कब होगी आपकी विदेश यात्रा ? क्या आप विदेश में सैटल हो सकेंगे
बहुत से लोगों की इच्छा होती है कि वे विदेश में सैटल हो जाए या फिर विदेश में नौकरी या बिजनेस करे। लेकिन कुछ मामलों में देखा जाता है कि बहुत प्रयासों के बावजूद भी कुछ लोग विदेश जाने से वंचित रह जाते हैं। अनेक प्रकार के प्रयासों के बावजूद भी वे विदेश यात्रा नहीं कर पाते हैं। कुछ लोग तो विदेश यात्रा के चक्कर में अपना धन भी बर्बाद कर देते हैं। इसलिए सबसे पहले हमें यह देखना चाहिए कि हमारी जन्मकुंडली, हस्तरेखाओं में विदेश यात्रा का योग है। यदि है तो वह कब और और नहीं है तो किस प्रकार के उपाय करने से हम आसानी से विदेश यात्रा पर जा सकते हैं।
विदेश यात्रा का भाव
आमतौर पर जन्म कुंडली में आठवें भाव को समुन्द्रपारीय या विदेश यात्रा का भाव माना जाता है। लेकिन अनुभव में आता है कि चतुर्थ भाव भी विदेश यात्रा करवा सकता है। इसके अलावा आमतौर पर दशम भाव का स्वामी यदि बारहवें भाव में चला जाए तो काफी हद तक विदेश से धन लाभ का योग बनता है। लेकिन इस योग में यह जरूरी नहीं कि आप स्वयं विदेश यात्रा ही करें। संभव है कि निर्यात व्यवसाय से धन की प्राप्ति हो।
विदेश में रहने का योग
जब अष्टमेश की दशा या अन्तर्दशा आती है तो जातक को विदेश यात्रा का अवसर प्राप्त होता है। चन्द्रमा जब चतुर्थ भाव का स्वामी होकर बारहवें स्थान में चला जाए विदेश यात्रा या विदेश में रहने का योग बन सकता है। जब लग्न, चन्द्र लग्न और द्वितीयेश चर राशियों के हों तो विदेश में एजुकेशन और सर्विस का योग बनता है। गोचर में जब बृहस्पति राशि पर आता है और राशि पर शनि की दृष्टि होती है तो ऐसा व्यक्ति निश्चित तौर पर विदेश यात्रा करता है।
हस्तरेखाएं और विदेश यात्रा
परिवेश की रेखा यदि अपने उद्गम स्थान पर मोटी होकर बाद में पतली हो हो जाए तो निश्चित तौर पर विदेश यात्रा होती है। राहु के स्थान पर जब किसी तरह से त्रिकोण का निर्माण हो रहा हो तो ऐसा व्यक्ति विदेश से धन कमाता है। यदि सूर्य का स्थान भी उठा हुआ हो तो इस योग का व्यक्ति विदेश में ही सैटल हो जाता है।
जातक एजुकेशन के लिए विदेश यात्रा
जब चन्द्रमा के स्थान पर लम्बी और स्पष्ट रेखाएं शुक्र और जीवन रेखा की तरफ जाए तो यह विदेश यात्रा का संकेत है। विदेश यात्रा कब होगी इसके लिए मस्तिष्ट रेखा पर पड़ने वाले डॉट चिह्न के अनुसार निर्णय करना चाहिए।जब जीवन रेखा से एक रेखा उठ कर बृहस्पति के स्थान पर जाए तो जातक एजुकेशन के लिए विदेश यात्रा करता है।
वास्तु से कैसे देखें विदेश यात्रा का योग
जब किसी भी घर में दक्षिण दिशा में कोई दोष हो या फिर दक्षिण दिशा उत्तर या पूर्व की तुलना में अधिक खुली हो तो उस घर से अवश्य कोई विदेश यात्रा करता है।
विदेश यात्रा के लिए क्या उपाय करें
वैसे तो जब हमें कोई उपाय करना हो तो अपनी हस्तरेखाओं और जन्मकुंडली के आधार पर करना चाहिए। इस प्रकार से उपाय करने से सफलता का प्रतिशत बढ़ जाता है। फिर भी मैं कुछ उपाय यहां बता रहा हूं जिनको करने से आपको शीघ्र ही विदेश यात्रा का अवसर प्राप्त हो सकेगा।
- बार-बार प्रयास करने पर भी वीजा नहीं लग पा रहा है तो अपने बैडरूम को चैंज करें।
- दिन में एक बार दूध में एक चुटकी हल्दी का सेवन करें।
- लोहे की छोटी-छोटी 4 कीलें अपने पॉकेट में रखें।
- घर में वायव्य कोण में बने रूम में अपने कपड़े और जरूरत की दूसरी वस्तुओं को रखें।
- राहु के बीज मंत्रों की 4 माला रात्रि में एक निश्चित समय पर करें। कैसी भी बाधा हो, दूर होकर विदेश यात्रा अवश्य होगी।
Astrologer Satyanarayan Jangid
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