जानिए ! देवेंद्र से पहले भी ये नेता CM रहने के बाद जूनियर पद कर चुके है स्वीकार , फडणवीस ऐसे करने वाले चौथे नेता
देवेंद्र फडणवीस बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के ऐसे चौथे नेता हो गए, जिन्होंने मुख्यमंत्री रहने के बाद किसी सरकार में ‘जूनियर’ (कनिष्ठ) पद स्वीकार किया है।
11:07 PM Jun 30, 2022 IST | Shera Rajput
देवेंद्र फडणवीस बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के ऐसे चौथे नेता हो गए, जिन्होंने मुख्यमंत्री रहने के बाद किसी सरकार में ‘जूनियर’ (कनिष्ठ) पद स्वीकार किया है।
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फडणवीस ने दिन में यह चौंका देने वाला ऐलान किया कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे राज्य में उद्धव ठाकरे सरकार गिरने के बाद नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे और वह खुद (फडणवीस) मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होंगे।
हालांकि, बाद में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि फडणवीस इस सरकार का हिस्सा होंगे और फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
फडणवीस 2014 से 2019 तक पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहे
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उल्लेखनीय है कि फडणवीस 2014 से 2019 तक पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहे थे। वहीं, 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद, जब शिवसेना का भाजपा से गठजोड़ टूट गया, फडणवीस अजीत पवार के नेतृत्व वाले राकांपा विधायकों के एक समूह के समर्थन से फिर से मुख्यमंत्री बने लेकिन आवश्यक संख्या बल नहीं जुटा पाने के चलते तीन दिनों के अंदर ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया।
एक पूर्व मुख्यमंत्री का किसी सरकार में कनिष्ठ पद स्वीकार करना शायद ही देखने को मिलता है। लेकिन महाराष्ट्र में पूर्व में ऐसी स्थिति देखने को मिली है।
ये नेता भी CM रहने के बाद जूनियर पद कर चुके है स्वीकार
कांग्रेस नेता शंकरराव चव्हाण 1975 में मुख्यमंत्री बने थे और वसंतदादा पाटिल द्वारा उनकी जगह लेने से पहले वह दो साल पद पर रहे थे। 1978 में शरद पवार, पाटिल कैबिनेट के मंत्री, ने सरकार गिरा दी और मुख्यमंत्री बन गये। पवार नीत प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार में चव्हाण वित्त मंत्री बने।
शिवाजीराव पाटिल नीलांगकर जून 1985 से मार्च 1986 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे। कई वर्षों बाद वह 2004 में सुशील कुमार शिंदे सरकार में राजस्व मंत्री रहे।
नारायण राणे, शिवसेना में रहने के दौरान, 1999 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे और एक साल से भी कम समय तक पद पर रहे थे। बाद में, वह शिवसेना छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गये । वह विलासराव देशमुख सरकार में राजस्व मंत्री बने।
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