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Famous Temples in Prayagraj: प्रयागराज के इन मंदिरों के दर्शन मात्र से दूर होंगे सारे कष्ट! यहां देखें लिस्ट

03:20 PM Aug 04, 2025 IST | Shivangi Shandilya
Famous Temples in Prayagraj

Famous Temples in Prayagraj: हिंदू धर्म में प्रयागराज को धर्म और आस्था का केंद्र माना जाता है। यह शहर संगम के लिए खासकर अधिक मशहूर है। संगम, जहां गंगा, यमुना, अदृश्य सरस्वती नदी आपस में मिलती हैं। कहा जाता है कि संगम में डुबकी लगाने से सारे पाप खत्म हो जाते हैं। इंसानों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे में चलिए जानते है संगम नगरी के कुछ ऐसे मंदिर के बारे में जहां जाने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस लेख में हम प्रयागराज के कुछ मंदिरों और उसके इतिहास के बारे में जानेंगे।

Prayagraj Temples list: देखें नीचे

सोमेश्वर नाथ मंदिर (Someshwar Nath Mandir)

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Someshwar Nath Mandir

Famous Temples in Prayagraj: बता दें कि सोमेश्वर नाथ मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। यह मंदिर यमुना किनारे अरैल गांव में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना स्वयं चंद्रमा ने की थी। पौराणिक कथा के अनुसार, राजा दक्ष के श्राप के कारण चंद्रमा बीमार पड़ गए थे। तब उन्होंने भगवान शिव की आराधना की और वे स्वस्थ हो गए। तब से यह मंदिर आस्था का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

नाग वासुकी मंदिर (Nagraj Vasuki Temple)

Nagraj Vasuki Temple

Famous Temples in Prayagraj: नाग वासुकी मंदिर की कहानी कुछ इस तरह है। यह मंदिर दारागंज में स्थित है, जो नाग देवता को समर्पित है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय नागराज वासुकी जख्मी हो गए थे। इस वजह से भगवान विष्णु ने नागराज वासुकी को प्रयागराज में विश्राम करने को कहा था। ऐसा माना जाता है कि जब मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर प्रकट हुईं तो उनकी धारा सीधे नागराज वासुकी के फन पर गिरी।

वेणी मंदिर (Veni Mandir)

Veni Mandir

Famous Temples in Prayagraj: यह मंदिर दारागंज में स्थित हैं। मंदिर भगवान विष्णु के 'वेणी माधव' स्वरूप को समर्पित है। माना जाता है कि ब्रह्माजी ने प्रयागराज की रक्षा के लिए भगवान विष्णु के 12 स्वरूपों की स्थापना की थी, जिनमें से यह मंदिर भी शामिल है। यहां भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी भी विराजमान हैं। इस मंदिर के दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर में जाने मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

श्री बड़े हनुमान मंदिर (Shri Bade Hanuman Ji Mandir)

Shri Bade Hanuman Ji Mandir

Famous Temples in Prayagraj: श्री बड़े हनुमान मंदिर की कहानी कुछ यूं है। इस मंदिर में हनुमान जी की विशाल लेटी हुई मूर्ति हैं। इसके लिए बेहद प्रसिद्ध है। बताया जाता है कि मूर्ति की लंबाई लगभग 20 फीट के आसपास है। इसे 'बांध वाले हनुमान मंदिर' भी बोला जाता है। इतना ही नहीं इस मंदिर की खास बात यह है कि जब संगम का जलस्तर बढ़ जाता है, तो हनुमान जी की मूर्ति स्वयं जलमग्न हो जाती है और जलस्तर कम होते ही पुनः दिखाई देने लगती है।

दशाश्वमेधेश्वर शिवलिंग (Dashaswamegheshwar Shivling)

Dashaswamegheshwar Shivling

Famous Temples in Prayagraj: दशाश्वमेघेश्वर शिवलिंग संगम नगरी में स्थित है। यह मंदिर दशाश्वमेघ घाट पर स्थित है और दशाश्वमेघेश्वर शिवलिंग की स्थापना भगवान ब्रह्मा ने की थी। इस शिवलिंग की स्थापना भगवान ब्रह्मा ने प्रयागराज संगम पर प्रथम यज्ञ के दौरान की थी। इस शिवलिंग के दर्शन के बाद ही संगम स्नान पूर्ण माना जाता है।

Prayagraj History in Hindi (प्रयागराज का इतिहास)

Prayagraj History in Hindi: प्रयागराज का इतिहास अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है। यह नगर पहले "इलाहाबाद" और उससे पहले "प्रयाग" के नाम से जाना जाता था। इसे "तीर्थराज" यानी तीर्थों का राजा कहा जाता है, क्योंकि यहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों का संगम होता है। इस संगम स्थल का धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्व है और यहाँ हर 12 वर्षों में कुंभ मेला आयोजित होता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम माना जाता है।

प्रयागराज की कहानी

प्रयागराज की कहानी

Prayagraj History in Hindi: प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, प्रयागराज की स्थापना ब्रह्मा जी ने की थी। मुग़ल सम्राट अकबर ने 1583 में इसका नाम "इलाहाबाद" रखा और यहाँ एक किला बनवाया। ब्रिटिश काल में यह एक प्रमुख प्रशासनिक और शैक्षणिक केंद्र बन गया। यहीं इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना 1887 में हुई, जो देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है।

स्वतंत्रता संग्राम का भी केंद्र रहा प्रयागराज

Prayagraj History in Hindi: यह नगर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। नेहरू परिवार सहित कई स्वतंत्रता सेनानियों का प्रयागराज से गहरा संबंध रहा है। आज, प्रयागराज उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख सांस्कृतिक, शैक्षणिक और धार्मिक केंद्र बना हुआ है।

Disclaimer: ये सलाह सामान्य जानकारी के लिए दी गई है। punjabkesari.com किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं है।

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