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दक्षिण की राजनीति में नया मोड़, नेता-अभिनेता एक साथ

06:05 PM Dec 18, 2023 IST
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दक्षिण की राजनीति :  देश भर की राजनीति में इन दिनों बहुत बड़े बदलाव देखने को मिलगे। बीते पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से सभी राजनीतिक दलों ने नए सिरे से राजनीतिक गठजोड़ शुरू कर दी है। जहा एक ओर india महागठबंधन में आए दिन नए विवाद देखने को मिलते है। वही दूसरी ओर एनडीए गठबंधन अपनी मजबूत स्थिति में है। वही दक्षिण भारत की राजनीति पर बात करे तो वह क्षेत्रीय दलों का दबदबा कायम है। लेकिन बीते विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस पार्टी को बढ़त मिली जिसने चाहे वो कर्नाटक हो या फिर तेलंगाना इन दोनों राज्यों ने कांग्रेस की राजनीति को ज़िंदा कर दिया। देश में लोकसभा चुनाव को देखते हुए अभी दो बड़े राजनीतिक गठबंधन है एनडीए और इंडिया लेकिन इंडिया महागठबंधन में दरार पड़ने के बाद सभी राजनीतिक दलों में नए गठबंधन बनाने की चर्चा जोरो पर है। ऐसे में दक्षिण की राजनीति में तेजी से बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो एन. चंद्रबाबू नायडू और जन सेना पार्टी (जेएसपी) नेता पवन कल्याण की आगामी चुनाव को लेकर बैठक कई संदेश देती है।

नायडू के निवास पर मुलाकात

नायडू ने रविवार रात हैदराबाद में पवन कल्याण से उनके आवास पर मुलाकात की। दोनों नेताओं ने अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ होने वाले चुनावों के लिए आम घोषणा पत्र और सीट बंटवारे सहित चुनावी रणनीति से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। पूर्व मुख्यमंत्री और अभिनेता-राजनेता के बीच मुलाकात ढाई घंटे तक चली। जेएसपी राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) के अध्यक्ष एन मनोहर ने बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को बताया कि दोनों दलों के नेताओं ने आंध्र प्रदेश को वाईएसआरसीपी शासन से मुक्त करने की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की।

निर्णयों पर चर्चा

उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बात पर चर्चा की कि आंध्र प्रदेश के लोगों को सुशासन प्रदान करने के लिए कैसे आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा, दोनों नेताओं ने संयुक्त रणनीति, विभिन्न राजनीतिक मुद्दों और दोनों पक्षों द्वारा संगठनात्मक रूप से लिए जाने वाले निर्णयों पर चर्चा की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आंध्र प्रदेश के लोगों का भविष्य बेहतर हो। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बातचीत हुई उससे वे संतुष्ट हैं। पवन कल्याण ने 13 सितंबर को राजमुंदरी जेल में चंद्रबाबू नायडू के साथ एक बैठक के दौरान आगामी चुनावों के लिए टीडीपी से हाथ मिलाने का फैसला किया था, जहां टीडीपी प्रमुख आंध्र प्रदेश कौशल विकास निगम मामले में गिरफ्तारी के बाद बंद थे।
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा होने के बावजूद जेएसपी ने यह फैसला लिया।

बीएसपी की ओर कोई अभी बयान नहीं

बीजेपी की ओर से अभी तक इस बारे में कोई बयान नहीं आया है कि वह टीडीपी और जेएसपी के साथ महागठबंधन में शामिल होगी या नहीं। टीडीपी और जेएसपी दोनों ने एक समन्वय समिति बनाई है, जो साझा घोषणा पत्र तैयार करने के लिए अब तक दो दौर की बातचीत कर चुकी है। सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए दोनों दलों के नेताओं के बीच कुछ और दौर की बातचीत होने की संभावना है। इस आशय के समझौते को संक्रांति तक अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। नायडू टीडीपी के लिए समर्थन मांगने के लिए 2014 में पवन कल्याण के आवास पर गए थे।

अभिनेता-राजनेता ने टीडीपी-भाजपा गठबंधन के लिए प्रचार किया

जेएसपी ने 2014 का चुनाव नहीं लड़ा लेकिन अभिनेता-राजनेता ने टीडीपी-भाजपा गठबंधन के लिए प्रचार किया। हालांकि गठबंधन आंध्र प्रदेश में सत्ता में आया, लेकिन पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहने के कारण दोनों पार्टियों से दूरी बना ली। बाद में टीडीपी ने भी इसी मुद्दे पर बीजेपी से नाता तोड़ लिया था।

2019 का चुनाव बसपा और वाम दलों के साथ गठबंधन में लड़ा

जेएसपी ने 2019 का चुनाव बसपा और वाम दलों के साथ गठबंधन में लड़ा लेकिन गठबंधन को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा। जेएसपी सिर्फ एक सीट जीत सकी और पवन कल्याण खुद उन दोनों सीटों से हार गए, जहां उन्होंने चुनाव लड़ा था।
वाईएसआरसीपी ने प्रचंड बहुमत के साथ टीडीपी से सत्ता छीन ली थी।
175 सदस्यीय विधानसभा में टीडीपी को 23 सीटें मिलीं।

 

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