EPFO Record Growth: मई में 20.06 लाख नए सदस्य जुड़े, बना ऑल-टाइम हाई रिकॉर्ड
भारत में औपचारिक रोजगार के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि दर्ज हुई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने मई 2025 में रिकॉर्ड तोड़ सदस्यता वृद्धि दर्ज की है। मई महीने में कुल 20.06 लाख नए सदस्य EPFO से जुड़े, जो अब तक का सबसे बड़ा नेट एडिशन है। अप्रैल 2018 से जब से EPFO ने पेरोल डेटा जारी करना शुरू किया, तब से यह सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
Net Addition में बड़ी बढ़त, EPFO
मई 2025 में पेरोल नेट एडिशन अप्रैल 2025 की तुलना में 4.79 प्रतिशत ज्यादा रहा। साल-दर-साल तुलना करें तो मई 2024 की तुलना में भी इसमें 2.84 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसका मतलब यह है कि देश में रोजगार के अवसरों में इजाफा हुआ है और EPFO द्वारा चलाई जा रही जागरूकता मुहिम का सकारात्मक असर पड़ा है।
श्रम एवं रोजगार मंत्री ने इसे भारत की आर्थिक मजबूती का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का श्रम बाजार और अधिक मजबूत हो रहा है। सरकार द्वारा किए गए श्रमिक-हितैषी सुधारों और युवा केंद्रित नीतियों का असर इन आंकड़ों में दिख रहा है।
EPFO records all-time highest addition of 20.06 lakh net members during May 2025, marking the highest recorded addition since payroll data tracking began in April 2018.#EPFO pic.twitter.com/DeQhROK41m
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) July 21, 2025
Youth Employment में सबसे ज्यादा योगदान
EPFO के ताजा आंकड़ों में एक दिलचस्प पहलू यह है कि सबसे ज्यादा योगदान युवा वर्ग का रहा। मई में 9.42 लाख नए सदस्य जुड़े, जो अप्रैल 2025 की तुलना में 11.04 प्रतिशत ज्यादा है। इनमें 18-25 आयु वर्ग के युवाओं की संख्या सबसे अधिक रही।
इस उम्र वर्ग में 5.60 लाख नए अंशधारक से जुड़े जो कुल नए सदस्यों का लगभग 59.48 प्रतिशत है। अप्रैल के मुकाबले इस संख्या में 14.53 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इससे यह स्पष्ट होता है कि संगठित क्षेत्र में शामिल होने वाले सबसे बड़े वर्ग में युवा ही हैं।
नेट एडिशन के आंकड़ों में भी 18-25 आयु वर्ग का वर्चस्व रहा। इस वर्ग में मई में कुल 8.73 लाख सदस्य जुड़े जो अप्रैल के मुकाबले 15.10 प्रतिशत ज्यादा है। यह दिखाता है कि देश में युवाओं के लिए औपचारिक रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
Female Workforce में बढ़ती भागीदारी, EPFO
मई में महिला अंशधारकों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली। लगभग 2.62 लाख महिलाओं ने पहली बार EPFO से जुड़ाव किया। यह अप्रैल की तुलना में 7.08 प्रतिशत अधिक है और पिछले साल मई 2024 की तुलना में 5.84 प्रतिशत की सालाना बढ़त दिखाता है।
नेट पेरोल एडिशन में महिलाओं की भागीदारी और ज्यादा प्रभावशाली रही। लगभग 4.25 लाख महिलाएं इस महीने EPFO के तहत शामिल हुईं। यह पिछले महीने की तुलना में 7.54 प्रतिशत और पिछले साल की तुलना में 15.04 प्रतिशत ज्यादा है।
इन आंकड़ों से साफ है कि भारत का कार्यबल अब ज्यादा विविध और समावेशी हो रहा है। महिला कर्मचारियों की बढ़ती संख्या इस ओर इशारा करती है कि देश में लैंगिक समानता की दिशा में ठोस प्रगति हो रही है।
Social Security को दी जा रही प्राथमिकता
EPFO के आंकड़ों में एक और अहम बात देखने को मिली कि मई 2025 में करीब 16.11 लाख सदस्य दोबारा EPFO में शामिल हुए। ये वे लोग थे जो पहले EPFO से बाहर हो गए थे लेकिन फिर किसी नए रोजगार में शामिल होने के बाद अपनी बचत को बनाए रखते हुए EPFO का हिस्सा बने। अप्रैल के मुकाबले इसमें 2.12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
इस ट्रेंड का मतलब यह है कि लोग अब अपने दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा को लेकर ज्यादा जागरूक हो रहे हैं। सदस्य अपनी जमा पूंजी को अंतिम निकासी करने की बजाय ट्रांसफर कर रहे हैं, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा बनी रहती है।
Formal Employment में सकारात्मक रुझान
EPFO के इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि देश का औपचारिक रोजगार सेक्टर मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। युवाओं, महिलाओं और फिर से शामिल होने वाले सदस्यों की बढ़ती संख्या दर्शाती है कि भारत में रोजगार बाजार में स्थिरता और विश्वास बढ़ा है। सरकार की नीतियों और EPFO की पहल का असर जमीनी स्तर पर दिखने लगा है और आने वाले समय में इसके और बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।