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रिटायरमेंट की सेविंग दे रही है टेंशन तो इस फॉर्मूले से खरीदें अपना घर, ठाठ से कटेगा बुढ़ापा

02:34 PM May 03, 2024 IST
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Retirement Savings: हमारे देश में अभी भी अधिकतर लोग सुरक्षित निवेश को प्राथमिकता देते हैं। भले ही उन्हें ब्याज कम मिले, लेकिन मूलधन के साथ कतई रिस्क नहीं लेना चाहते। कई लोग अपनी नौकरी को लेकर परेशान होते रहते हैं। अगर आप भी अपने भविष्‍य को सुरक्षित करना चाहते हैं, तो समझदारी इसमें है कि आप अपनी नौकरी के साथ ही इसकी तैयारी शुरू कर दें। कुछ ऐसी स्‍कीम्‍स में निवेश करें, जहां से आप अपने रिटायरमेंट तक मोटा पैसा जोड़ सकें। और अपना एक नया घर ले सकते हैं। आईए जानें कैसे?

Highlights

अपनाएं ये नया फॉर्मूला

कई लोगों को अक्सर रिटायरमेंट की चिंता होत है। वे लोग चाहते हैं, कि उम्र 60 साल होते ही उनके पास इतनी रकम हो, जिससे बुढ़ापा आसानी से कट जाए। उनके पास फिलहाल निवेश के तौर पर FD एकमात्र विकल्प है। क्योंकि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) और शेयर बाजार (Share Market) में वो पैसा लगाना नहीं चाहते, फिर क्या विकल्प बचता है, जिसमें रिस्क कम और रिटर्न मनमुताबिक मिल जाए, ताकि समुचित रिटायरमेंट फंड का इंतजाम हो जाए। आइए जानते हैं ऐसा कौनसा फॉर्मुला है जो आपका मदद कर सकता है।

 

रियल एस्टेट देगा जोरदार रिटर्न

रियल एस्टेट (Real Estate) ऐसे लोगों के लिए एक शानदार विकल्प साबित हो सकता है। वैसे भी भारत में जमीन में निवेश आज भी पैसा बनाने का सबसे बेहतरीन जरिया है। पिछले 4 दशक के आंकड़े बताते हैं कि बैंक FD (Bank FD), या दूसरे सेविंग स्कीम्स (Saving Schemes) के मुकाबले रियल एस्टेट में बढ़िया पैसा बना है। आइए जानें कैसे आप इसका फायदा उठा सकते हैं।

मान लीजिए फिलहाल आपकी उम्र 40 साल है, और आपके पास पहले से ही एक घर मौजूद है, जिसकी EMI चल रही है। लेकिन 20 साल के बाद यानी 60 की उम्र में आपको रिटायरमेंट फंड के तौर पर करीब 2 करोड़ रुपये चाहिए। अब आइए बताते हैं, कैसे दूसरा घर आपकी रिटायरमेंट की टेंशन को पेंशन में बदल देगा। अगर अभी आप अपनी जमापूंजी लगाकर दूसरा घर या जमीन खरीद लेते हैं, तो उन्हें 60 साल के बाद रिटायरमेंट फंड को लेकर बिल्कुल नहीं सोचना पड़ेगा। दूसरे घर की कीमत 20 साल के बाद इतनी हो जाएगी कि वो उसे बेचकर बुढ़ापे में आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर हो जाएंगे।

ये स्कीम उन लोगों को लिए है, जो अपनी सारी कमाई शेयर बाजार या फिर म्यूचुअल फंड में बिल्कुल नहीं लगाना चाहते हैं। आइए जानते हैं कि इस फॉर्मूले से कैसे 20 साल के बाद मिश्राजी 2 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं और इसके लिए अभी उन्हें क्या-क्या करना होगा।

जमीन या फ्लैट... क्या खरीदना है बेहतर?

अब बात आती है कि आपको घर खरीदना चाहिए यै फ्लैट, वो फिजिकल असेट्स के तौर पर होगा, यानी वो उसे कभी भी कैश कर सकते हैं। लेकिन अब सवाल उठता है कि अभी दूसरा घर खरीदने के लिए पैसा कहां से आएगा? मंथली EMI कैसे भरी जाएगी? क्योंकि उनकी पहले से ही एक होम लोन की EMI चल रही है।

धनराशि तय करें

फिलहाल, फैसला लेना थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन 20 साल के बाद उन्हें पछताना नहीं पड़ेगा। हर नौकरी-पेशा को सबसे पहले ये तय करना होगा कि उन्हें 60 की उम्र में कितनी राशि की जरूरत होगी। उस हिसाब से आपको गोल निर्धारित करना होगा।

दूसरा घर खरीदने से पहले ध्यान ये रखें कि वो पुराना न हो, फ्लैट के मुकाबले जमीन खरीदना ज्यादा फायदे का सौदा साबित हो सकता... लेकिन जमीन उन एरिया में खरीदें जहां आने वाले वक्त में विस्तार की संभावना हो। यानी शहर से थोड़ा हटकर खरीदें... लेकिन ये पता हो आने वाले वर्षों में वो इलाका भी विकसित होगा, जिससे उसकी कीमतों में तेजी आने की संभावना बनी रहेगी।

कैसे खरीदें दूसरा घर?

दूसरा घर खरीदने का फैसला तब लें, जब सारा खर्च निकालकर सैलरी का 20 फीसदी हिस्सा बचा पा रहे हैं. उदाहरण के तौर पर अगर आपकी सैलरी एक लाख रुपये है, 20 हजार रुपये अगर हर महीने बच रहे हों, तभी घर खरीदने की सोचें. इसके अलावा अगर आपके पास पहले से बचत की हुई राशि जमा है, तो उसे आप डाउन पेमेंट में इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं अगर कहीं FD है, तो उसका इस्तेमाल घर खरीदने में कर सकते हैं। कोशिश ये करें कि घर की अधिकतम कीमत को शुरू में पेमेंट कर दें। लोन जितना कम लेंगे, उतना बढ़िया रहेगा। अगर जमीन मिल जा रही है, तो वो सबसे बेहतर रिटायरमेंट के लिए निवेश हो सकता है। लेकिन जमीन खरीदने के लिए एकमुश्त राशि की जरूरत होगी। जिसके लिए आप FD समेत दूसरे सेविंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि फ्लैट की मुकाबले जमीन की कीमत ज्यादा तेजी से बढ़ती है।

यही नहीं, जमीन का टुकड़ा आप 10 से 30 लाख तक में खरीद सकते हैं। लेकिन फ्लैट खरीदने के लिए कम से कम 50 लाख रुपये की जरूरत होगी, क्योंकि इससे कम कीमत में अच्छी जगह में फ्लैट मिलने की कम संभावना होती है। भले ही छोटे शहरों में 20 से 30 लाख रुपये में फ्लैट मिल जाएंगे। लेकिन अगर निवेश के नजरिये से खरीद रहे हैं तो कोशिश ये होनी चाहिए कि फ्लैट उस इलाके में जहां, आसानी से वो किराये पर लग जाए, या फिर जब चाहें, बेच सकें। साथ ही उस इलाके में प्रॉपर्टी की कीमत कम से कम 5 से 7 साल में दोगुनी हो जाए। लेकिन हां, दूसरा घर खरीदने का फैसला तभी लें, जब आप EMI भरने के लिए सक्षम हों। अगर दूसरा घर खरीद लेते हैं, तो फिर रिटायरमेंट के लिए दूसरी जगह बिल्कुल निवेश न करें, क्योंकि उससे आपका बजट बिगड़ सकता है।

यहां समझे घर खरीदने का फॉर्मूला

अगर आपका मेट्रो शहरों में 50 लाख रुपये का घर खरीदते हैं। जिसपर 8.75 फीसदी ब्याज के हिसाब से 20 साल के लिए होम लोन की EMI करीब 38 हजार रुपये मंथली बनेगी। 50 लाख रुपये के होम लोन के लिए करीब 7.50 लाख रुपये का डाउन पेमेंट करना पड़ता है। डाउन पेमेंट करने के लिए सेविंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। अब सवाल उठता है कि हर महीने 38 हजार की EMI कैसे भरेंगे। सबसे पहले उस घर को किराये पर लगा देंगे, 15 से 20 हजार रुपये महीने किराये मिल जाएंगे। जिसे EMI भरने में इस्तेमाल कर सकते हैं। बाकी 20-25 हजार रुपये हर महीने EMI जेब से भरनी होगी। इसके लिए हमने आपको ऊपर में बताया है कि अगर 1 लाख सैलरी है, और उसमें 20 फीसदी बचा पा रहे हैं, तभी दूसरा घर का विकल्प चुनें।

यानी 1 लाख की सैलरी वाले अगर सब खर्चे काटकर 20 हजार महीने बचा रहे हैं तो बेफ्रिक होकर दूसरा घर खरीदें। घर की EMI अगले 20 साल तक वही रहेगी, लेकिन उसकी कीमत साल-दर-साल बढ़ती जाएगी और हर महीने मिलने वाले किराये में भी साल-दर-साल इजाफा होता जाएगा, यानी साल दर साल EMI की बोझ कम हो जाएगी। साथ ही हर साल सैलरी में भी इजाफा होगा, जिससे आप आसानी से दूसरे घर की EMI चुका सकेंगे।

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है। 

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