'परीक्षा पे चर्चा 2025' के तीसरे एपिसोड में विशेषज्ञों की राय टेक्नोलॉजी को सेवक होना चाहिए
टेक्नोलॉजी को अपने स्किल्स से आगे न बढ़ने दें: राधिका गुप्ता
विशेषज्ञों ने गुरुवार को ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ के तीसरे एपिसोड में कहा कि टेक्नोलॉजी को मास्टर नहीं, सेवक होना चाहिए। इस एपिसोड में एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट की मुख्य कार्यकारी अधिकारी राधिका गुप्ता और टेक्निकल गुरुजी गौरव चौधरी ने छात्रों के साथ- टेक्नोलॉजी पर पूरी तरह निर्भर हुए बिना इसका सर्वोत्तम इस्तेमाल कैसे किया जाए, विषय पर चर्चा की। राधिका गुप्ता ने कहा कि प्रोफेशनल संदर्भ में, अगर टेक्नोलॉजी हमारी स्किल से आगे निकल जाती है तो यह एक मुद्दा बन जाता है। मैं टेक्नोलॉजी को अपना मास्टर बनाने के बजाय अपना सेवक बनाना चाहती हूं।
उन्होंने कहा कि वह एआई पर निर्भर नहीं रहना चाहती, बल्कि इसे खुद करना चाहती हैं, भले ही इसमें अधिक समय लगे। कार्यकारी अधिकारी राधिका गुप्ता ने कहा कि मेरा पैशन लिखना, वाक्य बनाना और शब्दों से खेलना है, मैं नहीं चाहती कि एआई मेरे लिए 800 शब्दों का निबंध लिखे; मैं इसे खुद करना चाहती हूं। मैं खुद को लगातार याद दिलाती हूं कि इसके लिए एआई पर निर्भर न रहूं, भले ही इसमें अधिक समय लगे। गौरव चौधरी ने कहा कि हालांकि टेक्नोलॉजी ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन समय के साथ हम टेक्नोलॉजी पर अधिक निर्भर हो गए हैं, जिससे फोन नंबर जैसी सरल चीजों को याद रखने की हमारी क्षमता प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि हमारी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता इस हद तक नहीं होनी चाहिए कि यह हमारे स्किल सेट, हमारी क्रिएटिविटी और हमारे मूल सार को प्रभावित करे। इसके अलावा, क्लासरूम सेटिंग्स में एआई के इस्तेमाल पर विशेषज्ञों ने कहा कि इसे उदाहरणों को दिखाने तक ही सीमित रखा जाना चाहिए। गौरव चौधरी ने कहा, “मुझे लगता है कि शिक्षक की भूमिका ज्ञान और अनुभव प्रदान करना है। जैसे एक अंग्रेजी शिक्षक यह प्रदर्शित करना चाहता है कि कैसे अच्छा लिखना है, वे कक्षा में कुछ अच्छे उदाहरण दिखाने के लिए एआई का इस्तेमाल कर सकते हैं।