'शिगेला' के खौफ के कारण गाजा से वापस जा रहे इजराइली सैनिक! जानिए कितना बड़ा है खतरा
7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजराइल में घुस कर हमला कर दिया था। दोनों के बीच छिड़े युद्ध को अब 2 महीने से ऊपर का समय हो गया। लेकिन ये रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, युद्ध में गाजा की हालत इस कदर खराब हुई है कि चारों तरफ नजर घुमाने पर सिर्फ चींख-पुकार ही दिखाई देती है।
हमास और इजारयल के बीच छिड़े युद्ध पर विराम लगाने की सहमति बनी थी। लेकिन उस युद्धविराम के खत्म होने के कुछ ही समय में इजरायली लड़ाकुओं ने गाजा पर विमान से बम गिराना शुरू कर दिए।
गाजा में बमबारी को रोकने के लिए प्रस्ताव भी लाया गया जो पास नहीं हुआ। अब गाजा में हालात बद से बदतर हो चुके हैं, अधिकतर इमारतें मलबे के ढेर में तब्दील हो चुकी हैं। हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी हैं, जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। युद्ध में छिड़े लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, जो काफी डरा देने वाला है।
युद्ध दो गुट के बीच छिड़ता है लेकिन इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। कई लोगों ने इस जंग में अपनी जान गंवाई तो कई लोगों को अपना आशियाना छोड़ रिफ्यूजी शेल्टर में शिफ्ट होने के लिए मजबूर होना पड़ा। अपने घर से बेघर हुए कई लोग सड़कों पर घूम रहे हैं और उन्हें भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है।
मुश्किलों के लपेटे में अब इजारयली सैनिक भी धंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, गाजा में मौजूद इजरायली सैनिकों को एक गंभीर बीमारी 'शिगेला' घेर रही है।
शिगेला से संक्रमित इजरायली सैनिक
इजरायली सैनिकों के बीच शिगेला बीमारी के फैलने का अनुमान लगाया जा रहा है। क्योंकि जंग के मैदान में साफ सफाई के खराब हालत और खराब भोजन के चलत ये बीमारी फैल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायली डिफेंस फोर्सेस के डॉक्टरों ने कहा है कि गाजा में मौजूद सैनिकों में पेट की गंभीर बीमारी होने की जानकारी सामने आई है। जिसकी पहचान 'शिगेला' के रूप में हुई है।
जो भी सैनिक इस बीमारी से संक्रमित पाया जा रहा है उसे क्वारंटिन किया जा रहा है और इलाज के लिए वापस अपने देश लाया जा रहा है। इजरायली डॉक्टर्स की माने तो इस बीमारी के फैलने का साफ कारण वो खाना है जो इजरायली लोग बना रहे हैं और गाजा में मौजूद सैनिकों को भेज रहे हैं। ये भोजन शिगेला और दूसरे हानिकारक बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकता है। संभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि ट्रांसपोर्ट के दौरान इसे बहुत कम तापमान पर रखा गया हो और बिना गर्म किए ही उसे सैनिकों ने खा लिया हो जिस कारण उनमें ये बैक्टेरिया पहुंच गया।
ऐसे में डॉक्टर्स संभावना जता रहे हैं कि एक सैनिक को इस वजह से डायरिया होगा और युद्ध के मैदान में खराब हालात और गंदगी और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था न होने के चलते ये दूसरे सैनिकों में फैल गया होगा।
क्या होता है शिलेगा?
शिगेलोसिस, या शिगेला बैक्टीरिया के कारण होने वाला शिगेला संक्रमण, एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति के पाचन तंत्र को प्रभावित करती है। यह संक्रमित लोगों में पेट दर्द, दस्त और बुखार पैदा करता है। शिगेला बहुत संक्रामक है। शिगेला बैक्टीरिया समूह में विभिन्न प्रकार होते हैं। दूषित भोजन खाने या दूषित पानी पीने से एक व्यक्ति शिगेला का शिकार हो सकता है।
संक्रमित से दूसरे में फैलता है शिलेगा?
दूषित भोजन खाने और पानी पीने के अलावा शिगेला एक पीड़ित व्यक्ति द्वारा तैयार किया गया भोजन के किसी अन्य व्यक्ति द्वारा खाना पर भी हो सकता है। वहीं शिगेला से संक्रमित व्यक्ति से प्रदूषित दूसरी चीजों या शौचालय के संपर्क में आना, इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के नैपी बदलने, संक्रमित व्यक्ति से सेक्स करने के दौरान उसके मल के संपर्क में आने से भी ये बीमारी फैलती है।
आमतौर पर ये बीमारी घर से बेघर लोगों, पुरुषों से सेक्स करने वाले पुरुषों में और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और अलग-अलग देशों की यात्रा करने वाले लोगों में देखी जाती है।
शिलेगा के लक्षण और खतरा
किसी भी व्यक्ति के शिलेगा से संक्रमित होने के बाद उसे बुखार आने, लंबे समय तक खून वाले डायरिया होने, बेट में भयंकर मरोड़ आने और शरीर में पानी की कमी होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो ये व्यक्ति के शरीर में गंभीर समस्या पैदा कर सकती है जो व्यक्ति की मौत का कारण भी बन सकता है। यदि इसका बैक्टेरिया व्यक्ति के खून में प्रवेश कर जाता है तो उसके इस बीमारी से मरने की संभावना अधिक हो जाती है।
इस बीमारी का शिकार कैंसर से पीड़ित मरीज, भुखमरी से पीड़ित या कुपोषित व्यक्ति, एचआईवी के मरीज, बच्चे या मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति आसानी से हो सकते हैं।
शिगेला का इलाज और इससे बचने का उपाय
सीडीसी के मुताबिक शिगेला को रोकने का उपाय हाथ धोकर हर काम करना है। जैसे खाना बनाने या खाने से पहले हाथ धोना, टॉयलेट से आने और बच्चे की नैपी बदलने के बाद हाथ धोना और सेक्सुअल गतिविधि से पहले भी हाथ धोने की आदत इस बीमारी से बचा सकती है।
आमतौर पर तो इस बीमारी से पीड़ित अधिकांश मरीज ज्यादा पानी पीने और आराम करने से ठीक हो जाते हैं लेकिन एंटीबायोटिक्स भी इस बीमारी में काफी असरदार साबित होती हैं।
दुनियाभर में शिलेगा से कितने प्रभावित है लोग?
अमेरिकी केंद्र सीडीसी के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल शिगेला से 8 करोड़ से 16.5 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं. वहीं 6 लाख लोग इस बीमारी से अपना दम तोड़ देते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की मानें तो 2022 में 99 प्रतिशत लोग निम्न या मध्यम आय वाले देशों में इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं.
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