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रूस में बनी, अफगान में हुई इस्तेमाल, दिल्ली धमाके से पहले फरीदाबाद में मिली इस गन ने पूरे देश में काटा बवाल, जानें कितनी खतरनाक है AK Krinkov

05:06 PM Nov 11, 2025 IST | Amit Kumar
रूस में बनी  अफगान में हुई इस्तेमाल  दिल्ली धमाके से पहले फरीदाबाद में मिली इस गन ने पूरे देश में काटा बवाल  जानें कितनी खतरनाक है ak krinkov
Faridabad Krinkov Rifle (credit s-m)
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Faridabad Krinkov Rifle: दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम हुए बम धमाके ने सबको दहलाने का काम किया। लेकिन इससे पहले फरीदाबाद में हुए बड़े एक्शन ने भी लोगों को सोचने पर मजबूर किया था। दरअसल यहां पुलिस ने एक कश्मीरी डॉक्टर मुजम्मिल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद एक के बाद एक कई चौकाने वाले खुलासे हुए। फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि आरोपी से पूछताछ और तकनीकी मदद के आधार पर पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई की।

Faridabad RDX Recovery: ये चीजें हुईं बरामद

इस कार्रवाई में पुलिस ने एक AK Krinkov असॉल्ट राइफल, तीन मैग्जीन, 83 जिंदा कारतूस, एक पिस्टल, दो मैग्जीन और आठ कारतूस बरामद किए। यह बरामदगी 8 नवंबर को हुई। इसके अगले दिन यानी 9 नवंबर को, पुलिस ने गांव धौज के पास एक कमरे से लगभग 358 किलो विस्फोटक सामग्री (अमोनिया, नाइट्रेट, केमिकल, सर्किट, बैटरी, रिमोट, टाइमर आदि) बरामद की। बाद में दूसरी जगह से 2500 किलो से ज्यादा संदिग्ध विस्फोटक भी मिला।

Faridabad Krinkov Rifle (credit s-m)

Faridabad Krinkov Rifle (credit s-m)

Faridabad Krinkov Rifle: AK Krinkov क्या है?

इस पूरी बरामदगी में AK Krinkov राइफल का मिलना सबसे अहम माना जा रहा है। यह राइफल आकार में भले ही छोटी होती है, लेकिन इसकी मारक क्षमता बेहद जबरदस्त है। AK Krinkov, जिसे आधिकारिक रूप से AKS-74U कहा जाता है, 1979 में सोवियत संघ में बनाई गई थी। इसे खासतौर पर स्पेशल फोर्स, पैराट्रूपर्स और वाहन चलाने वाले सैनिकों के लिए डिजाइन किया गया था, जिन्हें एक ऐसा हथियार चाहिए था जो हल्का, छोटा और तंग जगहों में भी आसानी से चलाया जा सके।

Faridabad Krinkov Rifle (credit s-m)
Faridabad Krinkov Rifle (credit s-m)

Faridabad News Today: AK-74 का कॉम्पैक्ट वर्जन

AK Krinkov असल में प्रसिद्ध AK-74 राइफल का छोटा संस्करण है। इसमें वही 5.45×39 मिमी की गोलियां प्रयोग की जाती हैं। इस राइफल की बैरल और बॉडी को छोटा कर दिया गया है, ताकि इसे इमारतों, गाड़ियों या सीमित जगहों में आसानी से इस्तेमाल किया जा सके। यह छोटी होने के बावजूद बहुत शक्तिशाली है। जब इससे गोली चलाई जाती है, तो यह तेज़ आवाज़ और आग की चमक के साथ निकलती है।

Faridabad Krinkov Rifle (credit s-m)
Faridabad Krinkov Rifle (credit s-m)

कहां तैयार हुई ये गन?

इस राइफल का निर्माण सोवियत यूनियन के इज़्हमैश (Izhevsk) या कालाशनिकोव डिजाइन ब्यूरो में हुआ था। प्रसिद्ध हथियार डिज़ाइनर मिखाइल कालाशनिकोव (Mikhail Kalashnikov) और उनकी टीम ने इस मॉडल को विकसित किया था। 1979 के आसपास इसे औपचारिक रूप से सेना में शामिल किया गया।

‘क्रिनकॉव’ नाम की कहानी

दिलचस्प बात यह है कि “क्रिनकॉव (Krinkov)” नाम किसी भी रूसी दस्तावेज़ या सेना के रिकॉर्ड में नहीं मिलता। यह नाम कहां से आया, इस पर कई मत हैं।कुछ लोगों का मानना है कि यह नाम अफगान मुजाहिदीन लड़ाकों ने दिया था, जिन्होंने सोवियत-अफगान युद्ध के दौरान इस हथियार पर कब्जा किया था। दूसरी ओर, कुछ का कहना है कि अमेरिकी सैनिकों या हथियार संग्रहकर्ताओं ने गलती से इसे यह नाम दे दिया, जो बाद में प्रचलित हो गया। आज के समय में, अमेरिका और कई अन्य देशों में AK Krinkov काफी मशहूर है।

यह भी पढ़ें: Faridabad Breaking News: फरीदाबाद में अब फिर छापेमारी! 50 किलो से अधिक विस्फोटक बरामद, 2 गिरफ्तार

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अमित कुमार पिछले 3 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा वायरल खबरें लिखने में माहिर हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन व भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) से पोस्ट ग्रेजुएट का डिप्लोमा और उत्तर प्रदेश राजश्री टंडन विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई की। इसके बाद वेबसाइट पर लिखने के साथ पत्रकारिता की शुरुआत की और बाद में इंडिया डेली न्यूज चैनल में बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। फिर इसके बाद न्यूज़ इंडिया 24x7 में हिंदी सब-एडिटर की पद पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं।

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