15 साल पुरानी सत्ता से किया बेदखल, PM मोदी के ही दांव से AAP ने दी BJP को मात
एमसीडी के चुनावी नतीजों से ये साबित हो गई है कि दिल्ली में अब डबल इंजन की सरकार होगी।दिल्ली की सत्ता पर पिछले आठ साल से काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
02:02 PM Dec 07, 2022 IST | Desk Team
एमसीडी के चुनावी नतीजों से ये बात साबित हो गई है कि दिल्ली में अब डबल इंजन की सरकार होगी।दिल्ली की सत्ता पर पिछले आठ साल से काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। सुबह 11.45 बजे तक के रुझानों और नतीजों के आंकड़ों के हिसाब से आप ने 250 सीटों वाली नगर निमम में 135 सीटों पर बढ़त बना ली है, जबकि बीजेपी 102 सीटों पर सिमट गई है।
126 सीट बहुमत के लिए जरूरी है
कांग्रेस को भी इन चुनावों में बड़ा झटका मिलता दिख रहा है। पार्टी 10 सीटों पर सिमट गई है।पांच साल पहले यानी 2017 में तीनों नगर निगमों के कुल 272 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी ने 181 सीटें जीती थीं, जबकि आप ने 49 सीटें और कांग्रेस ने 31 सीटें जीती थीं। इस साल परिसीमन और तीनों नगर निगमों के एकीकरण के बाद दिल्ली नगर निगम की कुल 250 सीटों पर चुनाव हुए हैं। 126 सीट बहुमत के लिए जरूरी है।
नगर निगम पर काबिज बीजेपी को सत्ता से बेदखल
अब हार-जीत के कारणों की व्याख्या शुरू हो गई है। आप के बेहतरीन प्रदर्शन और उसके चुनावी रणनीति से ये बात साफ हो चली है कि आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही दांव से 15 साल से दिल्ली नगर निगम पर काबिज बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया है। दरअसल, यह डबल इंजन का दांव है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने अलग-अलग राज्यों की विधानसभा चुनावों में चला था और कमोबेश जीत हासिल की थी।
एमसीडी की खामियां कीं उजागर
पीएम मोदी अक्सर अपनी चुनावी सभाओं में कहा करते थे कि डबल इंजन की सरकार से विकास को और तेज गति दी जा सकती है। आम आदमी पार्टी ने भी दिल्ली नगर निगम से जुड़ी समस्याओं खासकर साफ-सफाई और कूड़े की समस्या के समाधान के लिए इसी चुनावी दांव का कार्ड खेला। आप ने बीजेपी द्वारा शासित एमसीडी की खामियां उजागर कीं और लोगों को यह भरोसा दिलाने में कारगर रही कि दिल्ली में डबल इंजन की सरकार आई तो राष्ट्रीय राजधानी समस्या मुक्त हो सकती है।
दिल्ली को साफ-सुथरा बनाने पर ही फोकस
दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 साल से 8.1? का शासन है, बावजूद इसके शहर में सड़क, नाली, कूड़े के ढेर और साफ-सफाई की समस्या बनी हुई है। आम आदमी पार्टी ने इसे ही अपना बड़ा मुद्दा बनाया। आप ने पूरे चुनावी अभियान को कूड़े के ढेर में तब्दील दिल्ली को साफ-सुथरा बनाने पर ही फोकस रखा। आप ने कूड़े का मैनेजमेंट और |॥01) दफ्तर में तरह-तरह के लाइसेंस बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की समस्या को भी मुद्दा बनाया, जो उसकी जीत के लिए कारगर साबित हुई।
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