जेट एयरवेज को बचाने से पीछे हटे एतिहाद और वोल्कन
एयरलाइन एतिहाद ने कहा कि देनदारी से जुड़े मुद्दों के अब तक नहीं सुलझ पाने के कारण उसने जेट एयरवेज में फिर से निवेश नहीं करने का फैसला किया है।
06:59 AM Aug 13, 2019 IST | Desk Team
नई दिल्ली : खाड़ी देश की प्रमुख एयरलाइन एतिहाद ने सोमवार को कहा कि देनदारी से जुड़े मुद्दों के अब तक नहीं सुलझ पाने के कारण उसने जेट एयरवेज में फिर से निवेश नहीं करने का फैसला किया है। बंद हो चुकी जेट एयरवेज में एतिहाद की 24 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। वहीं दूसरी ओर खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता रिसोर्सेज के मुखिया अनिल अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि उनकी बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज को खरीदने में अब कोई दिलचस्पी नहीं है।
कर्ज में डूबी जेट एयरवेज का मामला दिवाला संहिता के तहत एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) के समक्ष विचाराधीन है और अग्रवाल की निवेश कंपनी वोल्कन इन्वेस्टमेंट ने जेट एयरवेज को खरीदने के लिए रविवार को रुचि पत्र (ईओआई) जमा किया था। कल इस बंद पड़ी एयरलाइन के लिए बोली लगाने का आखिरी दिन था।
एतिहाद ने बयान जारी कर कहा कि एयरलाइन से जुड़ी देनदारियों के मुद्दों के अब तक नहीं सुलझ पाने के कारण उसने जेट एयरवेज में फिर से निवेश को अभिरुचि पत्र प्रस्तुत नहीं किया है। अभिरुचि पत्र प्रस्तुत करने की आखिरी तारीख 10 अगस्त थी। इस कदम के बाद अब एयरलाइन की संपत्तियों को खरीदने की दौड़ में सिर्फ दो कंपनियां रह गई हैं। वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अप्रैल में परिचालन बंद कर दिया था।
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