Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

किसानों ने लुधियाना-चंडीगढ़ हाईवे किया जाम, ट्रैक्टरों की चाबियां सौंपी

NULL

02:45 PM May 30, 2018 IST | Desk Team

NULL

लुधियाना : महंगाई और डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ पंजाब के धरती पुत्र कहे जाने वाले किसानों ने सरकारी बेरूखी से परेशान होकर मंगलवार की सुबह नौ बजे से 12 बजे तक समराला में लुधियाना-चंडीगढ़ राजमार्ग जाम कर दिया। इस दौरान इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। हालांकि पुलिस ने विकल्प के रूप में यातायात रूट प्लान किया हुआ था। आज भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों पर समराला पहुंचे।

किसानों ने एक हजार से अधिक ट्रैक्टरों की चाबियां समराला के एसडीएम को सौंपी। किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने बोधली कालेज से लेकर प्रशासनिक कार्यालय तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी। जाम को देखते हुए यातायात को डायवर्ट कर दिया गया था। हालांकि किसानों ने अपने आंदोलन की घोषणा पहले ही कर रखी थी। इस दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की और पेट्रोल -डीजल की कीमत घटाने की मांग की।

किसानों के आंदोलन को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। चंडीगढ़ – लुधियाना के बीच रूट को भी डाइवर्ट कर दिया गया था। भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा डीजल महंगी होने से किसानों में सख्त नाराजगी है। धान की रोपाई शुरू होनी है और डीजल के दाम बढ़ाकर किसानों की रीढ़ तोड़ी जा रही है। इसलिए किसानों ने अपने ट्रैक्टरों को एसडीएम समराला के माध्यम से सरकार के हवाले कर खेती से हाथ खड़े कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि डीजल की कीमतों को बाजार के हवाले करके केंद्र सरकार ने पिछले चार साल में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये कमाया है। बड़े घरानों की तेल रिफाइनरियों को मुनाफा कमाकर दिया जा रहा है।

1 जून से दूध, सब्जियों की सप्लाई बंद करने को मुनादी शुरू
1 जून से 10 जून तक दूध और सब्जियों की सप्लाई बंद करने की तैयारियों के लिए किसानों ने गांव-गांव में मुनादी के जरिए किसानों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन राजेवाल समेत पंजाब के तमाम किसान संगठन इस मुद्दे को लेकर एक मंच पर हैं। यह आंदोलन देशभर में छेड़ा जा रहा है। किसानों ने 1 जून से 10 जून तक शहरों में जहां दूध और सब्जियों की सप्लाई पूरी तरह से बंद करने का ऐलान किया है।

संगठनों ने कहा है कि किसान इन 10 दिनों में शहरों से कोई चीज नहीं खरीदेंगे। भाकियू प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमारा मकसद लोगों को परेशान करना नहीं बल्कि सोई हुई सरकार को जगाना है। मुहिम के नेतृत्वकर्ता प्रसिद्ध कृषि अर्थशास्त्री दविंदर शर्मा ने बताया कि किसानों की सबसे बड़ी मांग उन्हें 18 हजार रुपये महीना आय सुनिश्चित करवाना है।

– रीना अरोड़ा

24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।

Advertisement
Advertisement
Next Article