'आंखों की जा सकती है रोशनी...', जानें परमाणु बम फटते हुए देखना कितना नुकसानदायक?
परमाणु विस्फोट से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा। मीडिया रिपोर्ट्स में परमाणु बम के उपयोग की अटकलें भी देखी गईं।
Atomic Bomb: भारत ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया. इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान में बने आतंकी ठिकानों को बहुत गहरी चोट देने का काम किया. इसके तहत पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. भारत की तरफ से आतंकियों के खिलाफ किए गए इस एक्शन से पाकिस्तान तिलमिला उठा और भारत पर भी कई हमले कर दिए.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी जमकर बारूदी कार्रवाई की कि लाहौर, कराची से लेकर इस्लामाबाद तक तबाही मचाने का काम किया. वहीं दोनों देशो के बीच चले इस युद्द में परमाणु बम से हमला किए जाने की भी चर्चा देखी गई.
9 देशों के पास है परमाणु बम की क्षमता
दुनिया में कुल देशों की बात करें तो 195 देश हैं. इनमें से 193 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश हैं और दो गैर-सदस्य पर्यवेक्षक देश शामिल हैं. वहीं 195 देशों में से सिर्फ 9 देशों के पास ही परमाणु बम हैं और आधिकारिक तौर पर सिर्फ एक देश अमेरिका ने ही आज तक इस बम का इस्तेमाल किया है.
इस दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और युद्ध के दौरान परमाणु बम की चर्चा के बीच भी दोनों देशों ने इसके इस्तेमाल की हिमाकत नहीं कि क्योंकि अमेरिकी परमाणु बम ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहर में जो तबाही का मंजर किया था उसकी छाप आज भी वहां देखी जाती है. ऐसे में आज हम आपको बताते है अगर आपने कभी आपने परमाणु बम को फटते हुए देख लिया तो आपके साथ क्या हो सकता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दावा, भारत-पाक में परमाणु संघर्ष को रोका
इन 9 देशों के पास है परमाणु बम
चीन, फ्रांस, भारत, इजरायल, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका
परमाणु फटते देख लिया तो क्या होगा?
अगर किसी व्यक्ति ने परमाणु बम विस्फोट को अपनी आंखों से देख लिया, तो इसका असर बहुत विनाशकारी हो सकता है. यदि व्यक्ति विस्फोट स्थल के पास मौजूद है, तो विस्फोट के कुछ ही पलों में अत्यधिक तापमान और दबाव की वजह से उसकी जान भी जा सकती है. परमाणु बम के फटते ही इतनी भयंकर ऊर्जा निकलती है कि उसके आस-पास की हर वस्तु जलकर खाक हो जाती है.
वहीं अगर आप विस्फोट स्थल से कुछ किलोमीटर दूर भी हैं और विस्फोट को देख लेते हैं, तब भी खतरा टलता नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे फैलने वाला विकिरण (रेडिएशन) बहुत बड़े क्षेत्र को प्रभावित करता है. इसके प्रभाव से शरीर में गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे थकान, उल्टी, बाल झड़ना, और आंतरिक अंगों का क्षय. यह प्रभाव वर्षों तक बना रह सकता है.
‘नुकसान की संभावनाएं’
परमाणु बम विस्फोट के समय निकलने वाली चमक सूरज की रोशनी से भी अधिक तेज होती है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में न्यूक्लियर फ्लैश ब्लाइंडनेस कहा जाता है. यह आपकी आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंचा सकती है. विस्फोट के बाद वातावरण में विकिरण फैल जाता है, जो सांस, त्वचा और यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है.
कुछ लोग विकिरण के प्रभाव से धीरे-धीरे बीमार पड़ते हैं और कुछ महीने या सालों में उनकी मृत्यु हो सकती है. बम जहां फटता है, वहां के मकान, सड़कें और अन्य संरचनाएं पूरी तरह तबाह हो जाती हैं. आस-पास की फसलें नष्ट हो जाती हैं और जल स्रोत भी दूषित हो जाते हैं.