प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन की हालत गंभीर, अस्पताल में चल रहा इलाज
मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की हालत नाजुक बनी हुई है।
मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। उनके परिवार के एक सदस्य ने सोशल मीडिया एक्स के जरिए यह जानकारी दी है उन्होंने लोगों से उनके लिए प्रार्थना करने के लिए कहा है। हालांकि इससे पहले कई केंद्रीय मंत्रियों और विपक्षी नेताओं ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उनके निधन की सूचना दी थी।
हुसैन के मित्र और बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका में रह रहे 73 वर्षीय संगीतकार को रक्तचाप की समस्या थी। उन्होंने कहा, ‘हुसैन को पिछले सप्ताह हृदय संबंधी समस्या के कारण सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।’ चौरसिया ने कहा, ‘हुसैन अस्वस्थ हैं और फिलहाल आईसीयू में भर्ती हैं। हम सभी उनकी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर चिंतित हैं।
हुसैन के नाम कई पुरस्कार
महान तबला वादक अल्लाह रक्खा के सबसे बड़े बेटे जाकिर हुसैन ने अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए भारत और दुनिया भर में एक अलग पहचान बनाई है। भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार प्राप्त किए हैं, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे।
अमेरिका से की थी म्यूजिक की पढ़ाई
जाकिर ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से संगीत में डॉक्टरेट की डिग्री पूरी की। उन्होंने 1991 में प्लैनेट ड्रम के लिए ड्रमर मिकी हार्ट के साथ एल्बम में काम किया। इस एल्बम के लिए जाकिर हुसैन को ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित किया। हुसैन ने कई फिल्मों के साउंडट्रैक में भी अपना जादू पिरोया है। जाकिर हुसैन को 1991 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह अटलांटा में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के लिए संगीत तैयार करने वाली टीम का भी हिस्सा थे। वह पहले भारतीय संगीतकार भी हैं जिन्हें 2016 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया था। जाकिर हुसैन को भारत सरकार द्वारा 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
जाकिर हुसैन ने 7 साल की उम्र में सीखा था तबला
जाकिर हुसैन मशहूर दिवगंत तबला बादक अल्ला रखा खां के बेटे हैं। उल्लेखनीय है कि उन्होंने कई ख़्यातनाम देसी और विदेशी फ़िल्मों में भी संगीत दिया और फ़िल्मों के लिए तबला वादन किया. जाकिर हुसैन ने 7 साल की उम्र से तबला सीखना शुरू किया और 12 साल की उम्र से उन्होंने देश भर में घूमते हुए परफॉर्म करना शुरू कर दिया था।