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चुनावी चंदे को लेकर SBI की चौंकाने वाली रिपोर्ट

02:54 PM Mar 15, 2024 IST
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2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के बीच चुनावी बांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय पहले भारतीय निर्वाचन आयोग को यह आदेश दिया था कि वह चुनाव में मिलने वाले चंदे की रिपोर्ट सार्वजनिक करें जिसके बाद निर्वाचन  आयोग ने SBI के द्वारा दी गई चुनावी बांड की जानकारी को आम जनता तक सार्वजनिक किया है, जिसके बाद इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आइए आज की इस रिपोर्ट में हम जानते हैं कि कौन सी पार्टी को कितना चंदा किस कंपनी ने दिया है, इसके अलावा इसमें कौन सी पार्टी अवल दर्जे पर रही है।

Highlights 

चंदा देने वालों का विवरण भारतीय निर्वाचन आयोग को मुहैया कराया

चुनावी  बांड मामले को लेकर SBI ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि,  1 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2014 के बीच विभिन्न मूल्यवर्ग के कुल 22,217 चुनावी बांड जारी किए गए। इनमें से 22,030 को राजनीतिक दलों ने भुनाया। सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद SBI ने मंगलवार को चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों का विवरण भारतीय निर्वाचन आयोग को मुहैया कराया था।

बांड के जरिए चंदा देने-लेने वालों के नामों की जानकारी

निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से मिली समय सीमा से पहले बांड के जरिए चंदा देने-लेने वालों के नामों की जानकारी अपने वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर दो फाइलों का ब्योरा दिया है। इसमें एक में चंदा देने वालों का नाम और रकम है, जबकि दूसरी फाइल में चंदा लेने वाले राजनीतिक दलों व रकम का ब्योरा है।

फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज के नाम

सार्वजनिक किए गए विवरण के विश्लेषण से साफ होता है कि राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों स्टील टाइकून लक्ष्मी मित्तल से लेकर एयरटेल के प्रवर्तक अरबपति सुनील भारती मित्तल के अलावा वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा के अलावा फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज के नाम प्रमुख रूप से हैं। फ्यूचर गेमिंग वही कंपनी है, जिसके खिलाफ मार्च 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के आरोपों की जांच की थी। इस कंपनी ने दो अलग-अलग कंपनियों के जरिये 1,350 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बांड खरीदे।

वेदांता लिमिटेड ने 398 करोड़ रुपये के बांड खरीदे

इसके अलावा, वेदांता लिमिटेड ने 398 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। जबकि, सुनील मित्तल की तीन कंपनियों ने मिलकर कुल 246 करोड़ रुपये बांड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा दिया। इसके अलावा, स्टील टाइकून लक्ष्मी निवास मित्तल ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में 35 करोड़ रुपये के बांड खरीदे और राजनीतिक दलों को दिया। जानकारी के अनुसार, हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग (इसे कई बड़ी बुनियादी ढांचा से जुड़ी परियोजनाओं का ठेका मिला) ने 966 करोड़ रुपये के बांड खरीदे।

देश की 114 अलग-अलग कंपनियों में निदेशक के तौर पर जुड़े हुए हैं

पब्लिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी के अनुसार कंपनी के एक निदेशक मार्टिन सेंटियागो देश की 114 अलग-अलग कंपनियों में निदेशक के तौर पर जुड़े हुए हैं। वे 30 दिसंबर 1991 से कंपनी के निदेशक हैं। उनका डीआईएन नंबर 00029458 है। वहीं दूसरी ओर, फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के दूसरे निदेशक मनिक्का गौडर शिवप्रकाश भी देश की करीब 22 अलग-अलग कंपनियों में निदेशक के तौर पर जुड़े हुए हैं। वे 22 अगस्त, 2022 से कंपनी के निदेशक हैं। उनका डीआईएन नंबर 08109321 है। कंपनी अपने दोनों निदेशकों के माध्यम से देश की 118 कंपनियों से जुड़ी हुई है।

एसबीआई की ओर से चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार जिन बड़े दानकर्ताओं ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बड़ा योगदान दिया है उनके नाम ये हैं-

1 फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज - 1,368 करोड़ रुपये
2 मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड- 966 करोड़ रुपये
3 क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड - 410 करोड़ रुपये
4 हल्दिया एनर्जी लिमिटेड- 377 करोड़ रुपये
5 भारती ग्रुप - 247 करोड़ रुपये
6 एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड - 224 करोड़ रुपये
7 केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड- 194 करोड़ रुपये
8 मदनलाल लिमिटेड - 185 करोड़ रुपये
9 डीएलएफ ग्रुप - 170 करोड़ रुपये

 

इसके अलावा गाजियाबाद के यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने चुनावी बॉन्ड योजना के तहत 162 करोड़ रुपये दान में दिए हैं। यशोदा हास्पिटल की ओर से साल 2021 में एक-एक करोड़ के 17 बॉन्ड खरीदे गए। साल 2022 के 4 अप्रैल को 50 करोड़ के बॉन्ड, छह अप्रैल को 30 करोड़ के बाॅन्ड जबकि 7 और 15 नवंबर को 9 करोड़ के बॉन्ड खरीदे गए। यशोदा हास्पिटल की ओर से साल 2023 में भी 56 करोड़ रुपये के बॉन्ड की खरीदारी की गई।

             उत्कल एल्यूमिना इंटरनेशनल- 145.3 करोड़ रुपये
             जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड - 123 करोड़ रुपये
             बिड़ला कार्बन इंडिया- 105 करोड़ रुपये
             रूंगटा संस- 100 करोड़ रुपये

 

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