प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने जागरूकता शिविर का आयोजन किया
प्राकृतिक खेती के फायदे जानने के लिए भारी संख्या में पहुंचे किसान
कृषि विभाग एंव कृषि विज्ञान केंद्र, अम्बाला द्वारा बराडा, अनाज मण्डी में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय जिला स्तर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एग्रीकल्चर डिप्टी डायरेक्टर जसविंदर सिंह सैनी , कृषि विज्ञान केंद्र डायरेक्टर उपासना सिंह व और भी अधिकारी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में भारी संख्या में किसान पहुंचे। इस मौके पर किसानों को जागरूक किया गया कि प्राकृतिक खेती करने के क्या फायदे है। कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र समय समय पर ऐसे कैंप लगाकर लोगों को जागरूक करता रहता है और किसान भी अब जागरूक हो गए है और रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती करने लगे है। किसानों का कहना है कि प्राकृतिक खेती में मुनाफा चाहे कम हो लेकिन बीमारियों से बचा जा सकता है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
कृषि विभाग एंव कृषि विज्ञान केंद्र, अम्बाला द्वारा बराडा, अनाज मण्डी में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय जिला स्तर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजित इस वर्कशॉप में भारी संख्या में किसानों ने भाग लिया। जानकारी देते हुए एग्रीकल्चर डिप्टी डायरेक्टर जसविंदर सैनी ने बताया कि आज की वर्कशॉप में किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि रासायनिक खादों को छोड़कर प्राकृतिक खेती की तरफ जाएं ताकि आजकल जो बीमारियां चल रही है उनसे बचा जा सके क्योंकि हमने अनाज तो बहुत पैदा कर लिया है लेकिन उसकी क्वालिटी बहुत खराब हो गई है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग में एक स्कीम आ रही है राष्ट्रीय परंपरागत कृषि विकास योजना उसी के तहत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए आज ये अंबाला के बराडा में प्रोग्राम रखा गया है। उन्होंने बताया कि किसान जागरूक हो रहे है और आगे भी हमारा प्रयास रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती की और जाएं। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र की डायरेक्टर उपासना सिंह ने भी आज के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी कि किस प्रकार से प्राकृतिक खेती करके किसान खुशहाल हो सकता है।
भारी संख्या में पहुंचे किसान
कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारी संख्या में किसान पहुंचे और मीडिया से बात करते हुए किसानों ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने के काफी फायदे है हालांकि प्राकृतिक खेती में मुनाफा कम है लेकिन फायदे बहुत है उन्हों कहा कि लोगों को बीमारियों से निजात मिलेगी। हालांकि किसान अभी कुछ खेती प्राकृतिक करते है लेकिन आने वाले समय में किसान जैसे जैसे जागरूक हो रहे है तो रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती करने लगेंगे। आज किसान काफी जागरूक हो गया है और सबसे बड़ी बाद है कि आज का किसान पढ़ा लिखा भी है। कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा समय समय पर किसानों को जागरूक किया जा रहा है और सरकार की योजनाओं के बारे में भी बताया जा रहा है जिसका फायदा भी किसान उठाकर काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे है।