अंधाधुंध Gold की खरीद रहा है चीन, क्या है इसके पीछे की वजह?
Gold: सोना खरीदने के मामले में भारत और चीन हमेशा से सबसे आगे रहते हैं। लेकिन चौकाने वाली बात यह इस बार चीन ने सोने की खरीदारी के मामले में भारत को पीछे छोड़ दिया है। चीन इस समय सोना खरीदने वाले देशों में पहले नंबर पर है। चीन में आभूषण, बार और सिक्कों की खपत रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। लेकिन आखिर चान इतना सोना खारीद क्यों रहा है? जानें असके पीछे की वजह।
Highlights
- ताबड़तोड़ सोना खरीद रहा है चीन
- चीन के आम लोग खरीद रहे है सोना
- चीन का डूबा रियल एस्टेट
क्यों सोना खरीद रहा है चीन
चीन जमकर सोने की खरीदारी में लगा हुआ है। गोल्ड खरीदने में चीन ने इस साल भारत को भी पीछे छोड़ दिया है। चीन इस समय सोना खरीदने वाले देशों में पहले नंबर पर है। बीते समय में भारत दुनिया का सबसे ज्यादा सोना खरीदने वाला देश बना हुआ था। हालांकि अब चीन इस मामले में भारत से आगे निकल गया है। बता दें इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमत में 100 डॉलर प्रति ओंस की गिरावट देखने को मिली है, लेकिन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी चीन गोल्ड की धुंआधार खरीदारी कर रहा है। यह खरीदारी सिर्फ सेंट्रल बैंकों की ओर से ही नहीं की जा रही है। बल्कि चीन के आम लोगों की ओर से भी की जा रही है। पूरी दुनिया जानती है कि चीन काफी गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। रियल एस्टेट डूबा हुआ है और आम लोगों का विश्वास शेयर बाजार में कम हुआ है। यहीं दो सबसे बड़ी वजह है कि आम लोगों ने इस आर्थिक संकट के दौर में गोल्ड की खरीदारी शुरू कर दी है।
चीन बढ़ा रहा सोने की कीमत
चीन इस समय जियो पॉलिटिकल टेंशन और इकोनॉमिक क्राइसिस से जूझ रहा है। इसलिए गोल्ड को अक्सर सेफ इंवेस्टमेंट तौर पर देखा जाता है। बता दें यूक्रेन-रूस के बीच तनाव और इजराइल फिलिस्तीन लड़ाई के दौरान देखा है कि गोल्ड के दामों नेआसमान छू लिए थे। उस समय भी गोल्ड की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 2300 डॉलर करीब ही रही। जब चीन ने गोल्ड की अग्रेसिव खरीदारी शुरू की। उसके बाद गोल्ड के दाम 2,400 डॉलर प्रति औंस ज्यादा हो गए और लंबे समय तक बने रहे। वास्तव में चीन के निवेशकों का रियल एस्टेट और शेयर बाजार से भरोसा डगमगा गया है। यही वजह से चीनी लोगों की ओर से गोल्ड में निवेश बढ़ा रहे हैं।
चीन ने 50 फीसदी बढ़ाए दाम
सोने को लेकर बाज़ारों में चीन का पहले से ही काफी दबदबा बना हुआ है, लेकिन इस कीमत में तेजी के दौरान चीन का असर और ज्यादा देखने को मिला है। साल 2022 के अंत से गोल्ड की कीमत में 50 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। गोल्ड में ऐसे समय पर तेजी देखने को मिली है, जब दुनियाभर में ब्याज दरें पीक पर हैं और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में इजाफा देखने को मिला है। पिछले महीने, फेडरल रिजर्व ने साफ संकेत दिया था कि ब्याज दरों को लंबे समय तक हाई पर रखेगा। उसके बाद भी गोल्ड की कीमत में इजाफा देखने को मिला।
कंजंप्शन में हुआ इजाफा
बता दें मौजूदा समय में गोल्ड की कीमतें एक बार फिर से 2300 डॉलर के करीब आ गई हैं। इंटरनेशनल मार्केट में ये धारणा लगातार जोर पकड़ती जा रही है कि गोल्ड मार्केट अब इकोनॉमिक फैक्टर पर नहीं बल्कि चीनी खरीदारों और निवेशकों की सनक से ऑपरेट हो रहा है। लंदन बेस्ड प्लेटफॉर्म MetalsDaily.com के CEO रॉस नॉर्मन ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि सोने की कीमत में इजाफा चीन की ओर से बढ़ती मांग से हो रहा है। इस बात में कोई शक नहीं है। चाइना गोल्ड एसोसिएशन के अनुसार, देश में सोने की खपत पहली तिमाही में एक साल पहले की तुलना में 6 फीसदी बढ़ी। खास बात तो ये है कि इतनी तेज डिमांड तब देखी गई जब पिछले साल गोल्ड कंजंप्शन में 9 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिला था।
रियल एस्टेट और शेयर बाजार में भरोसा कम
चीन का ट्रेडिशनल इंवेस्टवमेंट काफी कमजोर हो गया है, जिसके चलते निवेशकों का रुझान गोल्ड की ओर बढ़ा है। चीन का रियल एस्टेट सेक्टर, जिसमें चीन अधिकतर परिवार निवेश करते थे, उसमें संकट बना हुआ है।
देश के शेयर बाजारों में निवेशकों का भरोसा पूरी तरह नहीं लौटा है। ऐसे में चीन के लोगों ने गोल्ड से जुड़े कारोबार में निवेश करना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर चीन के सेंट्रल बैंक की ओर से गोल्ड की लगातार बाइंग देखने को मिल रही है। चीन के विदेशी मुद्रा भंडार में इस धातु की हिस्सेदारी केवल 4.6 फीसदी है। वहीं दूसरी ओर फीसदी के संदर्भ में भारत के पास गोल्ड रिजर्व दोगुना है।
नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है।