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देश में बिजली की खपत अप्रैल में 11 प्रतिशत बढ़कर 144.89 अरब यूनिट

04:45 PM May 01, 2024 IST | Jivesh Mishra
देश में बिजली की खपत अप्रैल में 11 प्रतिशत बढ़कर 144 89 अरब यूनिट

Electricity Consumption: देश में बिजली की खपत अप्रैल में सालाना आधार पर करीब 11 प्रतिशत बढ़कर 144.25 अरब यूनिट रही है। मुख्य रूप से तापमान बढ़ने से बिजली खपत बढ़ी है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। अप्रैल, 2023 में बिजली की खपत 130.08 अरब यूनिट थी। एक दिन में बिजली की अधिकतम मांग भी अप्रैल, 2024 में बढ़कर 224.18 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) हो गई, जबकि अप्रैल, 2023 में यह 215.88 गीगावाट थी।

Highlights:

  • देश में बिजली की खपत अप्रैल में 11 प्रतिशत बढ़कर 144.89 अरब यूनिट
  • बिजली की अधिकतम मांग लगभग 260 गीगावाट रहने का अनुमान लगाया
  • आपूर्ति जून में 224.1 गीगावाट की नई ऊंचाई पर पहुंच गई

बिजली की अधिकतम मांग लगभग 260 गीगावाट रहने का अनुमान लगाया

बिजली मंत्रालय ने गर्मियों के दौरान बिजली की अधिकतम मांग लगभग 260 गीगावाट रहने का अनुमान लगाया है। विशेषज्ञों ने कहा कि बिजली की खपत के साथ-साथ मांग में वृद्धि मुख्य रूप से तापमान बढ़ने और इस्पात तथा बिजली जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी के कारण हुई। उन्होंने कहा कि गर्मी की शुरुआत के साथ बिजली की मांग के साथ-साथ खपत में भी मजबूत वृद्धि बने रहने का अनुमान है। बिजली मंत्रालय ने 2023 में गर्मियों के दौरान देश में बिजली की मांग 229 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान लगाया था लेकिन बेमौसम बारिश के कारण अप्रैल-जुलाई में यह अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंच पाई।

आपूर्ति जून में 224.1 गीगावाट की नई ऊंचाई पर पहुंच गई

हालांकि, अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए आपूर्ति जून में 224.1 गीगावाट की नई ऊंचाई पर पहुंच गई। लेकिन जुलाई में यह घटकर 209.03 गीगावाट पर आ गई। अगस्त, 2023 में अधिकतम मांग 238.82 गीगावाट तक पहुंच गई, जबकि सितंबर में यह 243.27 गीगावाट, अक्टूबर में 222.16 गीगावाट, नवंबर में 204.77 गीगावाट, दिसंबर, 2023 में 213.79 गीगावाट, जनवरी, 2024 में 223.51 गीगावाट और फरवरी, 2024 में 222.72 गीगावाट थी। उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि व्यापक स्तर पर बारिश के कारण 2023 में मार्च, अप्रैल, मई और जून में बिजली की खपत प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में बिजली की खपत बढ़ी। इसका मुख्य कारण गर्मी बढ़ने और त्योहारों से पहले औद्योगिक गतिविधियों में तेजी थी।

 

 

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Jivesh Mishra

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