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म्यांमार में बढ़ सकता है आपातकाल, संभावित चुनावों में हो सकता है और अधिक विलंब

म्यांमार सेना के प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने कहा कि 1 फरवरी के तख्तापलट के दौरान सैन्य शासन द्वारा लगाए गए एक साल के आपातकाल को बढ़ाया जा सकता है।

04:28 PM Apr 09, 2021 IST | Desk Team

म्यांमार सेना के प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने कहा कि 1 फरवरी के तख्तापलट के दौरान सैन्य शासन द्वारा लगाए गए एक साल के आपातकाल को बढ़ाया जा सकता है।

म्यांमार सेना के प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने कहा कि 1 फरवरी के तख्तापलट के दौरान सैन्य शासन द्वारा लगाए गए एक साल के आपातकाल को बढ़ाया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप संभावित चुनावों में और विलंब हो सकता है। समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने चुनावों के लिए स्पष्ट समयसीमा तो नहीं बताई, लेकिन कहा कि आपातकाल की स्थिति को छह महीने या उससे अधिक समय तक बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि देश के संविधान के तहत दो साल के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान होना चाहिए, लेकिन म्यांमार में लोकतंत्र का मानक पश्चिमी देशों से नहीं होगा। जॉ मिन तुन ने यह भी कहा कि मतदाता धोखाधड़ी का ठोस सबूत है जिसे सेना ने सत्ता पर कब्जा करने के अधिकार को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल किया है, लेकिन कोई सबूत पेश नहीं किया। नागरिक नेता आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी ने चुनाव में जबर्दस्त जीत दर्ज की थी। इसके बाद सेना ने तख्ता पलट करते हुए सू ची को हिरासत में ले लिया था। 
हालांकि स्थानीय पर्यवेक्षकों ने कहा है कि वोट विश्वसनीय था। सेना की इस कार्रवाई का देश भर में व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है। सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों के विरोध को कुचलने के लिए हिंसक कार्रवाई भी की है। एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स नामक संगठन के मुताबिक, 48 बच्चों सहित लगभग 2,850 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कम से कम 598 मारे गए हैं।
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