Explainer: राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार फेमस हस्तियों को किया नॉमिनेट? जानें कौन हैं ये लोग?
Explainer: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा में नामित सदस्यों के रूप में चार फेमस हस्तियों को नॉमिनेट किया है. इनमें सीनियर वकील उज्ज्वल निकम, पूर्व राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला, इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन और केरल के समाजसेवी व शिक्षक सी. सदानंदन मास्टर शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चारों को राज्यसभा के लिए नामित किए जाने पर शुभकामनाएं दीं और उनके पिछले योगदानों की सराहना की.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केरल के त्रिशूर जिले के निवासी सी. सदानंदन मास्टर एक हाई स्कूल शिक्षक, समाजसेवी और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय कार्यकर्ता हैं. उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से बी.कॉम और कालीकट विश्वविद्यालय से बी.एड की पढ़ाई की है.
1-पढ़ाते हैं सामाजिक विज्ञान
वर्ष 1999 से वे श्री दुर्गा विलासम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पेरमंगलम में सामाजिक विज्ञान पढ़ा रहे हैं. इसके साथ ही, वे राष्ट्रीय शिक्षक संघ (केरल) के उपाध्यक्ष और 'देशीय अध्यापक वार्ता' के प्रकाशन के संपादक भी हैं. वे 'भारतीय विचार केंद्रम' नामक संगठन से भी जुड़े हुए हैं, जिसे आरएसएस प्रचारक पी. परमेश्वरन ने शुरू किया था.
राजनीतिक हमले का शिकार
25 जनवरी 1994 को कन्नूर जिले में उनके घर के पास हुए एक राजनीतिक हमले में उनके दोनों पैर काट दिए गए थे. उस समय उनकी उम्र केवल 30 साल थी. यह हमला वामपंथी दलों द्वारा किया गया माना गया था, क्योंकि सदानंदन मास्टर की विचारधारा अलग थी. इस गंभीर हमले के बावजूद उन्होंने सार्वजनिक जीवन में सक्रियता बनाए रखी और चुनावों में भी हिस्सा लिया. 2021 में वह कुथुपरंबा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े थे.
2-डॉ. मीनाक्षी जैन
डॉ. मीनाक्षी जैन एक प्रसिद्ध इतिहासकार हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के गर्गी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में इतिहास पढ़ाया है और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की फेलो भी रही हैं. वर्ष 2014 में उन्हें भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) का सदस्य बनाया गया था. 2020 में उन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान दिया गया.
उनकी रिसर्च मुख्य रूप से भारत के सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक इतिहास पर केंद्रित रही है. उनकी पीएचडी शोध थीसिस 1991 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें उन्होंने जाति और राजनीति के संबंधों का अध्ययन किया था.
2- उज्ज्वल निकम
महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मे उज्ज्वल निकम देश के प्रसिद्ध सरकारी वकीलों में से एक हैं. उनके पिता देवराव निकम भी एक न्यायाधीश और बैरिस्टर थे. उज्ज्वल निकम ने जलगांव से साइंस में ग्रेजुएशन और बाद में लॉ की डिग्री प्राप्त की.
हाई-प्रोफाइल मामलों में भूमिका
उज्ज्वल निकम ने कई महत्वपूर्ण मामलों में सरकारी वकील के तौर पर कार्य किया, जिनमें शामिल हैं:
- 1991 कल्याण बम धमाका
- 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस
- गुलशन कुमार हत्या मामला (1997)
- प्रमोद महाजन हत्या केस (2006)
- 26/11 मुंबई आतंकी हमला (2008)
- शक्ति मिल्स गैंगरेप केस (2013)
- कोपर्डी रेप और मर्डर केस (2016)
इनके योगदान को देखते हुए उन्हें 2016 में पद्मश्री पुरस्कार दिया गया और 2009 से उन्हें Z+ सुरक्षा भी मिली हुई है.
3-हर्षवर्धन श्रृंगला
हर्षवर्धन श्रृंगला एक पूर्व भारतीय राजनयिक हैं जिन्होंने भारतीय विदेश सेवा (IFS) में 38 वर्षों तक सेवाएं दीं. उनका जन्म मुंबई में 1962 में हुआ था. उन्होंने अजमेर के मेयो कॉलेज और दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई की.
महत्वपूर्ण राजनयिक भूमिकाएं
थाईलैंड में राजदूत (2014–2016)
बांग्लादेश में हाई कमिश्नर (2016–2019)
अमेरिका में भारतीय राजदूत (2019–2020)
भारत के विदेश सचिव (2020–2022)
G20 भारत अध्यक्षता के लिए मुख्य संयोजक (2023)
उन्होंने "हाउडी मोदी" कार्यक्रम जैसे आयोजनों में भी बड़ी भूमिका निभाई थी और कोविड-19 महामारी के दौरान वंदे भारत मिशन के संचालन में भी सक्रिय रहे.
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चारों नामित सदस्यों को बधाई दी और कहा कि इन सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है, जो राज्यसभा में राष्ट्र के हित में उपयोगी साबित होगा.