Advance Facial और Eye Reconstruction Surgery से 53-वर्षीय मरीज की आंख की रोशनी बचाने में Fortis Escorts को मिली बड़ी कामयाबी
04:43 PM Nov 04, 2025 IST | Khushi Srivastava
Eye Reconstruction Surgery: फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद के डॉक्टरों ने एक बेहद चुनौतीपूर्ण मामले में शानदार सर्जिकल कौशल का प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने चुरू, (Churu Rajasthan News) के 53 वर्षीय एक मरीज़ की आंखों की रोशनी बचाई। मरीज़ एक औद्योगिक दुर्घटना (industrial accident) का शिकार हुए था, जिसमें वुड ग्राइंडिंग मशीन चेहरे पर गिरने से उनकी बायीं आंख की ऊपरी और निचली पलकें बुरी तरह चोटिल हो गई थीं। उन्हें तुरंत फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद के इमरजेंसी विभाग में लाया गया था, क्योंकि उनकी पलक से गाल तक करीब सात सेंटीमीटर लंबा गहरा घाव था, जिससे त्वचा उधड़ गई थी और बहुत खून बह रहा था। डॉक्टरों ने फेशियल और आइ रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी करके उनकी आंख को सफलतापूर्वक बचा लिया।
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Eye Reconstruction Surgery: डॉक्टरों का प्रारंभिक आकलन
डॉक्टरों का कहना था कि उन्होंने भी आंख और चेहरे पर इससे पहले इतनी खतरनाक चोट नहीं देखी थी, और इस दुर्घटना के बाद मरीज की जान के साथ-साथ उनकी आंख की रोशनी बचाने के लिए काफी गंभीरतापूर्वक प्रयास किए गए। इमेजिंग से पता चला कि उनकी बायीं आंख की बाहरी सतह (कॉर्निया) और फ्रंट वॉल फट गई थी, साथ ही, चोट लगने की वजह से उनकी आंख के आसपास सूजन और हवा भरने की वजह से उभार भी दिखायी दे रहा था। खुशकिस्मती से नजदीक ऑर्बिटल हड्डियों में कोई फ्रैक्चर नहीं था, हालांकि आसपास की आई-मूवमेंट से जुड़ी मांसपिशियों में मामूली सूजन थी। आंख की चोट के अलावा, उनके अन्य जरूरी टेस्ट के परिणाम नॉर्मल रेंज में थे।
Eye Reconstruction Surgery: डॉक्टर और मल्टीडिसिप्लीनरी टीम ने मिलकर किया नेतृत्व
इस मामले का नेतृत्व डॉ मोहसिन खान, सीनियर कंसल्टेंट, जनरल सर्जरी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद कर रहे थे और उनके साथ अस्पताल की मल्टीडिसीप्लीनरी टीम भी थी। जब मरीज को अस्पताल लाया गया तो उनकी ऊपरी पलक से लेकर गाल तक लगभग 7x2 से.मी. आकार का गहरा घाव था, जिससे काफी खून बह रहा था और चेहरे की मांसपेशियों को भी काफी नुकसान पहुंचा था। चेहरे के सीटी स्कैन से पता चला कि बाएं कॉर्निया और एंटीरियर यूवियो-स्क्लेरल परत फट गई थी, सॉफ्ट टिश्यू में सूजन थी और क्षतिग्रस्त आंख के आसपास ऑर्बिटल एंफाइसेमा भी था। लेकिन (Eye Reconstruction Surgery) मरीज की ऑर्बिटल बोन में फ्रैक्चर नहीं था, हालांकि आसपास की मांसपेशियां हल्की सूजी हुई दिख रही थीं।
Eye Reconstruction Surgery: फेशियल और आई रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी
मरीज की आंखों की जांच के बाद, डॉ अरविंद कुमार, सीनियर कंसल्टेंट – ऑपथैल्मोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद ने मरीज की तत्काल सर्जरी करने की पुष्टि की। अस्पताल की मल्टीडिसीप्लीनरी टीम और जनरल सर्जरी ने मिलकर मरीज को सामान्य एनेस्थीसिया देकर उनके चेहरे और बायीं आंख की जटिल रीकंस्ट्रकशन सर्जरी को पूरा किया। इस प्रक्रिया में क्षतिग्रस्त टिश्यू की रिपेयर काफी बारीकी और सावधानीपूर्वक करने की आवश्यकता थी। आसपास की क्षतिग्रस्त मांसपेशियों और संरचनाओं को महीन टांकों से काफी सावधानीपूर्वक सिला गया (स्टिचिंग) जिससे उनकी आंख के फंक्शन और मोबिलिटी को वापस लाने में मदद मिली। त्वचा को कॉस्मेटिक सर्जिकल तकनीकों की मदद से बेहद सावधानी के साथ सिला गया ताकि चेहरे पर सर्जरी के बाद कम से कम निशान दिखायी दे और फेशियल एस्थेटिक्स को भी जहां तक संभव हो सुरक्षित रखा जा सके।
इस बारे में, डॉ मोहसिन खान, सीनियर कंसल्टेंट, जनरल सर्जरी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल, फरीदाबाद ने कहा, “मरीज की चोट काफी गंभीर थी, जिससे उनकी आंख के आसपास कॉस्मेटिक और फंक्शनल नुकसान पहुंचा था। ऐसे में उनकी आंख की रोशनी को बचाने के साथ-साथ पलक और आसपास के टिश्यू को भी रीकंस्ट्रक्ट करने की आवश्यकता था। अस्पताल की टीम ने इस सर्जरी को बेहद सावधानी और सटीकतापूर्वक पूरा किया, जो बेहद सराहनीय है। समय पर सर्जिकल मदद मिलने और मरीज की स्थिर कंडीशन ने भी इस मामले में सकारात्मक परिणाम दिलाने में काफी सहायता की है।
डॉ अभिषेक शर्मा, फैसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद ने कहा, “इस मामले ने एक बार फिर से फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल, फरीदाबाद में कार्यरत विभिन्न स्पेश्यलिटीज़ की क्लीनिकल उत्कृष्टताओं तथा उनके बीच आपसी तालमेल को रेखांकित किया है। ट्रॉमा के इस प्रकार के दुर्लभ और जटिल मामले व्यापक रूप से, समय पर और पूरे दयाभाव के साथ हरेक मरीज के लिए उपचार उपलब्ध कराने की अस्पताल की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं।”
Success Story: सफल रिकवरी और डिस्चार्ज
सर्जरी के बाद मरीज धीरे-धीरे बिना किसी परेशानी के रिकवरी कर रहे हैं। उन्हें बेहतर कंडीशन में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और डॉक्टरों ने उन्हें भरपूर आराम करने, प्रोटीन-युक्त खुराक का सेवन करने की सलाह के साथ-साथ कुछ एंटीबायोटिक्स, आंखों में डालने के लिए ड्रॉप्स तथा पेन मैनेजमेंट दवाएं भी दी हैं।
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