पंजाब की सड़कों पर उतरे किसान, कृषि अध्यादेशों के खिलाफ सियासी नेताओं को घेरा
आज पंजाब भर में केंद्र सरकार के 3 बनाए गए नए कृषि अध्यादेशों के खिलाफ 13 अलग-अलग किसान मजदूर संगठनों के कार्यकर्ता सडक़ों पर उतरे।
12:45 AM Jul 29, 2020 IST | Shera Rajput
लुधियाना : आज पंजाब भर में केंद्र सरकार के 3 बनाए गए नए कृषि अध्यादेशों के खिलाफ 13 अलग-अलग किसान मजदूर संगठनों के कार्यकर्ता सडक़ों पर उतरे। किसानों ने अलग-अलग शहरों में इकटठे होकर ट्रेक्टरों पर सवार होते हुए रोष प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन एकता-उग्रहा के जिला प्रधान शाम सिंह पंजेटा और महासचिव सौदागर सिंह घुडानी की अगुवाई में भाजपा किसान मोर्चा के पंजाब प्रधान विक्रम जीत सिंह चीमा को मांगपत्र सौंपा। चीमा ने विश्वास दिलाया कि अध्यादेशों में संशोधन करवाने के लिए कृषि मंत्री के साथ बैठक करवा सकते है। जबकि अध्यादेश के विरोध में पंजाब के किसानों ने भाजपा पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के घर का घेराव किया। बेशक कोरोना के कारण प्रदर्शन पर पाबंदी है, लेकिन इसके बावजूद माझा किसान संघर्ष कमेटी और लोक इंसाफ वेलफेयर सोसायटी पंजाब की अगुआई में विभिन्न जिलों से करीब 400 किसान पठानकोट पहुंच गए।
पुलिस व प्रशासन ने किसानों को रोकने की कोशिश की फिर भी रविवार को 70 से 80 किसान भाजपा प्रदेश प्रधान के घर तक पहुंच गए और घेराव की कोशिश की। यहां प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में पुलिस ने जत्थेबंदियों के 10 नेताओं के साथ अश्विनी शर्मा के साथ बैठक करवाई। अश्विनी शर्मा ने मांग पत्र लेने के बाद किसान जत्थेबंदियों को उनकी समस्या केंद्र सरकार के सामने रखने का भरोसा दिया है। जबकि संगरूर के इलाका लोंगोवाल में भी जबरदस्त रोष प्रदर्शन करते हुए ट्रेक्टरों पर मार्च पास्ट किया गया। अकाली दल के इलाका इंचार्ज और शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई लोंगोवाल की रिहायश का घेराव किया गया।
माझा किसान संघर्ष कमेटी के किसान नेता कंवलजीत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि अध्यादेशों ने किसानों को भारी नुकसान होगा। मंडियां खत्म हो जाएंगी। 23 फसलों से समर्थन मूल्य भी हटा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 10 अगस्त को देश भर में इन कानूनों के खिलाफ संघर्ष शुरू किया जाएगा।
– सुनीलराय कामरेड
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