W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

गर्भवती हथिनी को मार डालने के मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने गंभीर धाराओं के तहत दर्ज किया केस

07:23 PM Sep 12, 2024 IST | Shubham Kumar
गर्भवती हथिनी को मार डालने के मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने गंभीर धाराओं के तहत दर्ज किया केस

West Bengal: पश्चिम बंगाल पुलिस ने अगस्त में झाड़ग्राम जिले में एक गर्भवती हाथिनी को मार डालने से संबंधित प्राथमिकी में शस्त्र अधिनियम का मामला भी जोड़ा है। इस घटना में गर्भवती हथिनी की मौत हो चुकी है।

Advertisement

Highlights:

Advertisement

  • बंगाल में हथिनी की मौत को लेकर बंगाल पुलिस ने लिया एक्शन
  • हाथिनी को मार डालने से जुड़े मामले में बंगाल पुलिस ने गंभीर धाराओं के तहत दर्ज किया मामला

हथियारों के अवैध उपयोग से जुड़ा है गैर जमानती मामला

बता दें कि अब इस मामले पेटा (पीपुल्स फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स) इंडिया ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि झाड़ग्राम के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने उसे बताया कि शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 27 (1) को प्राथमिकी में जोड़ा गया है। यह धारा हथियारों के अवैध उपयोग से संबंधित है और एक गैर-जमानती अपराध है। इस मामले में गिरफ्तार दो व्यक्ति फिलहाल जेल में हैं, क्योंकि उनकी जमानत याचिका दो बार खारिज हो चुकी है। पेटा ने कहा कि धारा 27(1) के शामिल होने से आरोपी के लिए जमानत पाना और भी मुश्किल हो जाएगा। अधिक कठोर धाराओं को शामिल किए जाने की पुष्टि करते हुए राज्य के एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि गर्भवती हथिनी को गर्म छड़ों से मार डालने के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के अनुसार दंडित किया जाए।

Advertisement

पेटा ने संज्ञान ले की थी कार्यवाई की मांग

पेटा इंडिया ने कहा कि 16 अगस्त को वन विभाग द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद, उन्होंने अनुरोध किया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम, 1960 की धारा 11 (1) को प्राथमिकी में जोड़ा जाए। उसने शस्त्र अधिनियम, 1959 के किसी भी उल्लंघन का पता लगाने के लिए हथियार और गोला-बारूद के अवैध उपयोग की जांच करने की भी मांग की थी।

तीन स्थानीय स्तर पर गठित की गयी समिति

मुख्य वन्यजीव वार्डन देबल रॉय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हथिनी को अब वापस तो नहीं लाया जा सकता, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि तीन स्थानीय समितियां बनाई गई हैं, जिनमें से एक हाथियों के खिलाफ जलती मशालों के इस्तेमाल के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। पेटा एक गैर-सरकारी संगठन है जो व्यवसाय एवं समाज में जानवरों के साथ दुर्व्यवहार को समाप्त करने और रोजमर्रा के निर्णय लेने और सामान्य नीतियों और प्रथाओं में जानवरों के हितों पर ध्यान दिये जाने को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Author Image

Shubham Kumar

View all posts

Advertisement
Advertisement
×