सहारनपुर में अपाचे हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग, जमा हुई लोगों की भीड़, जानें मामला
सहारनपुर में अपाचे हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग से घबराए लोग
सुबह लगभग 8:45 बजे उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही हेलीकॉप्टर के कंट्रोल सिस्टम में एक चेतावनी संकेत दिखाई दिया. इसे देखते हुए पायलटों ने तुरंत फैसला लेते हुए नजदीकी सुरक्षित स्थान की तलाश की और जोधेबांस गांव के एक खुले खेत में हेलीकॉप्टर को सावधानीपूर्वक उतार दिया.
Saharanpur News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में आज सुबह भारतीय वायुसेना (IAF) के एक अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर ने तकनीकी खराबी के चलते आपात लैंडिंग की. यह घटना चिलकाना थाना क्षेत्र के जोधेबांस गांव के पास यमुना नदी किनारे हुई, जहां पायलटों ने सूझबूझ से काम लेते हुए एक खेत में सुरक्षित लैंडिंग कराई. हेलीकॉप्टर सरसावा एयरफोर्स स्टेशन से नियमित अभ्यास मिशन पर निकला था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुबह लगभग 8:45 बजे उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही हेलीकॉप्टर के कंट्रोल सिस्टम में एक चेतावनी संकेत दिखाई दिया. इसे देखते हुए पायलटों ने तुरंत फैसला लेते हुए नजदीकी सुरक्षित स्थान की तलाश की और जोधेबांस गांव के एक खुले खेत में हेलीकॉप्टर को सावधानीपूर्वक उतार दिया. भारतीय वायुसेना ने इस लैंडिंग को “प्रीकॉशनरी लैंडिंग” बताया है. पायलटों की सतर्कता के कारण किसी भी प्रकार की जनहानि या बड़े नुकसान होने का बचाव किया गया.
स्थानीय लोगों की जमा हुई भीड़
हेलीकॉप्टर की खेत में लैंडिंग होते ही आसपास के ग्रामीण वहां जमा हो गए. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर @SachinGuptaUP नाम के अकाउंट से वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में लोग हेलीकॉप्टर के पास खड़े हैं. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और सेना के अधिकारी मौके पर पहुंचे और क्षेत्र को घेराबंदी कर सुरक्षित किया. भारतीय वायुसेना की तकनीकी टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और हेलीकॉप्टर की तकनीकी जांच शुरू की गई.
भारत की ताकत है अपाचे हेलीकॉप्टर
अपाचे AH-64E दुनिया के सबसे आधुनिक और घातक अटैक हेलीकॉप्टरों में से एक है. यह हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस होता है. भारत ने 2015 में अमेरिकी कंपनी बोइंग से 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए करीब 13,951 करोड़ रुपये का समझौता किया था. इनमें से अधिकतर हेलीकॉप्टर पठानकोट और जोरहाट बेस पर तैनात किए गए हैं. ये पुराने रूसी Mi-35 हेलीकॉप्टरों की जगह ले रहे हैं.
पिछले वर्षों में भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहला मौका नहीं है जब किसी अपाचे हेलीकॉप्टर को तकनीकी कारणों से आपात लैंडिंग करनी पड़ी हो. 2020 में पंजाब के होशियारपुर और 2023 में मध्य प्रदेश के भिंड में भी इसी तरह की घटनाएं हुई थीं, हालांकि दोनों ही मामलों में पायलट सुरक्षित रहे थे. 2024 में लद्दाख में एक अपाचे ऊंचे और पथरीले इलाके में क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसकी बाद में जांच के आदेश दिए गए थे.
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स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय लोगों में थोड़ी घबराहट तो थी, लेकिन जब पता चला कि पायलट सुरक्षित हैं और कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, तो उन्होंने राहत की सांस ली. गांव के निवासी रामपाल ने कहा, ‘पहले लगा कि कोई दुर्घटना हुई है, लेकिन जब पता चला कि सब ठीक है, तो तसल्ली हुई.’ सोशल मीडिया पर लोग पायलटों की त्वरित प्रतिक्रिया और सूझबूझ की सराहना कर रहे हैं, जबकि कुछ यूजर्स लगातार तकनीकी खराबियों पर चिंता भी जता रहे हैं.