Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

गन्ने की पिछली 42 करोड़ की अदाईगी न होने से भडक़े किसान

NULL

01:51 PM Jan 11, 2018 IST | Desk Team

NULL

लुधियाना : लुधियाना में भारतीय किसान यूनियन के मुख्य दफ्तर में किसान यूनियन के उपप्रधान हरिंदर सिंह लखोवाल की अध्यक्षता में एक विशाल मीटिंग हुई जिसमें पंजाब सरकार की ओर से किसानों के साथ किए गए कर्जा माफी के बारे में विचार चर्चा की गई और आने वाले समय में राज्य स्तर की हंगामी बैठक करने की बात कही।

इस मौके पर उपप्रधान हरेंद्र सिंह लक्खोवाल ने जानकारी देते हुए कहा की सरकार अपना समय निकाल रही है। उन्होंने कहा कि पिछली 42 करोड रुपए गन्ने की अदायगी बाकी है जो कि अभी तक पंजाब सरकार की ओर से नहीं दी गई और कहा कि सरकार किसानों को सर्टिफिकेट बांट रही है, सर्टिफिकेट से कुछ नहीं होगा, किसानों को पैसे दिए जाएं। उन्होंने कहा कि किसानों के खाते में कोई पैसा नहीं आ रहा और कहा कि किसान अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे है। किसानों को आस थी कि सरकार ने किसानो का करजा माफ करने का वादा किया था और किसानो की खुद खुशियां भी रुक गई थी। लखोवाल ने कहा कि बैंकों सोसाइटियों का कर्ज ना देने के कारण किसानो का कर्जा और बढ़ता जा रहा है जिस कारण किसान खुदकुशी करने पर मजबूर है।

इस मौके लखोवाल ने कहा कि हम जिले 22 महीना बार मीटिंग कर रहे हैं और सरकार को जागरुक कर रहे हैं उन्होंने कहा कि किसानों को साथ में लेकर मीटिंग है की जा रही है और बड़ी मीटिंग भी की जाएगी जिसमें एक बड़ा प्रण लिया जाएगा और सरक ार को जागरुक किया जाएगा।

इस मौके उन्होंने बिजली के थर्मल प्लांट बंद करने पर कहा कि सरकार कह रही है कि पावर सरप्लस बिजली है लेकिन थर्मल प्लांट को बंद किया जा रहा है उन्होंने कहा कि किसानों को दिन की बजाय रात को बिजली मुहैया करवाई जा रही है उन्होंने कहा कि एक दिन छोडक़र रात को 8 या 10 घंटे बिजली मुहैया करवाई जा रही है जो कि रात को ऐसे सर्दी के समय में किसान बिजली का क्या करेगा । उन्होंने कहा कि मानसा में भी 25 किसानों को सर्टिफिकेट दिए गए हैं लेकिन उससे भी किसान नाखुश है उन्होंने कहा कि हमारी फोटो लगाकर किसानों को जलील किया जा रहा है।

24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।

– सुनीलराय कामरेड

Advertisement
Advertisement
Next Article