल के साथ भारतीय बाजार में प्रवेश करने जा रहे हैं। इससे 2025 के अंत तक पीवी बाजार के 5 प्रतिशत हिस्से पर बीईवी का कब्जा होने का अनुमान है।
मुखर्जी ने कहा कि दोपहिया सेगमेंट में ईवी अपनाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। 2024 में कुल दोपहिया वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 6.2 प्रतिशत रही, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 36 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। प्रोत्साहनों और कर छूटों के कारण इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल अंतिम मील डिलीवरी और माइक्रो-मोबिलिटी एप्लीकेशन के लिए तेजी से किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, “फूड डिलिवरी और क्विक कॉमर्स कंपनियां अधिक सस्टेनेबल और हरित भविष्य को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के इस्तेमाल का विस्तार कर रही हैं। इसके अलावा, शहरी यात्री अपनी दैनिक यात्रा जरूरतों के लिए पारंपरिक पावरट्रेन की तुलना में ईवी को प्राथमिकता दे रहे हैं।”